Hormonal imbalance effects on breast: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, असंतुलित खानपान, नींद की कमी, लंबे समय तक बैठकर काम करना और मानसिक तनाव, ये सभी मिलकर हमारे शरीर के हार्मोन सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं। खासकर महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस (Hormonal Imbalance) एक आम समस्या बनती जा रही है, जो न केवल पीरियड्स और फर्टिलिटी को प्रभावित करती है बल्कि स्तनों (Breast) पर भी इसका सीधा असर दिखाई देता है। हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, स्तनों के विकास और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। जब इन हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है तो इसका असर सीधे तौर पर स्तनों पर दिख सकता है।
कई महिलाएं अनजाने में इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं, सोचती हैं कि यह पीरियड से पहले की सामान्य स्थिति है या उम्र का असर है। लेकिन लगातार हो रहा स्तनों में दर्द, गांठ, भारीपन या निपल से असामान्य डिस्चार्ज जैसे लक्षण हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर के इन संकेतों को समझें और समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। इस लेख में जयपुर में स्थित ए 70 लाइफट्रोन्स क्लिनिक की निदेशक और एसडीएम अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ. निशि गुप्ता (Dr. Nishi Gupta, Director, A-70 Lifetrons Clinic and HOD Obstetrics & Gynecology Department, SDM Hospital, Jaipur) से जानिए, ब्रेस्ट में हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण क्या नजर आते हैं?
ब्रेस्ट में हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षण - Symptoms Of Hormonal Imbalance In Breast
हार्मोनल इंबैलेंस का मतलब है शरीर में हार्मोन्स का लेवल सामान्य से ज्यादा या कम होना। महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स स्तनों के विकास और हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं। यदि इनमें असंतुलन हो जाए तो स्तनों की बनावट, साइज और सेंसिटिविटी में बदलाव आने लगते हैं।
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1. स्तन में सूजन और दर्द - breast tenderness and swelling
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान या कभी-कभी इससे पहले स्तनों में सूजन, जलन या भारीपन महसूस (stan m sujan ka karan) हो सकता है। यह हार्मोनल बदलाव के कारण होता है, जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल असंतुलित हो जाता है।
2. स्तनों का आकार बदलना - What causes breasts to change shape
हार्मोन्स के बदलावों से स्तनों का आकार असामान्य रूप से बढ़ना या घट जाना सामान्य बात है। कभी-कभी दोनों स्तनों का आकार भी अलग-अलग हो सकता है।
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3. स्तनों में गांठ - Breast Lumps
हार्मोन के असंतुलन से स्तन में गांठ या गुठली जैसी महसूस हो सकती है। यह जरूरी नहीं कि ये गांठ कैंसर हो, अक्सर यह फाइब्रोकिस्टिक बदलाव या सिस्ट के कारण होती हैं।
4. स्तनों का रंग बदलना
हार्मोनल असंतुलन से स्किन का रंग फीका पड़ सकता है या फिर दाने, लालिमा और खुजली भी हो सकती है।
5. निप्पल डिस्चार्ज - Nipple Discharge
अक्सर हार्मोनल बदलावों के कारण निप्पल से असामान्य स्राव निकल सकता है, जो बिना प्रेग्नेंसी या स्तनपान के होता है।
6. स्तनों में असहजता और भारीपन
कई बार महिलाओं को स्तनों में भारीपन या कसाव महसूस होता है, जो कि हार्मोन के असंतुलन का संकेत है।
यदि स्तनों में लगातार गांठ महसूस हो, दर्द लंबे समय तक बना रहे, निप्पल से खून जैसा रिलीज हो या स्तनों की स्किन में गहराई या धब्बे नजर आने लगें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण स्तन कैंसर या अन्य गंभीर समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं।
निष्कर्ष
स्तनों में हार्मोनल असंतुलन के कारण कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। सही लाइफस्टाइल, संतुलित खानपान और नियमित डॉक्टर की सलाह से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। स्तनों की देखभाल महिलाओं की संपूर्ण सेहत के लिए बेहद जरूरी है। यदि आप स्तनों में कोई असामान्य बदलाव महसूस करें, तो उसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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