Relationship Between Stress and Constipation: आज की दुनिया की रेस में खुद को आगे रखने के चक्कर में लगभग हर दूसरा व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा है। मानसिक तनाव सिर्फ दिमाग और नींद को प्रभावित नहीं करता है, बल्कि पाचन तंत्र को भी गहरा नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव (chronic stress) आपके पेट की सेहत को प्रभावित करते हुए कब्ज (constipation) का कारण बनता है। कब्ज सुनने में आम समस्या लग सकती है, लेकिन कई सारी परेशानियों का कारण बनती है।
इस लेख में फरीदाबाद स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. विशाल खुराना से जानेंगे मानसिक तनाव और कब्ज के बीच कनेक्शन के बारे में।
तनाव और कब्ज के बीच क्या संबंध है- Relationship between Stress and Constipation
डॉ. विशाल खुराना का कहना है कि इंसान के शरीर का गट-ब्रेन कनेक्शन यानी आंत और मस्तिष्क के बीच एक बहुत गहरा रिश्ता होता है। जब आप तनाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल और अन्य तनाव वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (2020) द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि तनाव और चिंता से पीड़ित लोगों में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और कब्ज व पाचन संबंधी समस्याएं आम लोगों की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा पाई जाती है।
गैस्ट्रोलॉजिस्ट के अनुसार, लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण गट मोटिलिटी (आंतों की गति) की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसकी वजह से मल त्याग मुश्किल हो जाता है और कब्ज की स्थिति पैदा होती है।
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तनाव बिगड़ता है गट बैक्टीरिया का संतुलन- Stress disturbs the balance of gut bacteria
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है। इसकी वजह से पेट में गैस, सूजन और कब्ज की परेशानी होना आम बात है। आंतों में गुड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने के कारण खाने को पचाने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। कुछ गंभीर मामलों में तनाव के कारण गुड बैक्टीरिया का संतुलन इतना ज्यादा खराब हो जाता है कि मल आंतों में फंस जाता है। इससे मल कठोर हो जाता है और निकलने में तकलीफ होती है।
तनाव के कारण कब्ज क्यों होती है- Why does stress cause constipation
डॉ. विशाल खुराना के अनुसार, किसी व्यक्ति को तनाव के कारण कब्ज के एक नहीं बल्कि विभिन्न कारण हैं। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में।
- मानसिक तनाव होने के कारण व्यक्ति को भूख न लगना, ज्यादा भूख लगना और बिना समय सीमा के खाते हैं, जिसके कारण उन्हें कब्ज की परेशानी होती है।
- लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण शरीर "फाइट या फ्लाइट" मोड में आ जाता है। इसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।
- तनाव के कारण व्यक्ति का खानपान भी बिगड़ जाता है। इस स्थिति में कम पानी पीना और फाइबर युक्त आहार का सेवन न करने के कारण भी कब्ज की परेशानी देखी जाती है।
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तनाव और कब्ज से बचाव के लिए क्या करें- What to do to prevent straining and constipation
- प्रतिदिन 30 मिनट एक्सरसाइज, रनिंग, योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
- रोजाना 3 लीटर पानी पिएं, खाने में हरी सब्जियां और फलों का सेवन ज्यादा मात्रा में करें।
- प्रतिदिन 8 से 9 घंटे की नींद जरूर लें। पर्याप्त नींद लेने से तनाव और कब्ज दोनों से आराम मिला है।
- मानसिक तनाव कम करने के लिए अपनी पसंदीदा एक्टिविटी को करें।
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निष्कर्ष
तनाव के कारण कब्ज होना एक आम समस्या है। इससे बचाव के लिए ऊपर बताई गई चीजों को रोजमर्रा की जीवनशैली का हिस्सा जरूर बनाएं। अगर आपको तनाव या कब्ज की समस्या लगातार बनी हुई है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें और इलाज करवाएं।
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