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त्रिदोषों के लिए सबसे अच्छी औषधि क्या है? एक्सपर्ट से जानें

शरीर में त्रिदोष असंतुलित होने से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं शरीर में त्रिदोष को प्राकृतिक रूप से संतुलित कैसे करें?
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त्रिदोषों के लिए सबसे अच्छी औषधि क्या है? एक्सपर्ट से जानें


आज के समय में लोग अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपने खान-पान, शारीरिक गतिविधियों और गलत लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। चाहकर भी लोग एक्सरसाइज के लिए समय निकाल पाना, हेल्दी डाइट लेने या अपने रूटीन में अच्छी चीजें शामिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। आयुर्वेद में भी हमारे शरीर में तीन तरह के दोष वात, पित्त और कफ होता है, जो खराब लाइफस्टाइल या डाइट के कारण असंतुलित हो जाते हैं। ऐसे में इन दोषों को संतुलित रख कर आप कई बीमारियों को बढ़ने से रोक सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर वरलक्ष्मी यनमन्द्र ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके तीनों दोषों को संतुलित करने का उपाय बताया है। तो आइए जानते हैं शरीर में त्रिदोष संतुलित करने के लिए क्या करें?

त्रिदोष कैसे संतुलित करें?

वात दोष कंट्रोल करने के लिए औषधि

तिल का तेल

शरीर में वात दोष बढ़ने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जिसमें स्किन और बालों का रूखापन, जोड़ों का दर्द और पाचन से जुड़ी समस्याएं शामिल है। ऐसे में इस दोष को कम करने या कंट्रोल करने के लिए व्यक्ति तिल के तेल का उपयोग कर सकता है। यह तेल वात को संतुलित करने और उसे नियंत्रित रखने के लिए सबसे अच्छा तरल वसा है। इस तेल का उपयोग आप अभ्यंग ट्रीटमेंट के लिए, खाना पकाने में इस्तेमाल के लिए या अपने कानों में डाल सकते हैं। यह आपकी स्किन और हड्डियों के लिए पौष्टिक और सुखदायक है।

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पित्त दोष कंट्रोल करने के लिए औषधि

घी

शरीर में पित्त दोष बढ़ने से पेट और सीने में जलन, अपच, कब्ज, स्किन पर एक्ने, खुजली, बहुत ज्याद गर्मी लगना या शरीर से बदबू आने जैसे समस्याएं हो सकती है, जिसे दूर करने के लिए आप घी का सेवन कर सकते हैं। घी को इसके मीठे स्वाद और ठंडी शक्ति के कारण पित्त को संतुलित करने के लिए सबसे अच्छा ठोस वसा माना जाता है। घी को आप गर्म खाने में मिलाकर खा सकते हैं, नस्य के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, पैरों पर मालिश कर सकते हैं और आंखों पर लगा सकते हैं।

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कफ दोष कंट्रोल करने के लिए औषधि

शहद

शरीर में कफ दोष बढ़ने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- सांस की नली में सूजन, गले या फेफड़ों में जलन, एलर्जी आदि। कफ दोष को संतुलित करने के लिए आप शहद का सेवन कर सकते हैं, शहद का स्वाद मीठा होता है, इसके ड्राई और कसैले गुण कफ संतुलित करने में फायदेमंद होता हैं। कफ प्रकृति के लोग शहद का सेवन सुबह सबसे पहले यानी खाले पेट कर सकते हैं, यह वसंत और सर्दियों के दौरान किया जा सकता है। इसे कभी भी किसी गर्म चीज के साथ मिलाकर खाने से बचें।

 
 
 
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शरीर के तीनों दोष कफ, पित्त और वात को कंट्रोल करने के लिए आप इन औषधियों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको कोई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है या इन चीजों से एलर्जी है तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से कंसल्ट कर लें।

Image Credit: Freepik 

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