
Which Dosha can be Disbalance in Winter: हमारा शरीर वात, पित्त और कफ प्रकृति से बना होता है। शरीर का स्वास्थ्य भी इन तीनों पर निर्भर करता है। अगर शरीर में वात, पित्त और कफ संतुलन में रहते हैं, तो आप स्वस्थ रहते हैं। वहीं, अगर इनमें से कोई भी एक असंतुलित होता है, तो आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से परेशान होना पड़ता है। इसलिए इन्हें दोष के रूप में जाता है। जब शरीर में पित्त बढ़ता है, तो इसे पित्त दोष कहा जाता है। ऐसे ही वात दोष और कफ दोष भी होता है। वैसे तो दोष का संतुलन या असंतुलन में रहना काफी हद तक खाने-पीने पर निर्भर करता है। लेकिन कई स्थितियों में मौसम के अनुसार भी वात, पित्त और कफ असंतुलित हो जाते हैं। अभी सर्दी का मौसम चल रहा है, तो चलिए आरोग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर सुगीता मुटरेजा से जानते हैं कि सर्दियों में कौन सा दोष बढ़ता है?
क्या कहती हैं डॉक्टर?
आरोग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि सर्दी के मौसम में धूप या सूरज की रोशनी शरीर को एनर्जी यानी ऊर्जा देती है। लेकिन इस मौसम में सूरज की रोशनी आपसे एनर्जी नहीं लेती है। इसकी वजह से सर्दी के मौसम में आपके शरीर में स्ट्रेंथ या ताकत बढ़ती है। सर्दियों में शरीर की गर्मी अंदर ही रह जाती है, क्योंकि यह हीट ठंड की वजह से बाहर नहीं निकल पाती है। ऐसे में इस मौसम में बॉडी में हीट सही रहती है और आपका डाइजेशन भी सही रहता है। यानी इस मौसम में पित्त और कफ संतुलन में रह सकता है। लेकिन इसके लिए भी आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
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सर्दी में कौन सा दोष बढ़ सकता है?- Doshas Impact on Health in Winters in Hindi
आयुर्वेदिक डॉक्टर सुगीता मुटरेजा बताती हैं सर्दियों में वात दोष के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। ठंडा मौसम वात को बढ़ा सकता है। इसलिए कहा जाता है कि जिन लोगों को वात रोग है, उन्हें सर्दी में अपना अधिक देना चाहिए। सर्दी के मौसम में वात असंतुलित हो सकता है, ऐसे में आपको वात से जुड़ी समस्याएं होनी शुरू हो सकती है। जोड़ों में दर्द सर्दियों में होने वाला एक सबसे बड़ा वात रोग है।
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वात दोष के लक्षण- Vata Dosha Symptoms in Hindi
जिस तरह से पित्त दोष होने पर शरीर में लाल चकत्ते और फोड़े-फुंसियां होने लगती हैं, उसी तरह वात दोष के बढ़ने पर भी आपको कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। वात दोष के लक्षण-
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- ड्राई स्किन और होंठ
- वजन कम होना
- नींद न आना
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वात दोष को कैसे बैलेंस करें?- How to Balance Vata Dosha in Hindi
- वात दोष को संतुलन में लाने के लिए आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं। खान-पान में बदलाव करके वात दोष को संतुलित किया जा सकता है।
- वात दोष को कम करने के लिए आपको सर्दी में मधुर रस, खट्टा या फिर नमक वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए।
- सर्दियों में अन्य मौसमों की तुलना में डाइजेशन बेहतर रहता है। इसलिए इस मौसम में आप अपनी डाइट में दूध, दही, घी आदि शामिल कर सकते हैं। ये फूड्स वात को कम करने में भी मदद करते हैं।
- इस मौसम में आपको गर्म तेल से शरीर की मालिश जरूर करनी चाहिए ताकि आपकी बॉडी में वात दोष संतुलन में रहे।
- इस मौसम में आपको गर्म तासीर के चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। और ठंडी तासीर वाली चीजों से परहेज करना चाहिए।
- वात रोग वाले लोगों को सर्दियों में चावल, आइसक्रीम और ठंडे पानी से बचना चाहिए।
अगर आप भी सर्दियों में वात रोगों से परेशान रहते हैं, तो इसके लिए अपनी डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। इससे आप वात दोष को संतुलन में ला सकते हैं।
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