Expert

ब्रेस्टफीडिंग मां को कौन से सवाल सबसे ज्यादा परेशान करते हैं? जानें एक्सपर्ट से

Breastfeeding FAQs in Hindi: जब मां ब्रेस्टफीड कराने लगती है, तो उसके मन में कई सवाल होते हैं। इन सभी सवालों के जवाब हमने एक्सपर्ट से लिए हैं। आप भी पढ़ें इस लेख में -
  • SHARE
  • FOLLOW
ब्रेस्टफीडिंग मां को कौन से सवाल सबसे ज्यादा परेशान करते हैं? जानें एक्सपर्ट से


Breastfeeding FAQs in Hindi: शिशु की डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग मां के जीवन में सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर आता है, क्योंकि इस दौरान मां के मन में कई तरह के सवाल होते हैं, जिनके जवाब कई बार उन्हें मिल ही नहीं पाते। इसमें कई बार तो मां शर्मिंदगी की वजह से नहीं पूछ पाती, तो कभी बच्चे में इतनी ज्यादा व्यस्त हो जाती है कि अपनी देखभाल का समय ही नहीं मिलता। वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक (World Breastfeeding Week) के मौके पर हमने मुम्बई के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स लेक्टेशन कंसल्टेंट दीप्ति शाह (Dipti Shah, Lactation Consultant at Cloudnine Group of Hospitals, Mumbai, Malad) से बात की। उन्होंने ब्रेस्टफीडिंग मांओं के कई सवालों के जवाब दिए।

1. दूध पिलाने वाली मां को क्या नहीं खाना चाहिए?

इस बारे में दीप्ति शाह कहती हैं, “ मैं सभी मांओं से कहना चाहूंगी कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपकी डाइट पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। साथ ही मां को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कौन सा खाना शिशु को असहज कर रहा है। शिशु के जितने भी महीने आप ब्रेस्टफीड कराती हैं, उतने महीने या साल इन चीजों से दूर रहने की कोशिश करें।”

  • कैफीन युक्त चीजें (चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक) जब आप कैफीन का इस्तेमाल ज्यादा करती हैं, तो शिशु को नींद में परेशानी आ सकती है।
  • बहुत ज्यादा तीखा या मसालेदार भोजन - मां के ऐसा भोजन करने से शिशु को गैस या पेटदर्द की समस्या हो सकती है।
  • अल्कोहल और स्मोकिंग - इन आदतों से दूध के जरिए शिशु को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
  • कच्चा मांस या खराब तरीके से बना स्ट्रीट फूड - इससे मां और शिशु दोनों को इंफेक्शन का रिस्क रहता है।

faqs of breastfeesing expertsइसे भी पढ़ें: क्या ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे में मोटापे का खतरा कम होता है? जानें डॉक्टर की राय 

2. ब्रेस्टफीडिंग मां दूध कैसे बढ़ाएं?

इस बारे में लेक्टेशन कंसल्टेंट दीप्ति शाह कहती है कि ब्रेस्टमिल्क को आप घरेलू तरीकों से भी बढ़ा सकती है। बस इन बातों पर ध्यान दें।

  • बार-बार ब्रेस्टफीड कराएं।
  • दूध बढ़ाने वाली डाइट जैसे मेथी, सौंफ, जीरा, लहसुन, हरी सब्जियां (पालक, सहजन), ओट्स, बादाम, तिल आदि लें।
  • स्ट्रेस से दूर रहें। चिंता, थकान और नींद की कमी से दूध की मात्रा कम हो सकती है।
  • हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पानी और लिक्विड लें।
  • अगर इसके बावजूद ब्रेस्टमिल्क न बन रहा हो, तो लेक्टेशन कंसल्टेंट से सलाह जरूर लें।

3. ब्रेस्टफीडिंग में दर्द क्यों होता है?

लेक्टेशन कंसल्टेंट दीप्ति शाह कहती हैं कि इन खास वजहों से स्तनपान कराते समय दर्द हो सकता है।

  • अगर शिशु ठीक से स्तन नहीं पकड़ पा रहा, गलत लैचिंग (Latching) से दर्द हो सकता है।
  • निप्पल में दरार या सूजन होने से भी ब्रेस्टफीड कराते दर्द होता है।
  • अगर शिशु के मुंह में फंगल इंफेक्शन हो जाए, तो भी मां को दर्द होता है।
  • स्तन भर जाना भी एक कारण हो सकता है।
  • दूध की नालियों में रुकावट होने से ब्रेस्टफीडिंग में दिक्कत हो सकती है।
  • अगर बच्चे की जीभ का मूवमेंट सीमित होता है, तो सही तरीके से स्तन नहीं पकड़ पाता और इससे मां को दर्द होता है।

4. पहले महीने में शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?

इस बारे में लेक्टेशन कंसल्टेंट दीप्ति शाह कहती हैं,”जितनी बार भी मां ब्रेस्टफीड कराती हैं, उसे उतनी बार महसूस होता है कि शिशु को कब दूध की जरूरत है। वैसे हर 2 से 3 घंटे में स्तनपान कराना फायदेमंद है। इसका मतलब है कि 24 घंटे में 8 से 12 बार ब्रेस्टफीड कराना चाहिए। अगर शिशु रोते हुए मुंह में उंगली डाले, तो भी मां को समझना चाहिए कि वह भूखा है। इसके अलावा, एक ब्रेस्ट जब पूरी तरह से खाली हो जाए, तभी दूसरा ब्रेस्ट दें क्योंकि खाली स्तन में तेजी से दूध बनता है। अपने बच्चे को सीने से चिपकाकर (Skin-to-Skin Contact) रखने से ऑक्सीटोसिन हार्मोन बनता है, जिससे दूध निकलना आसान हो जाता है। रात के समय ब्रेस्टफीड जरूर कराएं क्योंकि इस समय प्रोलैक्टिन हार्मोन ज्यादा बनता है, जो दूध बढ़ाने में मदद करता है।”

इसे भी पढे़ं: ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीठ और कूल्हों के दर्द से रही परेशान, फीडिंग तकिये ने कीर्ति दुबे की जर्नी को किया आसान

5. क्या ब्रेस्टफीड कराने से मां का वजन कम होता है?

दीप्ति शाह कहती हैं, “बिल्कुल हां, ब्रेस्टफीडिंग से मां का वजन कम होता है। शरीर को दूध बनाने और स्तनपान कराने के लिए अतिरिक्त 500–700 कैलोरी प्रति दिन की जरूरत होती है। ये नेचुरली शरीर के जमा फैट को एनर्जी में बदलात है। साथ ही, गर्भावस्था के दौरान बढ़ी हुई यूटरस भी धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती है। अगर मां बैलेंस डाइट और हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें, तो वजन घटाया जा सकता है।”

6. ब्रेस्टमिल्क को कैसे स्टोर करें?

लेक्टेशन कंसल्टेंट दीप्ति ने ब्रेस्टमिल्क स्टोर करने के लिए मांओं को कुछ बातों का ध्यान रखने को कहा है।

  • कमरे के तापमान (25°C तक) में ब्रेस्टमिल्क 4 घंटे तक रखा जा सकता है।
  • फ्रिज (4°C) में 4–5 दिन रखा जा सकता है।
  • डीप फ्रीज़र (-18°C या उससे कम) तापमान में 6–12 महीने तक स्टोर कर सकते हैं।
  • जब भी आप ब्रेस्टमिल्क स्टोर करें, तो ये ध्यान में जरूर रखें -
  • हाथ और बर्तन दोनों साफ होने चाहिए।
  • अगर दूध को एक बार गर्म कर लिया तो दोबारा स्टोर न करें।
  • जो दूध पहले स्टोर किया है, उसे इस्तेमाल करें।

7. बच्चे को कितने महीने तक ब्रेस्टफीड कराना सबसे सही है?

दीप्ति कहती हैं, “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और UNICEF के अनुसार, पहले 6 महीने तक सिर्फ ब्रेस्टफीड (exclusive breastfeeding) ही करवाएं। इन 6 महीनों में शिशु को पानी, बाहर का दूध या ठोस आहार न दें। 6 महीने के बाद सेमी सॉलिड दें और इस फिर सॉलिड आहार शुरू करते हुए कम से कम 2 साल तक ब्रेस्टफीडिंग जारी रखनी चाहिए। इससे बच्चा संक्रमण, एलर्जी और मोटापे जैसी कई बीमारियों से बचता है।

Read Next

यूं ही नजरअंदाज न करें ब्रेस्ट में दिखने वाले ये बदलाव, है शरीर की इस बड़ी गड़बड़ी का संकेत

Disclaimer

TAGS