शरीर में अगर बिगड़ जाए वात दोष तो त्रिफला का करें इस्तेमाल, कुछ दिनों में ही दोष को करेगा ठीक

अगर कोई रोग आपके शरीर को शाम के समय या देर रात परेशान कर रहा है, तो इसका अर्थ है कि उस रोग का कारण वात दोष है। मोटापा भी वात दोष के कारण होता है।
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शरीर में अगर बिगड़ जाए वात दोष तो त्रिफला का करें इस्तेमाल, कुछ दिनों में ही दोष को करेगा ठीक


आयुर्वेद के मुताबिक, हमारे शरीर में ज्यादातर बीमारियां का कारण वात, पित्त और कफ होता हैं। आयुर्वेद में इन 3 तत्वों को ही हमारे स्वास्थ्य का आधार माना गया है। इसके अनुसार सिर से लेकर छाती के बीच तक के रोग कफ बिगड़ने से होते हैं। छाती के बीच से लेकर पेट और कमर के अंत तक में होने वाले रोग पित्त बिगड़ने के कारण होते हैं और कमर से लेकर घुटने और पैरों के अंत तक होने वाले रोग वात बिगड़ने के कारण होते हैं। अब आप सोचेंगे कि वात क्या होता है। वात दोष होता है जब हमारे शरीर में हमा सामान्य से कई गुना ज्यादा हो जाती है तो उसे वात दोष कहा जाता है। आर्युवेद में माना जाता है कि जब वात बिगड़ने का पता तब भी लगाया जा सकता है जब कोई रात या फिर शाम को काफी परेशान हो रहा हो। इससे समझा जा सकता है कि उस व्यक्ति का वात दोष बिगड़ गया है। अगर आप भी इसका शिकार हो गए हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप त्रिफला की मदद से इससे छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि वात दोष का मुख्य कारण क्या है और कैसे त्रिफला इसको ठीक करने में आपकी मदद करता है। 

वात दोष बिगड़ने के कारण क्या है? 

  • मोटापा। 
  • सही डाइट न होना। 
  • शरीर को सही पोषक तत्व न मिल पाना। 
  • देर तक भोजन करना। 
  • ज्यादा पका हुआ सूखा खाना। 
  • अनियमित जीवनशैली। 
  • गंभीर चोट के कारण। 

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कैसे पहचानें वात दोष बिगड़ा हुआ है? 

वात दोष जब बिगड़ा हुआ होता है तो इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है, लेकिन अगर आपको इसके सही लक्षणों के बारे में पता हो तो आप आसानी से इसका पता लगा सकते हैं और समय पर इससे छुटकारा पा सकते हैं। इसके मुख्य लक्षण: 

  • छाती सिकुड़ने लगती है। 
  • वजन लगातार कम होने लगता है।  
  • शरीर की नसें दिखने लगती है। 
  • त्वचा में रुखापन आने लगता है। 
  • मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। 
  • घबराहट होना। 

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वात दोष को ठीक करता है त्रिफला

वात दोष में त्रिफला को सबसे बेहतरीन विकल्प है और इसे काफी प्रभावी उपचार माना जाता है। ये फल कब्‍ज में बहुत लाभकारी होते हैं। आप त्रिफला चाय या फिर आप त्रिफला को एक चौथाई चम्‍मच, आधा चम्‍मच धनिया के बीच, एक चौथाई चम्‍मच इलायची के दाने को पीस लें और इसे दिन में दो बार लें। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें रेचक गुण होते हैं। इलायची और धनिया के बीज पेट फूलना और अपमान से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। अगर आप सुबह सुबह खाली पेट ताजे पानी के साथ त्रिफला का सेवन करते हैं तो इसके आपकी कब्ज की समस्या दूर होती है, जिसके कारण दिन भर तरोताजा महसूस होता है। वहीं त्रिफला के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरक्षा भी बढ़ने लगती है, जिससे लम्बे समय तक रोगों से बचा जा सकता है। ऐसे में लोगों को यहीं सलाह दी जाती है कि त्रिफला का सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए, ताकि शरीर में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें न हो।

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