Arogya with Ayurveda: आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति पांच हजार साल पुरानी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर की प्रकृति यानी वात, पित्त और कफ की जांच की जाती है और उसके अनुसार इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में सिर्फ बीमारी का इलाज की नहीं किया जाता है, बल्कि बीमारी की जड़ का पता लगाया जाता है और शरीर को अंदर से हील किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटियों, थेरेपी, आहार, योग, ध्यान और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज संभव है। लेकिन वर्तमान समय में लोग आयुर्वेद को चुनने के बजाय अन्य चिकित्सा प्रणाली पर ज्यादा विश्वास करते हैं। ऐसे में आयुर्वेद के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों तक जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से ओन्लीमायहेल्थ ने 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) स्पेशल सीरीज शुरू की है। इस सीरीज में हम अपने पाठकों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से जानकारी देगें और इसके साथ ही रियल लाइफ स्टोरीज भी शेयर करेंगे, जिससे लोगों का रुझान आयुर्वेद के प्रति बढ़े। इस 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के तहत आज हम निधि गु्प्ता की हीलिंग जर्नी शेयर कर रहे हैं। निधि गुप्ता एक्सीडेंट की शिकार हुईं, जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई, लेकिन आयुर्वेदिक इलाज से आज निधि गुप्ता बिल्कुल ठीक हो चुकी हैं।
एक्सीडेंट के कारण रीढ की हड्डी में आई गंभीर चोट
साल 2004 में दिल्ली की 50 वर्षीय इंजीनियरिंग कंसल्टेंट निधि गुप्ता को एक जीवन बदल देने वाली दुर्घटना का सामना करना पड़ा। निधि और उनके पति का मोटरसाइकिल से एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें निधि की रीढ़ की हड्डी के L3 हिस्से में गंभीर चोट आई थी। दुर्घटना के बाद निधि गुप्ता बहुत दर्द में रहीं और करीब एक महीने से ज्यादा समय तक बिस्तर से न उठ सकीं। अस्पताल में हुए प्रारंभिक उपचार और कई प्रयासों के बावजूद, निधि के पैरों में सुन्नता और असंतुलन की समस्या बनी रही, जिसके कारण वह बार-बार गिरती रहीं। इस स्थिति ने उनके चलने-फिरने और अन्य दैनिक कार्यो को करने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया। निधि की इस स्थिति ने उनका मनोबल कम किया, जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी हो सकता था।
आयुर्वेदिक उपचार लेने का निर्णय
निधि के हील होने की जर्नी में तब मोड़ आया जब उनके पति ने आयुर्वेद केंद्र की प्रमुख डॉ. सुधा अशोकन से परामर्श किया। निधि गुप्ता की स्थिति की गंभीरता को समझते हुए डॉ. अशोकन ने निधि को सात दिनों के ट्रीटमेंट प्रोग्राम के लिए आयुर्वेद केंद्र में लाने की सलाह दी।
उपचार
आयुर्वेद केंद्र में पहुंचने पर, निधि के लिए एक व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान बनाया गया। इस दौरान सात दिनों तक उनकी सही देखभाल डॉक्टर की निगरानी में हुई।
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गर्म तेल मालिश
निधि को प्रतिदिन दो बार गर्म तेल मालिश दी गई। इस पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार का उद्देश्य दर्द को कम करना, सूजन को घटाना और प्रभावित अंगों में रक्त संचार में सुधार करना था। आयुर्वेद में तेल की मालिश के अनेक फायदे बताए गए हैं। डॉक्टर जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से बने तेलों से मरीज की मालिश करते हैं, जिससे मरीज को आराम मिलता है।
दवा
निधि पहले से ही ऐसी दवाओं पर निर्भर थीं, जिनके गंभीर साइड इफेक्ट्स थे। डॉ. अशोकन ने उन्हें इन दवाओं से सुरक्षित तरीके से छुड़ाने के लिए वैकल्पिक आयुर्वेदिक दवाएं और उपचार प्रदान किए। निधि के शरीर में आयुर्वेदिक दवाओं का अच्छा असर देखने को मिला और धीरे-धीरे उनका शरीर हील होने लगा।
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चिकित्सीय प्रक्रियाएं
मालिश के साथ-साथ, निधि को अन्य आयुर्वेदिक उपचार भी दिए गए जो उनकी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को ठीक करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए थे।
आयुर्वेद केंद्र में शुरुआती सात दिनों के उपचार ने निधि के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। वह ताकत और गतिशीलता (Strength and mobility) हासिल करने लगीं, जिससे पारंपरिक दवाओं पर उनकी निर्भरता कम हो गई। इन सकारात्मक बदलावों से उत्साहित होकर निधि ने समय-समय पर आयुर्वेद केंद्र में अपना उपचार जारी रखा। विशेषज्ञों द्वारा उनकी पीठ की चोट के कारण गर्भधारण के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी के बावजूद, निधि ने सितंबर 2006 में, एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान, डॉ. अशोकन ने निधि को सपोर्ट दिया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा रहा।
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निरंतर देखभाल
आयुर्वेद केंद्र के साथ निधि की जर्नी उनके बच्चे के जन्म के साथ समाप्त नहीं हुई। साल 2018 में निधि को पीठ दर्द का अनुभव हुआ। एक आर्थोपेडिक डॉक्टर और डॉ. अशोकन दोनों से परामर्श करने के बाद, उन्होंने समग्र दृष्टिकोण का पालन करते हुए आयुर्वेदिक उपचारों के साथ-साथ चिकित्सा सलाह का पालन करना शुरू किया, जिससे उन्हें आराम मिला। निधि को अपने उपचार के दौरान अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। उन्हें नजर और आंखों से जुड़ी समस्याएं हुईं, जिन्हें केंद्र में आयुर्वेदिक नेत्र उपचार के जरिए ठीक किया गया।
निष्कर्ष
निधि गुप्ता की केस स्टडी पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार की ताकत को दर्शाती है। डॉ. सुधा अशोकन और आयुर्वेद केंद्र की समर्पित टीम की विशेष देखभाल में, निधि न केवल एक गंभीर रीढ़ की चोट से उबरीं, बल्कि उन्होंने अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हुए। निधि की कहानी से आयुर्वेद की शक्ति का पता चलता है।
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