डिलीवरी के बाद शरीर की रिकवरी के लिए महिलाओं को विशेष खानपान करवाया जाता है। प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान महिलाओं का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। इसके अलावा, डिलीवरी के बाद नई मां को बच्चे को स्तनपान करवाना होता है। ऐसे में शरीर को ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। 6 महीने पहले मैं भी इस फेज से गुजर चुकी हूं। डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग की वजह से मेरा शरीर काफी कमजोर हो गया था। डिलीवरी के लगभग 20 दिन बाद जब मेरी बुआ घर पर आई और उन्होंने मेरी हालत देखी तो पट से बोल पड़ी कि क्या ये कुछ खाती-पीती नहीं है। बुआ की बात सुनकर मां ने बोला खाती तो है दीदी पर समझ नहीं आ रहा है कि करूं क्या। मां की बात सुनने के बाद बुआ ने कहा आशु को तीसी-भात यानी की असली-चावल खिलाओ।
तीसी-भात न सिर्फ शारीरिक कमजोरी को दूर करेगा, बल्कि ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ाने में भी मदद करेगा। बुआ की बात सुनने के बाद मैंने तीसी भात खाया और शारीरिक कमजोरी को दूर किया। मेरी ही तरह जो महिलाएं पहली बार मां बनीं हैं तो वह अपनी डाइट में तीसी भात को शामिल कर सकती हैं। आज इस लेख में मैं आपको बताने जा रही हूं तीसी-भात की रेसिपी और इसके फायदे के बारे में। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए मैंने दिल्ली स्थिति भाग्य आयुर्वेदा की डाइटिशियन पूजा सिंह से बातचीत की।
डिलीवरी के बाद तीसी-भात खाने के फायदे - Flaxseed-Rice Benefits after Delivery
कमजोरी दूर होती है
डाइटिशियन पूजा सिंह का कहना है कि तीसी-भात बिहार और बंगाल की स्थानीय रेसिपी है। डिलीवरी के बाद विशेष रूप से महिलाओं को इन राज्यों में तीसी-भात खिलाया जाता है। तीसी-भात में प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह पोषक तत्व डिलीवरी के बाद आई शारीरिक कमजोरी को दूर करते हैं।
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ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाता है
डिलीवरी के बाद नई मां को अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाना होता है। ऐसे में तीसी-भात खाने से ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ती है। तीसी यानी की अलसी में अल्फा लिनोलिक एसिड होता है, जो स्तनों में दूध को बढ़ाता है। सिजेरियन डिलीवरी के बाद जिन महिलाओं के स्तनों में दूध का प्रोडक्शन कम होता है उनके लिए तीसी-भात बहुत फायदेमंद होता है।
वेटलॉस में मददगार
डिलीवरी के बाद महिलाओं का वजन काफी बढ़ जाता है। वजन को घटाने में भी तीसी-भात काफी फायदेमंद होता है। तीसी में प्रचूर मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर का सेवन करने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। ऐसे में आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
कब्ज से मिलता है आराम
डिलीवरी के बाद महिलाओं को पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती है। डिलीवरी के बाद मुझे पेट में दर्द और कब्ज की समस्या बहुत ज्यादा फेज करनी पड़ी थी। कब्ज और पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में भी तीसी-भात फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं तीसी-भात मल को मुलायम बनाता है, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
तीसी-भात की रेसिपी- Tisi Bhaat or Flaxseed Rice Recipe in Hindi
सामग्री
- तीसी या अलसी
- मसाले - जीरा, धनिया, सौंफ
- तेजपत्ता
- बारीक कटा हुआ प्याज -1
- सरसों का तेल
- भात यानी की चावल
बनाने का तरीका
सबसे पहले चावल को सही तरीके से पका लें। जब तक चावल पक रहे हैं तब तक अलसी को जीरा, धनिया और सौंफ के साथ कहाड़ी में भून लें। जब सभी चीजें अच्छे से भून जाएं तो जीरा, धनिया और सौंफ को बारिक पीसकर पाउडर तैयार कर लें। इसके बाद चावल में तीसी को अच्छे से मिलाएं। इसी में कटा हुआ प्याज और थोड़ा सा सरसों का तेल डालें। आपका तीसी भात खाने के लिए तैयार है
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