आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ता तनाव, अनियमित दिनचर्या और खराब खानपान हमारे शरीर को भीतर से कमजोर कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा असर हमारे हार्मोनल बैलेंस पर पड़ता है। हार्मोन्स हमारे वजन, भूख, नींद, मूड, फर्टिलिटी और एनर्जी के लेवल को कंट्रोल करते हैं। लेकिन जब ये हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, जैसे थायराइड, PCOD, PCOS, अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, तनाव, नींद न आना और मूड स्विंग्स आदि। खासतौर पर महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है नींद की कमी या अच्छी नींद न आना।
कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि रोजाना कम से कम 7 घंटे की गहरी नींद लेना हार्मोनल संतुलन के लिए बेहद जरूरी है। जब हम सोते हैं, तब शरीर खुद को रिपेयर करता है और अलग-अलग जरूरी हार्मोन जैसे मेलाटोनिन, कोर्टिसोल, इंसुलिन और प्रोजेस्ट्रॉन का संतुलन बनाए रखता है।
नींद की कमी या लगातार खराब नींद से इन हार्मोनों की प्रकृति बिगड़ जाती है, जिससे थकान, वजन बढ़ना, पीरियड्स में गड़बड़ी और तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से विस्तार से जानेंगे कि 7 घंटे की नींद क्यों जरूरी है और यह हमारे शरीर और हार्मोन्स को कैसे प्रभावित करती है।
हार्मोन्स के लिए नींद क्यों जरूरी है? - why is sleep important for hormone balance
डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि हमारे शरीर में कई तरह के हार्मोन होते हैं जैसे इंसुलिन, कोर्टिसोल, थायराइड, मेलाटोनिन, टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन आदि। ये हार्मोन हमारी भूख, मूड, तनाव, एनर्जी, वजन, पीरियड्स और यहां तक कि हमारी स्किन और बालों की स्थिति तक को प्रभावित करते हैं। जब ये हार्मोन संतुलन में होते हैं, तो शरीर सामान्य रूप से काम करता है। लेकिन जैसे ही इनका संतुलन बिगड़ता है, को कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं जैसे वजन बढ़ना, पीरियड्स में गड़बड़ी, थकान, नींद न आना, बाल झड़ना और डिप्रेशन।
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नींद और हार्मोन का कनेक्शन
नींद के दौरान शरीर की रिपेयरिंग प्रोसेस चलती है। इसी समय शरीर कई जरूरी हार्मोन रिलीज करता है जो शरीर के कार्यों को संतुलित करते हैं।
1. मेलाटोनिन: यह हार्मोन रात में नींद आने में मदद करता है।
2. ग्रोथ हार्मोन: बच्चों की ग्रोथ और वयस्कों में टिश्यू की मरम्मत इसी के जरिए होती है।
3. कोर्टिसोल: नींद की कमी से इसका लेवल बढ़ जाता है, जिससे तनाव बढ़ता है।
4. लेप्टिन और घ्रेलिन: ये हार्मोन भूख और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं। नींद पूरी न हो तो भूख बढ़ जाती है।
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डॉक्टर के अनुसार, एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह वह समय है जिसमें शरीर रिपेयर मोड में जाता है, ब्रेन में नई यादें बनती हैं और हार्मोन संतुलन में रहते हैं। यह हार्ट हेल्थ, ब्लड शुगर और इम्यून सिस्टम के लिए भी जरूरी है। लगातार 7 घंटे की नींद से हार्मोन साइकिल नियमित रहती है।
नींद को बेहतर बनाने के उपाय - jaldi neend ke liye kya karen
- रात में एक ही समय पर सोने की आदत डालें।
- सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल या लैपटॉप से दूरी बनाएं या डिनर के बाद से ही इनका प्रयोग न करें।
- कैफीन और भारी भोजन रात को करने से परहेज करें और कोशिश करें कि डिनर 7 बजे तक कर लें।
- दिन में एक्सरसाइज करें, इससे थकान के बाद रात में नींद बेहतर होती है।
- रिलैक्सिंग एक्टिविटी जैसे मेडिटेशन या हल्का संगीत सुनना अपनाएं।
- अगर नींद बार-बार टूटती है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम सब कुछ पाने की दौड़ में नींद को सबसे पहले कुर्बान करते हैं, लेकिन यह आदत हमारे हार्मोनल सिस्टम के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी स्किन, बाल, मूड, वजन, पीरियड्स और पूरी सेहत सही रहे, तो हर रात कम से कम 7 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है। यह कोई आलस नहीं, बल्कि शरीर को हेल्दी रखने का एक नेचुरल तरीका है।
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FAQ
शरीर में हार्मोन की कमी से क्या होता है?
जब शरीर में हार्मोन की कमी होती है, तो उसका सीधा असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। हार्मोन की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन, नींद की समस्या, वजन बढ़ना या घटना, पीरियड्स में अनियमितता, बाल झड़ना और स्किन की समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में PCOS, फर्टिलिटी में कमी और मेनोपॉज से जुड़ी दिक्कतें भी हार्मोनल असंतुलन के कारण होती हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी से यौन इच्छा में कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और मूड स्विंग्स हो सकते हैं।हार्मोन ठीक करने के लिए क्या खाएं?
हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए बैलेंस डाइट बेहद जरूरी है। अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें जैसे अलसी के बीज, अखरोट और मछली शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, और बीज (सनफ्लावर, चिया, तिल) हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करते हैं। प्रोसेस्ड फूड, शुगर और कैफीन का सेवन सीमित करें।हार्मोन क्यों बदलते हैं?
हार्मोन शरीर में नेचुरल रूप से समय-समय पर बदलते रहते हैं, लेकिन कुछ कारणों से इनका संतुलन बिगड़ सकता है। सबसे आम कारणों में तनाव, खराब नींद, अनहेल्दी डाइट, ज्यादा कैफीन या शुगर का सेवन, हार्मोनल दवाएं, उम्र या अन्य बीमारियां। महिलाओं में पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन में बड़ा बदलाव होता है। वहीं पुरुषों में उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन कम हो सकता है।