
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) एक आम समस्या है। आज के दौर में खानपान, लाइफस्टाइल, नींद की कमी, दवाओं के सेवन की वजह से बहुत से लोग हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है। हाइपोथायरायडिज्म की बीमारी तब होती है, जब थायरॉयड ग्रंथि शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन नहीं कर पाती है। हाइपोथायरायडिज्म की बीमारी होने पर वजन बढ़ना, थकान, बहुत अधिक बाल झड़ना, कब्ज, अनियमित मासिक धर्म, ड्राई स्किन जैसे कई लक्षण महसूस हो सकते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म में वजन बढ़ने के बाद सबसे ज्यादा कोई समस्या आती है तो वो है कब्ज। कब्ज की वजह से आपको हमेशा उलझन महसूस हो सकती है। हाइपोथायरायडिज्म में बनने वाली कब्ज को ठीक करने के लिए कुछ लोग दवाओं का सेवन करते हैं। कुछ घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। हालांकि बार इस तरह की चीजें काम नहीं करती हैं। अगर आप भी हाइपोथायरायडिज्म में कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको एक स्पेशल चाय के बारे में बताने जा रहे हैं। हार्मोन और गट हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा का मानना है कि इस चाय को पीने से हाइपोथायरायडिज्म में कब्ज को ठीक करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं इस चाय की रेसिपी।
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चाय बनाने के लिए सामग्री
- अदरक- 1/2 बड़ा टुकड़ा
- अजवाइन- 1/4 चम्मच
- सौंफ- 1 चम्मच
- ए2घी- 1 चम्मच
चाय बनाने का तरीका
- सबसे पहले एक गिलास पानी में अदरक, अजवाइन और सौंफ को मिक्स कर लें। जब सभी चीजें एक साथ मिक्स हो जाए तो उसमें घी डालकर उबालें।
- आपकी हाइपोथायरायडिज्म में कब्ज को ठीक करने वाली चाय तैयार हो चुकी है। डाइटिशियन का कहना है कि इस खास चाय का सेवन सुबह ही करना चाहिए।
हाइपोथायरायडिज्म का इलाज क्या है?
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हाइपोथायरायडिज्म का इलाज कोई निश्चित इलाज नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को एक बार हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है तो उसे ताउम्र इससे परेशान रहना पड़ सकता है। हालांकि दवाएं, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल जरूर किया जा सकता है।
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हाइपोथायरायडिज्म कैसे कंट्रोल करें?
डाइटिशियन मनप्रीत कालरा की मानें तो आयरन और प्रोटीन युक्त खाना खाकर हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए लोगों को अपनी डाइट में पनीर, दूध, दही, बीन्स, दाल, काली किशमिश और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा हाइपोथायरायडिज्म में आयोडीन की भी अहम भूमिका होती है। इसके लिए आप डाइट में नमक, आलूबुखारा, क्रैनबेरी, केला को शामिल कर सकते हैं। हाइपोथायरायडिज्म के साथ जो लोग डायबिटीज या किसी अन्य बीमारी से भी परेशान हैं वह अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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