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Arogya with Ayurveda: गठिया के कारण बिंदु त्रिपाठी का चलना-फिरना था मुहाल, आयुर्वेदिक इलाज से ऐसे मिला आराम

बिंदु त्रिपाठी गठिया की समस्या से परेशान थीं, जिससे राहत पाने के लिए उन्हें आयुर्वेदिक इलाज करवाया, जिसके कारण उन्हें काफी फायदा मिला।
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Arogya with Ayurveda: गठिया के कारण बिंदु त्रिपाठी का चलना-फिरना था मुहाल, आयुर्वेदिक इलाज से ऐसे मिला आराम


Arogya with Ayurveda: आज के समय में बढ़ती बीमारियों को रोकने के लिए ज्यादातर लोग एलोपैथी से आयुर्वेद की ओर अपना रुख कर रहे हैं। आयुर्वेद विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज और स्वस्थ रहने के लिए किया जा रहा है। आयुर्वेद संस्कृत के दो शब्दों को मिलाकर बना है,  'आयु' जिसका अर्थ है जीवन और 'वेद' जिसका मतलब है ज्ञान। इस कारण आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान भी कहा जाता है। आयुर्वेद का मकसद सेहतमंद लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना और बीमार लोगों को प्राकृतिक तरीके से ठीक करना है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल की जाने वाली कई जड़ी-बूटियों (Ayurvedic Herbs) के उपयोग से दिल से जुड़ी बीमार, गठिया की समस्या, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है। आज के समय में गठिया की समस्या लोगों में काफी तेजी से फैल रही है। दिल्ली के सीतापूरी की निवासी बिंदु त्रिपाठी भी उन्हीं में से एक हैं, जो घुटनों के दर्द से परेशान थी और इस दर्द को कम करने के लिए उन्होंने आयुर्वेद पर भरोसा दिखाते हुए आयुर्वेदिक इलाज करवा रही हैं। आयुर्वेद के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों तक जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से ओन्लीमायहेल्थ  ने 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) स्पेशल सीरीज शुरू की है। इस सीरीज में हम अपने पाठकों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से जानकारी देगें और इसके साथ ही रियल लाइफ स्टोरीज भी शेयर करेंगे, जिससे लोगों का रुझान आयुर्वेद के प्रति बढ़े। 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज के तहत हमने बिंदु त्रिपाठी के गठिया की समस्या और आयुर्वेदिक इलाज (Arthritis Ayurvedic Treatment) से राहत पाने के सफर को लेकर बातचीत की। 

'पैरों में सूजन के कारण थी परेशान'- बिंदु 

ओन्लीमाईहेल्थ से बातचीत के दौरान बिंदु ने बताया कि, "साल 2021 में मेरे पैर में सूजन थी, जिसके कारण मेरा चलना-फिरना काफी मुश्किल हो गया था। सीढ़ियां चढ़ने उतरने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिसके बाद हमने सफरदरजंग अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया। जहां डॉक्टर ने मेरे पैरों की सूजन देखते हुए कुछ दवाइयां दी। हालांकि उन दवाइयों के उपयोग के बाद भी पैरों की सूजन कम नहीं हुई और समस्या बढ़ती गई। जिसके बाद मैं दोबारा डॉक्टर से पास जांच के लिए गई, जहां मेरे पैरों की सूजन बढ़ते देख और दवाइयों का असर न होने पर डॉक्टर ने एक्स-रे करवाने की सलाह दी। ऐसे में जब मैंने एक्स-रे करवाया तो पता चला की मुझे गठिया की समस्या है, जो पैरों में सूजन और दर्द का कारण बना हुआ था।" आगे जानकारी देते हुई बिंदु ने बताया कि, "पैरों में सूजन की समस्या होने से पहले उन्हें चिकनगुनिया बुखार हुआ था। डॉक्टर के अनुसार उस बुखार के कारण ही उन्हें गठिया की समस्या हुई है। 

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पड़ोसी ने आयुर्वेदिक इलाज लेने की दी सलाह

बिंदू त्रिपाठी ने बताया कि उनके दर्द के बारे में जानने के बाद उनके एक पड़ोसी लाल बाबू सिंह ने उन्हें गठिया की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज (What is The Best Way To Treat Arthritis) करवाने की सलाह दी। दरअसल बिंदू 3 महीने तक एलोपैथी से अपने गठिया की समस्या का इलाज करवाती रही। लेकिन उससे उन्हें कुछ खास आराम नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें अपने पड़ोसी की सलाह मानते हुए नई दिल्ली के नजफगढ़ के खेड़ा डाबर में स्थित चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान में गठिया के इलाज के लिए गई। जहां आयुर्वेदिक डॉक्टर ने उनकी स्थिति जानने की कोशिश की और उसके बाद उन्हें जड़ी-बूटियां और काढ़ा पीने के लिए दिया। बिंदू त्रिपाठी ने बताया कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होकर गठिया दर्द से राहत पाने के लिए थेरेपी लेने की सलाह दी। जिसके लिए उन्होने मना कर दिया क्योंकि उनके बच्चों के स्कूल के पेपर चल रहे थे। 

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आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और काढ़ा से मिला गठिया से आराम

गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए बिंदु को डॉक्टर्स ने दसमूला काढ़ा और योगराज जैसी जड़ी बूटियां खाने के लिए दी। इसके अलावा, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने थेरेपी न लेने के कारण उन्हें घर पर ही पैरों की एक्सरसाइज करने की सलाह दी है, जिससे उनके गठिया की समस्या जल्दी ठीक हो सके। रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) के अनुसार दशमूल काढ़ा और योगराज जैसी जड़ी बूटियां गठिया के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। दशमूल जड़ी बूटी में एनाल्जेसिक या दर्द निवारक गुण होते हैं, जो गठिया के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिसे अक्सर काढ़ा के रूप में लिया जाता है। जबकि योगराज गठिया की समस्या के लिए काफी उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो तीनों दोषों को शांत करके दर्द और सूजन से राहत दिला सकता है। लेकिन इन जड़ी-बूटियों का असर हर व्यक्ति पर अलग-अलग प्रकार से होता है, इसलिए किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही जड़ी-बूटियों का सेवन करें। 

'गठिया की समस्या में कई चीजों से करना पड़ा परहेज'

बिंदु के गठिया की समस्या को जड़ से ठीक करने और जल्दी राहत दिलाने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर ने उन्हें खट्टी चीजें जैसे दही, संतरा और नींबू जैसे खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करने की सलाह दी है, क्योंकि इससे जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है। इसके अलावा उन्हें पालक, उड़द दाल और बासी खाना न खाने के लिए भी कहा गया है। वहीं चलने-फिरने में समस्या के बारे में जानकारी देते हुए बिंदु ने बताया कि डॉक्टर ने कुछ खास योग करने के लिए कहा है। इसके अलावा, जमीन पर पैरों को मोड़कर नहीं बैठना, ज्यादा देर तक खड़े होकर काम नहीं करना, चलने या देर तक खड़े रहने के दौरान बीच-बीच में बैठने के लिए ब्रेक लेते रहने के लिए कहा गया है। 

बिंदु त्रिपाठी को आयुर्वेदिक इलाज से गठिया की समस्या से काफी राहत मिली है। लेकिन डॉक्टर ने जो जड़ी-बूटियां उन्हें दी गई है और जिन चीजों का परहेज करने के लिए कहा गया हैं, वे उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। इसलिए अगर आपको भी गठिया की समस्या है तो किसी भी तरह की जड़ी-बूटियों या दवाइयों का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जांच करवा लें और फिर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का ही सेवन करें।

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