
connection between vata dosha and cold in ayurveda in hindi: सर्दियों के मौसम में अक्सर लोगों को वात दोष के बढ़ने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण लोगों को जकड़न होने, शरीर में ड्राइनेस होने, बेचैनी होने, स्ट्रेस होने, नींद की कमी को दूर करने, होंठों के फटने, बालों के रूखा होने, जोड़ों में दर्द होने और पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में वात दोष को नियंत्रित रखने के लिए कई तरह की उपायों को अपनाया जाता है, लेकिन कई बार लोगों के मन में सवाल उठता है कि वात का सर्दी से क्या कनेक्शन होता है? ऐसे में आइए लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानें आयुर्वेद में वात दोष और सर्दी का कनेक्शन क्या है?
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वात दोष और सर्दी का क्या कनेक्शन है? - What is the connection between Vata Dosha and cold?
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, वात दोष का अर्थ है डिजनरेशन यानी इसके कारण शरीर में टूटन-फूटन जैसी समस्याएं होती हैं। वात को वायु भी कहा जाता है। वात के शीत और रूक्ष गुण होते हैं यानी ठंडी हवा या वायु का ठंडा होना और ड्राइनेस होने जैसी समस्याएं।
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डॉ. श्रेय शर्मा आगे कहते हैं कि शीत गुण वायु का है। ऐसे में जब शीत गुण प्रबल हो जाता है, तो सीधे तौर पर वायु बढ़ने से वात दोष बढ़ने लगता है। इसके कारण लोगों को सर्दियों में जोड़ों में दर्द बढ़ने और ड्राइनेस होने की समस्या होती है।

डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि वात के गुणों के लिए बोला गया है कि "रूक्ष, सूक्ष्म चलो अतः विषय खर" यानी वात दोष के बढ़ने पर रूखा (रूक्ष), लाइट या छोटा (सूक्ष्म) और ड्राइनेस होने, ठंडक होने और खुरदरा (विषध खर) होने की समस्याएं होती हैं। बता दें, ये समस्याएं वात के बढ़ने के प्रबल लक्षणों में से एक हैं।
शरीर में वात बढ़ने के क्या लक्षण हैं? - sharir mein vata dosha badhne ke kya lakshan hai
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, शरीर में वात दोष के बढ़ने के कारण को व्यक्ति को जोड़ों में दर्द होने और ड्राइनेस होने जैसी कई तरह की परेशानियां होती हैं।
- रूखेपन की समस्या: वात बढ़ने के कारण व्यक्ति को त्वचा के रूखा होने, फटने या खुरदरापन होने और बालों को रूखापन और ड्राइनेस होने की समस्या होती है।
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- पाचन से जुड़ी समस्या: वात दोष के बढ़ने के कारण व्यक्ति को कब्ज, अपच, ब्लोटिंग, गैस और पाचन से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- मांसपेशियों में ऐंठन: वात दोष के बढ़ने के कारण व्यक्ति को जोड़ों में दर्द बढ़ने, अकड़न होने, मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द होने जैसी समस्याएं होती हैं।
- एनर्जी की कमी: कई बार सर्दियों में वात के बढ़ने के कारण ही व्यक्ति के शरीर में कमजोरी होने, एनर्जी की कमी होने या अन्य परेशानियां हो सकती हैं।
निष्कर्ष
वात दोष के शीत और रूक्ष गुण होते हैं। ऐसे में सर्दी के बढ़ने पर वात के बढ़ने की समस्या होने लगती है। इसके कारण व्यक्ति को जोड़ों में दर्द होने, स्किन के ड्राई होने, होठों के फटने, मांसपेशियों में ऐंठन होने, शरीर में कमजोरी होने, शरीर में एनर्जी की कमी होने, कब्ज या पाचन से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ध्यान रहे, वात दोष के बढ़ने के कारण व्यक्ति को अधिक समस्या महसूस होने या इसके कारण होने वाली परेशानियां बढ़ने पर शरीर को गर्म रखने की कोशिश करें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ताकि इन समस्याओं से राहत मिल सके।
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FAQ
वात बढ़ने के क्या लक्षण हैं?
शरीर में वात दोष बढ़ने पर शरीर में ड्राइनेस होने, दर्द होने, पेट में गैस होने, कब्ज होने, नींद की कमी, स्ट्रेस होने, जकड़न होने, जोड़ों में दर्द होने और ठंड लगने जैसे संकेत दिखते हैं।ठंडी में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
ठंड में अक्सर लोगों को गर्म तासीर वाले फूड्स को खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, पोषक तत्वों से युक्त हरी सब्जियां, मौसमी फल, ड्राई फ्रूट्स, अदरक वाली चाय और हल्दी दूध का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनसे शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिलती है।वात रोग में क्या खाना चाहिए?
वात रोग के बढ़ने के कारण लोगों को ताजा पकी हुई सब्जियों, अदरक, हल्दी, लहसुन और सूप जैसे फूड्स को डाइट में शामिल किया जा सकता है।
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Nov 26, 2025 11:58 IST
Published By : Priyanka Sharma