थायरॉइड आज के समय की एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है। थायरॉइड महिलाओं और पुरुषों दोनों की जीवन शैली प्रभावित होती है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने का काम करती है। लेकिन जब शरीर में किसी भी कारण से थायरॉइड कम या ज्यादा बनने लगता है, तो इससे शरीर को कई प्रकार की परेशानियां होने लगती है।
ऐसे में मेटाबॉलिज्म और हार्मोन को संतुलित करने के लिए थायरॉइड रोगियों के लिए खानपान का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना पड़ता है। कई फूड आइटम थायरॉइड ग्रंथि के काम को प्रभावित कर सकते हैं। थायरॉइड के मरीज व्रत और पूजा पाठ के दौरान हेल्थ एक्सपर्ट से ये सवाल जरूर करते हैं कि क्या वो साबूदाना खा सकते हैं? थायरॉइड में साबूदाना खाने से क्या फायदा और नुकसान हो सकते हैं? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।
साबूदाना क्या है? - What is Sabudana
साबूदाना टैपिओका स्टार्च (Tapioca Starch) से बनता है जो कसावा नामक पौधे की जड़ से निकाला जाता है। साबूदाना के दाने छोटे-छोटे सफेद मोती की तरह नजर आते हैं। मुख्य रूप से साबूदाना का सेवन व्रत के दौरान किया जाता है। साबूदाना में ग्लूटेन नहीं होता और यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है।
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साबूदाना में पाए जाने वाले पोषक तत्व- Nutritional Value of Sabudana
100 ग्राम साबूदाना में 350-360 कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट-85-88 ग्राम, प्रोटीन - 0.2 ग्राम हेल्दी फैट- 0.1 ग्राम, फाइबर 1 ग्राम, पोटैशियम-11 मि.ग्रा और कैल्शियम की मात्रा लगभग 20 से 22 मिलीग्राम होती है।
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क्या थायरॉइड में साबूदाना खाना सुरक्षित है?
सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन रक्षिता मेहरा (Rakshita Mehra, Senior Clinical Nutritionist and Dietician, Delhi) के अनुसार, थायरॉइड में साबूदाना सीमित मात्रा में और सही तरीके से खाया जा सकता है।
थायरॉइड में साबूदाना खाने के फायदे
1. ऊर्जा का अच्छा स्रोत (Provides Instant Energy)
थायरॉइड रोगियों में खासकर हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) में थकान, सुस्ती और मेटाबॉलिज्म स्लो होना आम बात है। ऐसे में साबूदाना का सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है।
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2. ग्लूटेन फ्री डाइट वालों के लिए बेहतर (Gluten-Free Option)
अगर थायरॉइड के साथ-साथ आपको ग्लूटेन सेंसिटिविटी भी है, तो साबूदाना खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है। साबूदाना एक ग्लूटेन फ्री अनाज है और इसको खाने से पेट पर ज्यादा दवाब नहीं होता है।
3. पाचन के लिए हल्का (Light on Digestion)
एक्सपर्ट बताती हैं कि थायरॉइड रोगियों में पाचन कमजोर हो सकता है। साबूदाना भिगोकर पकाने के बाद हल्का और आसानी से पचने वाला बन जाता है। खिचड़ी, खीर या उपमा के रूप में साबूदाना खाने से पाचन तंत्रिका पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ता है। साबूदाना खाने से पाचन तंत्र को दुरुस्त बनती है।
4. गर्मियों में शरीर को ठंडक देता है (Cooling in Nature)
आयुर्वेद में साबूदाना की तासीर ठंडी मानी गई है। थायरॉइड के कई मामलों में शरीर में सूजन और गर्मी की समस्या भी देखी जाती है। ऐसे में साबूदाना खाने से शरीर को आंतरिक रूप से ठंडक मिलती है।
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थायरॉइड में साबूदाना खाने के नुकसान
- डाइटिशियन रक्षिता मेहरा बताती हैं कि साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट अतिरिक्त मात्रा में पाया जाता है। अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से वजन बढ़ सकता है।
- हाइपोथायरॉइडिज्म से पीड़ित लोगों को अक्सर वजन बढ़ने की समस्या होती है। ऐसे रोगी अगर साबूदाना खाते हैं, तो उन्हें वजन बढ़ने की परेशानी हो सकती है।
- थायरॉइड की कार्यप्रणाली के लिए आयोडीन, जिंक और सेलेनियम अत्यंत आवश्यक हैं। साबूदाना इन पोषक तत्वों से लगभग शून्य होता है। यदि आहार में केवल साबूदाना ही खाया जाए, तो ये थायरॉइड के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है।
- साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है जिससे यह तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इससे थायरॉइड के साथ-साथ डायबिटीज वाले रोगियों को इसका सेवन करने से नुकसान पहुंच सकता है।
थायरॉइड में साबूदाना कैसे खाएं?-How to Eat Sabudana in Thyroid
यदि आपको थायरॉइड की समस्या है और आप साबूदाना खाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सुझावों पर ध्यान जरूर दें।
- खाने से पहले साबूदाना को कम से कम 6-8 घंटे भिगोकर रखें ताकि यह अच्छी तरह फूल जाए। इससे यह आसानी से पचता है।
- साबूदाना खिचड़ी बनाते समय उसमें पत्ता गोभी, गाजर, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां और मूंगफली मिलाएं ताकि उसमें प्रोटीन और फाइबर का संतुलन बना रहे।
- साबूदाना की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे अत्यधिक गर्म मसालों के साथ मिलाकर न पकाएं। साबूदाना को हल्का नमक और हल्दी के साथ ही पकाएं।
- किसी भी व्यक्ति के लिए रोजाना साबूदाना खाना फायदेमंद नहीं होता है। सप्ताह में 1-2 बार ही खाएं। ज्यादा मात्रा में साबूदाना खाने से बचें।
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निष्कर्ष
थायरॉइड रोगियों के लिए साबूदाना पूरी तरह से वर्जित नहीं है, लेकिन सावधानी के साथ सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए। अगर आप थायरॉइड से पीड़ित हैं, तो साबूदाना को सप्ताह में 1-2 बार, फाइबर और प्रोटीन के साथ संतुलित करके खाएं।
FAQ
दूध में साबूदाना खाने के फायदे
साबूदाना दूध में खाने से शरीर को हेल्दी एनर्जी मिलता है। दूध में साबूदाना में कैल्शियम और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद होता है। दूध में साबूदाना खाने से पेट को ठंडक मिलती है।साबूदाना ठंडा है या गरम
साबूदाना ठंडी तासीर वाला होता है। खाली पेट साबूदाना खाने से गैस, एसिडिटी और पेट की जलन से राहत मिलती है, साथ ही यह लंबे समय तक भूख को भी कंट्रोल करता है।साबूदाना खाने का तरीका
साबूदाना खाने का सही तरीका है कि इसे रातभर भिगोकर सुबह दूध या दही के साथ खाएं या हलवा, खिचड़ी या खीर बनाकर सेवन करें। रातभर भिगोया हुआ साबूदाना खाने से इसे पचाने में आसानी होती है।