
World Breastfeeding Week 2024: हर साल अगस्त पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह का उद्देश्य, नवजात शिशुओं के विकास के लिए स्तनपान के महत्व पर बात करना है। स्तनपान, नवजात शिशुओं के लिए बहुत जरूरी होता है। इसी से शिशुओं को पोषण मिलता है। स्तनपान कराने से मांओं को भी लाभ मिलता है। लेकिन कई महिलाओं को स्तनपान के दौरान कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। खासकर, जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान तकलीफ होती है। महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक दिक्कत है, बच्चे का ब्रेस्ट से दूध न पीना। इस समस्या का सामना नोएडा में रहने वाली साक्षी उनियाल को भी करना पड़ा। साक्षी का बेटा भी शुरुआत में ब्रेस्ट से दूध नहीं पी पाता था। फिर साक्षी ने ब्रेस्ट पंप की मदद ली और उससे बच्चे को अपना दूध पिलाया। विश्व स्तनपान सप्ताह 2024 (World Breastfeeding Week 2024) के दौरान जानते हैं साक्षी का ब्रेस्टफीडिंग के दौरान का एक्सपीरियंस-
सी-सेक्शन से हुई थी डिलीवरी
साक्षी बताती हैं, " मेरी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई थी। उस समय मैं अपने बेटे को 2-3 तीनों तक ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा पाई थी। जब अस्पताल से मेरा डिस्चार्ज हुआ, तो मैंने घर जाकर बेटे को दूध पिलाने की कोशिश की। लेकिन मेरा बेटा ब्रेस्ट से दूध पी नहीं पा रहा था। मैंने और मेरे घरवालों ने बेटे को दूध पिलाने के लिए कई तरकीबे अपनाई, लेकिन बेटा स्तन को पकड़ की नहीं पा रहा था। हम काफी डर गए थे, फिर हमने बच्चे को फॉर्मूला मिल्क पिला शुरू कर दिया।"
बच्चे को शुरुआत में पिलाया फॉर्मूला मिल्क
साक्षी बताती हैं, "जब मेरा बेटा ब्रेस्ट से दूध नहीं पीता था, तो हमने उसे डॉक्टर की सलाह पर फॉर्मूला मिल्क पिलाना शुरू किया। लेकिन मेरे बेटे को फॉर्मूला मिल्क डाइजेस्ट नहीं हो पाता था। जैसे ही बेटे को फॉर्मूला मिल्क पिलाती थी, उसे उल्टी हो जाती थी। लगभग 5-10 दिनों तक मैंने अपने बेटे को फॉर्मूला मिल्क पिलाया।"
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स्तनों में होने लगता था दर्द
साक्षी बताती हैं, "मेरा बेटा ब्रेस्ट से दूध नहीं पी पाता था। लेकिन मेरे स्तनों में दूध बनता था, जिसकी वजह से मुझे काफी दर्द होने लगता था। कई बार तो मुझे स्तनों को हाथ से दबाकर दूध निकालना पड़ता था। इन दिनों मैं शारीरिक और मानसिक दर्द से जूझ रही थी। मैं सी-सेक्शन के दर्द से परेशान थी। साथ ही, स्तनों का दर्द और बच्चे का दूध न पीने की चिंता।"
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ब्रेस्ट पंप से मिली मदद
साक्षी बताती हैं, " मेरी एक फ्रेंड ने मुझे ब्रेस्ट पंप के बारे में बताया। फिर मैंने ब्रेस्ट पंप ऑनलाइन ऑडर्र किया। इसके इस्तेमाल से मुझे काफी आराम मिला। ब्रेस्ट पंप की मदद से मेरे स्तनों का दर्द दूर हुआ। साथ ही, मेरे बेटे को भी मां का दूध पीने को मिला। मैं पहले ब्रेस्ट पंप से दूध निकाल लेती थी। फिर कटोरी में डालकर बच्चे को पिलाती थी। 2-3 महीने तक मैंने ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल किया। फिर धीरे-धीरे मेरे बेटे ने ब्रेस्ट से ही दूध पीना शुरू कर दिया।"
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