Masoor Dal to Increase Breastmilk Supply: ब्रेस्टफीड यानी स्तनपान, शिशुओं के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। मां का दूध पीने से बच्चे को पोषण मिलता है। अगर किसी बच्चे के लिए मां का दूध पर्याप्त हो रहा है, तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से हो सकता है। इतना ही नहीं, स्तनपान कराने से मां को भी कई लाभ मिलते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में स्तनपान कराने वाली माताओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। किसी महिला का पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क नहीं बन पाता है, तो किसी का बच्चा स्तन को नहीं पकड़ पाता है। खासकर, जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, उनके लिए ब्रेस्टफीड करवाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। दिल्ली की 29 वर्षीय संगीता रावत को भी ब्रेस्टफीड के दौरान कुछ मुश्किलों को सामना करना पड़ा था। शुरुआत में संगीता की बेटी स्तन को नहीं पकड़ पाती थी, फिर उन्होंने ब्रेस्ट पंप की मदद ली। लेकिन, दूध पीने के बाद भी बच्ची रोती थी। यानी बच्ची के लिए दूध पर्याप्त नहीं हो पा रहा था। संगीता ने ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए कई उपाय आजमाए। आज विश्व स्तनपान सप्ताह 2024 के दौरान संगीता का ब्रेस्टफीडिंग अनुभव विस्तार से जानेंगे। आपको बता दें कि हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week 2024) मनाया जाता है।
सी-सेक्शन से हुई थी डिलीवरी
संगीता रावत बताती हैं, "मैंने साल 2022 में बेटी (अनायका) को जन्म दिया। मेरी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई थी। मैं डिलीवरी के तुरंत बाद, अनायका को ब्रेस्टफीड नहीं करवा पाई थी। उस समय, उसे फॉर्मूला मिल्क ही दिया गया था। फिर जब मेरा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ, तो मैंने उसे दूध पिलाने की कोशिश की। लेकिन, वह स्तन नहीं पकड़ पा रही थी। ऐसे में मुझे, उसे ब्रेस्टफीड कराने में काफी दिक्कत हुई।"
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नहीं पिलानी चाहती थी फॉर्मूला मिल्क
संगीता बताती हैं, ''मैं अपनी बेटी को फॉर्मूला मिल्क बिलकुल नहीं पिलाना चाहती थी। इसलिए मैंने ब्रेस्टफीड कराने की काफी कोशिश की। जब अनायका ब्रेस्टफीड नहीं कर पा रही थी, तो मैंने ब्रेस्ट पंप की मदद ली। ब्रेस्ट पंप से मैं स्तनों का दूध निकाल लेती थी। फिर उसे छोटे चम्मच से धीरे-धीरे पिलाती थी। मैंने 10-15 दिनों तक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल किया। धीरे-धीरे अनायका ने स्तन को पकड़ना सीख लिया और फिर ब्रेस्टफीड करने लगी। लेकिन, इसी दौरान मेरे स्तनों में दूध का पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पा रहा था। मैं काफी डर गई थी। उसके लिए दूध पर्याप्त नहीं हो पा रहा था, तो वह रोने लगती थी।"
मसूर की दाल का करती थी सेवन
संगीता बताती हैं, "सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद, मुझे कुछ दिनों तक ब्रेस्टफीड कराने में काफी दिक्कत हो रही थी। दरअसल, मेरे स्तनों में दूध का उत्पादन नहीं हो पा रहा था। मेरी बेटी के लिए दूध पूरा नहीं हो पा रहा था। डॉक्टर ने मसूर की दाल खाने की सलाह दी। फिर मैंने मसूर की दाल खानी शुरू की। मैं रोज 2-3 कटोरी मसूर की दाल का सेवन करती थी। मैंने कुछ महीनों तक लगातार मसूर की दाल का सेवन किया। इससे मेरे स्तनों में दूध का उत्पादन होने लगा। इससे ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ी और अब अनायका के लिए दूध पर्याप्त हो जाता है।"
संगीता आगे बताती हैं कि मैं 3-4 गिलास पानी में मसूर की दाल डालती थी। फिर इसे अच्छी तरह उबालती थी और फिर इसका सेवन करती थी। मैं नाश्ते या लंच में मसूर की दाल पीती थी। इसके अलावा, मैंने जीरा और सौंफ का पानी भी खूब पिया। जीरा और सौंफ का पानी भी ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई को बढ़ाने में मदद करता है। इस ड्रिंक को पीने से मुझे वेट लॉस और फैट लॉस में भी काफी मदद मिली।
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क्या वाकई मसूर दाल खाने से ब्रेस्ट मिल्क बढ़ता है?- Does Masoor Dal Increase Breast Milk in Hindi
आरोग्य डाइट और न्यूट्रिशन क्लीनिक की डाइटिशियन डॉ. सुगीता मुटरेजा बताती हैं, 'मसूर की दाल खाने से ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बढ़ सकता है। इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है, जो सेहत के लिए जरूरी होता है। अगर आपको भी ब्रेस्ट मिल्क नहीं बन पा रहा है, तो आप मसूर की दाल का सेवन कर सकते हैं।'
डॉ. सुगीता आगे बताती हैं कि कुलथी की दाल, मेथी के बीज और दलिया खाने से भी स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता है। डिलीवरी के बाद आप इन चीजों का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।