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नींद न आने की समस्या में लाभकारी है सर्पगंधा, आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे और उपयोग

आज के समय में मॉडर्न लाइफस्टाइल और खानपान का असर लोगों की नींद पर भी पड़ रहा है। यहां जानिए, नींद न आने की समस्या दूर करने के लिए सर्पगंधा का उपयोग कैसे करें।
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नींद न आने की समस्या में लाभकारी है सर्पगंधा, आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे और उपयोग


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित डेली रूटीन और वर्किंग कल्चर ने लोगों के जीवन में कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है, जिनमें नींद न आना एक प्रमुख समस्या बनकर उभर रही है। लगातार मानसिक तनाव, देर रात तक स्क्रीन का इस्तेमाल, जंक फूड का सेवन और शरीर की पर्याप्त देखभाल न होना जैसे कारणों से नींद की क्वालिटी और समय दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इससे व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस करता है, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर होने लगता है। लंबे समय तक नींद की कमी से डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

ऐसे में लोग अक्सर तुरंत राहत पाने के लिए नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं, जो शुरू में भले ही आराम दें, लेकिन लंबे समय में यह शरीर को और अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इस समस्या का समाधान प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से करना ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। आयुर्वेद में नींद की समस्या के लिए कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है, जिनमें सर्पगंधा एक महत्वपूर्ण औषधि मानी जाती है। सर्पगंधा का प्रयोग आयुर्वेद में सदियों से मानसिक शांति, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इस लेख में हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि सर्पगंधा नींद के लिए कैसे लाभकारी है, इसका सेवन कैसे करना चाहिए, इसके फायदे और जरूरी सावधानियां क्या हैं।

नींद की कमी में सर्पगंधा का उपयोग

सर्पगंधा एक औषधीय पौधा है, इसके मूल भाग यानी जड़ का इस्तेमाल औषधीय रूप से किया जाता है। यह जड़ी-बूटी मुख्य रूप से मानसिक रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और अनिद्रा में उपयोगी मानी जाती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि सर्पगंधा का उपयोग सीधे तौर पर न करके कुछ अन्य मस्तिष्क-शक्ति बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, मंडूकपर्णी और जटामांसी के साथ मिलाकर किया जाता है। इन सभी औषधियों का संयुक्त प्रभाव मस्तिष्क को शांत करता है और मन को स्थिर बनाता है, जिससे नींद स्वाभाविक रूप से आने लगती है।

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सर्पगंधा की जड़ में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर की नाड़ी गति को मंद कर देते हैं। यानी यह नसों पर सीधा प्रभाव डालती है और शरीर को शांत करती है। इसके प्रभाव से मस्तिष्क की उत्तेजना कम होती है और रिलैक्सेशन महसूस होता है, जिससे नींद आने में सहायता मिलती है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को स्वाभाविक रूप से कंट्रोल करती है।

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Sarpagandha For Insomnia

सर्पगंधा का सेवन कैसे करें?

आयुर्वेद में सर्पगंधा की डोज व्यक्ति की प्रकृति, रोग की अवस्था और अन्य औषधियों के साथ संयोजन पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसके जड़ के पाउडर (चूर्ण) का उपयोग किया जाता है। इसे रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लिया जाता है। डोज की मात्रा 200 मिलीग्राम हो सकती है, लेकिन सटीक डोज आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही तय करनी चाहिए।

सर्पगंधा का सेवन कब नहीं करना चाहिए?

  • सर्पगंधा के उपयोग को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार जिन लोगों का ब्लड प्रेशर पहले से ही कम रहता है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सर्पगंधा नहीं देनी चाहिए।
  • इसका अकेले उपयोग नहीं करना चाहिए, विशेषकर इसका एक्सट्रैक्ट रूप। यह कुछ मामलों में मानसिक अवसाद या आत्मघाती विचारों को बढ़ा सकता है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसके सेवन से बचना चाहिए।

निष्कर्ष

अगर आप अनिद्रा से परेशान हैं और आयुर्वेदिक समाधान तलाश रहे हैं तो सर्पगंधा आपके लिए एक असरदार विकल्प हो सकता है, बशर्ते आप इसे किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर की देखरेख में लें। यह नींद की गोली नहीं है, बल्कि प्राकृतिक रूप से मन को स्थिर करके शरीर को शांति की अवस्था में ले जाती है। लेकिन इसका उपयोग अत्यधिक संवेदनशील है और डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं किया जाना चाहिए।

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FAQ

  • अनिद्रा को जल्दी कैसे ठीक करें?

    अनिद्रा से राहत पाने के लिए नियमित नींद का समय तय करें। सोने से पहले मोबाइल, टीवी जैसे स्क्रीन टाइम से बचें। हल्का गर्म दूध, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसी आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें। सोने से पहले ध्यान, प्राणायाम या गुनगुना स्नान करें। कैफीन, शराब और भारी भोजन से रात में परहेज करें। यदि नींद की समस्या बनी रहे, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। 
  • नींद क्यों नहीं आती है?

    नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद, अधिक मोबाइल या कंप्यूटर का उपयोग, अनियमित दिनचर्या, कैफीन या शराब का सेवन, देर रात खाना खाना या सोने से पहले भारी एक्सरसाइज करना। हार्मोनल असंतुलन, दर्द, असहज वातावरण या नींद से जुड़ी बीमारियां भी अनिद्रा का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा कुछ दवाइयों का सेवन भी नींद को प्रभावित करता है।
  • अनिद्रा के लक्षण? 

    अनिद्रा के प्रमुख लक्षणों में रात को समय पर नींद न आना, बार-बार नींद का टूटना, बहुत जल्दी नींद खुल जाना और फिर दोबारा नींद न आना शामिल हैं। नींद पूरी न होने के कारण व्यक्ति दिनभर थका-थका महसूस करता है, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, सिरदर्द, भूलने की समस्या और काम में मन न लगना जैसे मानसिक लक्षण भी देखने को मिलते हैं। लंबे समय तक अनिद्रा बने रहने पर यह तनाव, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है। यदि ये लक्षण लगातार दिखें तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

 

 

 

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