बिगड़ी जीवनशैली और खराब खानपान के कारण वर्तमान में लोग कम उम्र से ही कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझने लगते हैं। जब समस्या गंभीर होने लगती है तो लोग डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं, जहां ब्लड टेस्ट और जांच के बाद बीमारी का पता चलता है। वहीं अगर आप अपने शरीर से जुड़ी समस्याओं को लेकर किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास जाएंगे तो वह सबसे पहले आपके शरीर में तीनों दोषों वात, पित्त, और कफ की जांच करेंगे। आयुर्वेद में बताया गया है कि स्वस्थ शरीर के लिए वात, पित्त और कफ, इन तीनों दोषों का संतुलन होना बेहद जरूरी है। ये सभी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। खासकर, वात दोष का संतुलित होना सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वात दोष बढ़ने पर कई ऐसी समस्याएं होने लगती हैं, जो व्यक्ति के रोजाना के कामों को भी प्रभावित कर सकती हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) शरीर में वात दोष बैलेंस करने के लिए जायफल का इस्तेमाल और फायदे बता रहे हैं, जिनसे आपको लाभ मिल सकता है।
शरीर में वात बैलेंस करने के लिए जायफल का सेवन कैसे करें ? - How To Balance Vata With Nutmeg
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डॉक्टर श्रेय ने बताया कि शरीर में तीनों दोषों का संतुलन में होना बेहद जरूर है। शरीर में वात दोष होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि समय से भोजन न करना, रोजाना योग और एक्सरसाइज न करना, बिगड़ी लाइफस्टाइल और भोजन में पोषक तत्वों से भरपूर चीजें नहीं खाना। डॉक्टर ने बताया कि वात बढ़ने पर व्यक्ति को घबराहट का एहसास हो सकता है। इसके अलावा चक्कर आना, अनिद्रा, तनाव, शारीरिक दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। डॉक्टर श्रेय ने बताया कि वात को बैलेंस करने के लिए जायफल का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है। जायफल की तासीर गर्म होती है, ऐसे में इसके सेवन से वात दोष आसानी से संतुलित हो सकता है।
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वात बैलेंस करने के लिए 1 से 2 ग्राम जायफल पाउडर का सेवन दूध के साथ किया जा सकता है। रात के समय दूध के साथ जायफल का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप जायफल को घिसकर भी गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। डॉक्टर ने बताया कि व्यक्ति को जायफल का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा मात्रा में जायफल का सेवन हानिकारक साबित हो सकता है।
जायफल के फायदे - What Are The Benefits Of Nutmeg
1. आयुर्वेद में वात के विकारों के इलाज के लिए जायफल का उपयोग किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक स्थितियों को संतुलित करने में मदद कर सकता है और तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
2. जायफल में मौजूद औषधीय तत्व पाचन को सुधार सकते हैं और पाचन शक्ति को बढ़ा सकते हैं। इससे पेट संबंधी समस्याओं में भी लाभ हो सकता है।
3. जायफल में मौजूद मेलाटोनिन के कारण नींद अच्छी आती है और अनिद्रा की समस्या दूर हो सकती है।
4. जायफल शरीर में वात दोष को शांत करने में मदद कर सकता है, जिससे मन शांत रहता है और तनाव की समस्या दूर हो सकती है।
जायफल का सेवन सेहत के लिए लाभदायक होता है लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
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