
आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में तीन मुख्य दोष होते हैं- वात, पित्त और कफ। ये तीनों दोष अपनी प्रकृति अवस्था में रहते हुए हमें स्वस्थ रखते हैं। लेकिन अगर ये दोष विकृत होते हैं, तो शरीर में रोग उत्पन्न करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार अगर व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुसार आहार-विहार का पालन करता है, तो हमेशा स्वस्थ रहता है। लेकिन अगर उसका भोजन प्रकृति से विपरीत होता है, तो शरीर में कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे में जो भी तत्व असंतुलित होता है, उसके अनुसार भोजन का सेवन किया जाता है। आयुर्वेद में इन तीनों दोषों को संतुलित रखना बहुत जरूरी होता है। आज हम बात कर रहे हैं, वात दोष के बारे में। वात लघु, रूक्ष और शीत गुणों से विकृत अवस्था में आता है। वात के अंसुलित होने पर ही शरीर में कई बीमारियां जन्म ले लेती हैं। इस दोष के कारण घुटनों में दर्द, हड्डियों और शरीर में तेज दर्द और शरीर कमजोर होने जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में अगर शरीर में वात बढ़ जाता है, तो अपने खान-पान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इंचार्ज आयुष डिस्पेंसरी, चरक पालिका हॉस्पिटल एनडीएमसी, नई दिल्ली की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुष्मिता शर्मा से जानें वात दोष होने पर क्या खाना चाहिए और किन चीजों से दूरी बना कर रखनी चाहिए (What to Eat and Avoid in Vatt Rog)।
वात दोष के लक्षण (Symptoms of Vatt Dosha)
जब शरीर में वात असंतुलित होता है तो कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं, लेकिन इससे पहले शरीर में कुछ लक्षण नजर आते हैं जैसे-
- - बेचैनी और घबराहट
- - सिर चकराना
- - नींद न आना
- - थकान
- - चिंता
- - शरीर में दर्द होना
- - कमजोरी महसूस करना
- - कंपन
- - वाक दोष

वात दोष के कारण (Causes of Vatt Dosha)
कोई भी समस्या अपने आप पैदा नहीं होती है, इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। ऐसे ही वात दोष होने के भी कई कारण हैं-
- - असंतुलित भोजन
- - शारीरिक रूप से सक्रिय न होना
- - अनियमित दिनचर्या और
- - खाने में पोषक तत्वों की कमी
इन चीजों का करें सेवन (Eat These Things)
- - घी, तेल और फैट
- - गेंहू
- - तिल
- - दूध
- - मक्खन
- - पनीर
- - गाजर
- - चुकंदर
- - पालक
- - मूंग दाल
- - परवल
मसालों का भी करें सेवन (Eat Spices Also)
वात दोष को दूर करने के लिए मसालों का सेवन भी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा मसालों का इस्तेमाल करें। आप दालचीनी, सरसों, अदरक, लहसुन और जायफल का सेवन कर सकते हैं। इनकी तासीर गर्म होती है, जो वात दोष को संतुलित करने में मदद करते हैं।
आराम भी है जरूरी (Rest is Also Important)
शरीर में वात दोष को शांत या संतुलित करने के लिए आराम करना भी बहुत जरूरी होता है। अगर आपको वात दोष है, तो अपने शरीर को आराम जरूर दें। इससे भी इस समस्या में आराम मिलता है। आप चाहें तो मन को सुकून देने के लिए धीरे-धीरे म्यूजिक भी सुन सकते हैं।
इन चीजों से बनाएं दूरी (Avoid These Things)
- - बाजरा
- - जौ
- - मक्का
- - पत्तागोभी
- - ब्रोकली
- - फूलगोभी
- - बैंगन
- - कोल्ड कॉफी
- - ब्लैक टी
- - ठंडा जूस
- - नाशपाती
- - कच्चे केले
- - मसूर की दाल
- - चना दाल
- - अचार और चटनी
- - प्रोसेस्ड और फास्ट फूड

वात को संतुलित करने के लिए अपनी जीवनशैली में करें बदलाव (Change Your Lifestyle to Balance Vatt Dosh)
वात दोष को संतुलित करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की भी जरूरत होती है। इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या को सही से पालन करने की जरूरत होती है।
- - वात दोष को ठीक करने के लिए रोजाना धूप से टहलें। क्योंकि इस दोष को दूर करने के लिए आपको विटामिन डी की जरूरत होती है।
- - गुनगुने तेल से मालिश करने से भी वात रोग में आराम मिलता है। इसके लिए तिल या जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
वात दोष के दौरान रखें इन बातों का ध्यान (Keep These Things in Mind )
- - व्यायाम और एक्सरसाइज करने से तीनों रोग दूर होते हैं। वात रोग को दूर करने के लिए भी योग करना जरूरी होता है।
- - भोजन को अच्छे से चबा-चबा कर खाएं।
- - खाना खाने के बाद 10 मिनट की वॉक जरूर करें।
- - कोई भी मील स्किप न करें।
- - ठंडी तासीर वाली चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
अगर आप भी वात दोष से परेशान हैं तो इन टिप्स की मदद से इसे शांत कर सकते हैं। लेकिन अगर इन टिप्स की मदद से भी आपको लंबे समय तक आराम न मिलें, तो आपको एक बार डॉक्टर से सलाह जरूरी लेनी चाहिए। आयुर्वेद में वात दोष के इलाज के लिए कई आयुर्वेदिक औषधीय मौजूद हैं। इनके सेवन से आपको कुछ ही दिनों में इस दोष से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए इस दोष को नजरअंदाज बिल्कुल न करें और समय से इसका इलाज करवाएं।
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