Giloy Kadha Benefits in Hindi: गिलोय एक प्रकार की बेल है, यह आमतौर पर जंगलों में पाई जाती है। हालांकि, अब लोगों ने घरों में भी गिलोय (Giloy in Hindi) का पौधा लगाना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि आयुर्वेद में प्राचीनकाल से ही गिलोय को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। गिलोय को गुडूची (Guduchi) के नाम से भी जाना जाता है। गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन पाया जाता है। इसके अलावा, गिलोय कॉपर, आयरन, कैल्शियम, जिंक और मैंगनीज का भी बेहतरीन सोर्स होता है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। आयुर्वेद में गिलोय का उपयोग, सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। गिलोय का उपयोग गठिया, डायबिटीज और अपज जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इतना ही नहीं, आयुर्वेद में गिलोय को, सर्दी-जुकाम या बुखार ठीक करने का एक बेहतरीन घरेलू उपाय माना जाता है। जी हां, अगर आपको बुखार या सर्दी-जुकाम हो रखा है, तो आप गिलोय का उपयोग कर सकते हैं।
वैसे तो गिलोय की पत्तियों, जड़ों और तना, तीनों भाग सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन गिलोय के तने का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है। दरअसल, कुछ समय पहले मौसम में बदलाव की वजह से मुझे भी (अंजू रावत) सर्दी-जुकाम हो गया था। सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर मैं जल्दी से दवाइयों का सेवन नहीं करती हूं। ऐसे में मैंने गिलोय का काढ़ा पिया, इस काढ़े को पीने से मेरी तबियत में काफी फर्क देखने को मिला। लगभग 5-6 दिनों तक रोज एक कप गिलोय का काढ़ा पीने से मुझे सर्दी-जुकाम से राहत मिली। आयुर्वेद के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों तक जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से ओन्लीमायहेल्थ ने 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) स्पेशल सीरीज शुरू की है। इस सीरीज में हम आपको को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते रहेंगे। साथ ही, रियल लाइफ स्टोरीज भी शेयर करते रहेंगे। आज इस सीरीज के तहत हम आपको बताने जा रहे हैं कि मैंने गिलोय के काढ़े से सर्दी-जुकाम की समस्या कैसे ठीक की। इस लेख में हम आपको आयुष हॉलिस्टक सेंटर, एनडीएमसी की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुष्मिता शर्मा से गिलोय के काढ़े से जुड़ी कई अन्य जानकारियां भी जानेंगे।
एक सप्ताह तक रोज किया था सेवन
मुझे 3 सप्ताह पहले सर्दी-जुकाम हुआ था। सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए अक्सर लोग दवाई या सिरप ले लेते हैं। लेकिन मैं सर्दी-जुकाम होने पर जल्दी से दवाइयों का सेवन नहीं करती हूं। ऐसे में पहले मैंने हल्दी के पानी का सेवन किया। इसके बाद मैंने एक सप्ताह तक रोजाना गिलोय का काढ़ा पिया। गिलोय का काढ़ा पीने से मुझे काफी आराम मिला। मैं रोज सुबह खाली पेट गिलोय का काढ़ा पीती थी। कुछ दिनों तक नियमित रूप से गिलोय का काढ़ा पीने से मुझे सर्दी-जुकाम के साथ ही पाचन से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा मिला।
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क्या गिलोय का काढ़ा पीने से सर्दी-जुकाम ठीक होता है?
डॉ. सुष्मिता बताती हैं, 'गिलोय का काढ़ा (Giloy ka Kadha) सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसे पीने से सर्दी-जुकाम में आराम मिल सकता है। दरअसल, गिलोय में ऊष्ण गुण होता है। यह वात और कफ का शमन करता है। इसके साथ ही, यह व्हाइट ब्लड सेल्स को भी बढ़ाता है। गिलोय का काढ़ा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इससे वायरस या बैक्टीरिया की वजह से होने वाले सर्दी-जुकाम से आराम मिलता है। अगर आप नियमित रूप से कुछ दिनों तक गिलोय का काढ़ा पिएंगे, तो इससे सर्दी-जुकाम की समस्या दूर हो सकती है।'
गिलोय की तासीर क्या होती है?
आपको बता दें कि गिलोय की तासीर गर्म होती है। वात और कफ प्रकृति वाले लोगों के लिए गिलोय का काढ़ा बेहद फायदेमंद होता है। हालांकि, अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो भी गिलोय के काढ़े का सेवन किया जा सकता है।
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गिलोय का काढ़ा कौन-सी बीमारी में काम आता है?
डॉ. सुष्मिता बताती हैं, 'आयुर्वेद में गिलोय को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। गिलोय का काढ़ा कई बीमारियों के इलाज में बेहद असरदार साबित (Giloy Health Benefits in Hindi) होता है। अगर आप गिलोय के काढ़े का सेवन करेंगे, तो इससे कई बीमारियों से निजात मिल सकती है।'
आपको बता दें कि गिलोय का काढ़ा पीने से डाइजेशन बेहतर बनता है। अगर आपको पाचन से जुड़ी कोई समस्या है, तो गिलोय का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
- गिलोय का काढ़ा पीने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। इससे सर्दी-जुकाम और खांसी आदि से भी छुटकारा मिलता है।
- यह लिवर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गिलोय का काढ़ा लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है।
- शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी गिलोय के काढ़े का सेवन किया जा सकता है।
- गिलोय का काढ़ा किडनी के लिए भी फायदेमंद होता है। किडनी की सेहत को बनाए रखने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं।
- यह गठिया रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करते हैं।
- अगर आपको जोड़ों में दर्द या सूजन रहती है, तो इस काढ़े का सेवन कर सकते हैं।
गिलोय किसे नहीं लेना चाहिए?
डॉ. सुष्मिता बताती हैं, 'आयुर्वेद के अनुसार लंबे समय तक गिलोय का काढ़ा पीने से कब्ज की दिक्कत हो सकती है। इसलिए जिन लोगों को कब्ज की समस्या बनी रहती है, उन्हें गिलोय के काढ़े का सेवन करने से बचना चाहिए।'
क्या मैं रोज गिलोय ले सकती हूं?
जी हां, गिलोय का सेवन रोज किया जा सकता है। गिलोय का सेवन रोज करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, लंबे समय तक रोजाना गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए।
क्या गर्मियों में गिलोय का काढ़ा पीना सुरक्षित है?
गिलोय उष्ण वीर्य है, लेकिन मधुरविपाक है। यह वात, पित्त और कफ, तीनों दोषों को संतुलित रखता है। वैसे तो, सर्दियों गिलोय के काढ़े का सेवन करना फायदेमंद होता है। लेकिन गर्मियों में भी गिलोय का काढ़ा पीना सुरक्षित होता है।
गिलोय का काढ़ा पीने का सही समय क्या है?
गिलोय का काढ़ा पीने का सही समय सुबह का होता है। आप रोज सुबह खाली पेट गिलोय के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। आपको रात को गिलोय के काढ़े का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
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बुखार के लिए गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं?
- अगर आपको बुखार हो गया है, तो आप इसे ठीक करने के लिए गिलोय का काढ़ा पी सकते हैं।
- इसके लिए आप 7-8 तुलसी की पत्तियां, सोंठ और गिलोय का टुकड़ा लें।
- अब इन्हें पानी में अच्छी तरह से उबाल लें।
- फिर आप इस पानी को छानकर पी सकते हैं।
- कुछ दिनों तक रोजाना इस पानी को पीने से आपको बुखार में काफी आराम मिलेगा।
गिलोय का काढ़ा इम्यूनिटी को बूस्ट करके, बीमारियों से निजात दिलाता है। मेरी तरह आप भी गिलोय का काढ़ा पीकर, सर्दी-जुकाम से राहत पा सकते हैं। अगर आपको भी सामान्य सर्दी-जुकाम है, तो गिलोय के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। लेकिन अगर लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।