
Anti Aging Herbs in Ayurveda: उम्र बढ़ने पर आपके चेहरे पर झुर्रियां और बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। उम्र बढ़ना तो एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे आप रोक नहीं सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार कर लें, तो बढ़ती उम्र के कारण बुढ़ापे के लक्षणों का शिकार होने से बच सकते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (Anti Ageing and Ayurveda) का इस्तेमाल बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में तमाम ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो आपको उम्र का शिकार होने से बचाने का काम कर सकती हैं। इन जड़ी-बूटियों के सेवन से आप चेहरे पर झुर्रियां, स्किन का कमजोर और डल होना जैसी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में।
आयुर्वेदिक एंटी-एजिंग जड़ी-बूटियों के फायदे- Anti Aging Herbs in Ayurveda in Hindi
उम्र बढ़ने पर आपकी डीजनरेशन सेल्स के फंक्शन में बदलाव शुरू होता है और इसकी वजह से एजिंग के लक्षण आपके चेहरे और शरीर पर दिखाई देते हैं। बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इन आयुर्वेदिक एंटी-एजिंग हर्ब्स का सेवन कर आप बुढ़ापे के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं-
1. हल्दी
हल्दी का इस्तेमाल स्किन को बेहतर बनाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हल्दी में मौजूद गुण मुंहासे और एक्जिमा जैसी गंभीर समस्याओं में बहुत उपयोगी माने जाते हैं। हल्दी को आप डाइट और स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल झुर्रियों को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।
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2. नीम
नीम को आयुर्वेद में बहुत ही शक्तिशाली औषधि माना गया है। नीम में मौजूद गुण स्किन को बेहतर बनाने और कई गंभीर परेशानियों से बचाने में उपयोगी माने जाते हैं। नीम में एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो बढ़ती उम्र के कारण झुर्रियों और दाग-धब्बे को कंट्रोल करने में उपयोगी होते हैं।
3. गिलोय
गिलोय का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसका सेवन करने से आपके टिश्यूज को दोबारा से विकसित होने और सूजन आदि को कम करने में बहुत फायदा मिलता है।
4. अश्वगंधा
अश्वगंधा बहुत ही शक्तिशाली औषधि है, इसमें मौजूद एंटी-एजिंग गुण स्किन के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं। अश्वगंधा में मौजूद गुण आपकी स्किन को बेहतर बनाने और झुर्रियों को कम करने में बहुत फायदेमंद होते हैं। आप अश्वगंधा को डाइट और स्किन केयर रूटीन दोनों में शामिल कर सकते हैं।
5. गोटू-कोला
गोटू कोला भी बहुत फायदेमंद आयुर्वेदिक औषधि होती है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। स्किन को पोषण देने और एजिंग के लक्षणों को कम करने में गोटू-कोला का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
6. आंवला
आवंला भी आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आंवला में एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो स्किन को खूबसूरत और बेहतर बनाने में बहुत उपयोगी होते हैं। आंवला में विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट की भी पर्याप्त मात्रा होती है। आप इसका सेवन कर स्किन को बेहतर बना सकते हैं।
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इन औषधियों को डाइट और स्किन केयर रूटीन में शामिल करने से आप एजिंग के लक्षणों को कम और कंट्रोल कर सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार का सेवन करने से आपको स्किन से जुड़ी परेशानियों को कम करने में बहुत फायदा मिलता है।
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