
Can Hormonal Imbalance Prevent Weight Loss: क्या आपके साथ ऐसा हुआ कि वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, पुरजोर मेहनत कर रहे हैं, डाइट में कटौती कर रहे हैं। फिर भी वजन कम नहीं हो रहा है? इस तरह की शिकायत अक्सर लोग करते देखे जाते हैं। इस संबंध में विशेषज्ञ कहते हैं कि जो लोग सही तरह से डाइट फॉलो नहीं करते हैं या एक्सरसाइज से बचते हैं, उनके लिए वजन कम करना आसान नहीं होता है। इससे भी ज्यादा मुश्किल उन लोगों के लिए वेट लॉस करना होता है, जिन्हें पहले से ही किसी तरह की मेडिकल कंडीशन है। ऐसे में यह सवाल मन में जरूर कौंधता है कि क्या हार्मोनल इंबैलेंस में भी वजन कम करना मुश्किल होता है? आइए, जानते हैं इस बारे में ग्रेटर नोएडा स्थित Motherhood Hospitals में Consultant - Obstetrics & Gynecology डॉ. स्मिति जैन का क्या कहना है।
क्या हार्मोनल इंबैलेंस के कारण वजन कम करना मुश्किल होता है?- Is It Hard To Lose Weight With Hormone Imbalance
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डॉ. स्मिति जैन की मानें, तो हार्मोनल इंबैलेंस होने का मतलब है कि आपका शरीर सही तरह से काम नहीं कर रहा है यानी हार्मोन सही तरह से रेगुलेट नहीं हो रहे हैं। इस स्थिति में वजन कम करना अपने आप में एक चैलेंज बन जाता है। कहने का अर्थ साफ है कि हार्मोनल इंबैलेंस होने पर वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप वजन कम नहीं कर सकते हैं। इस संबंध में आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए, तनाव को मैनेज करना चाहिए, डाइट संबंधी बदलाव करने चाहिए। इस तरह की चीजों को फॉलो करके वजन कम करना संभव हो सकता है।
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हार्मोनल इंबैलेंस में वजन कम क्यों नहीं होता है?
मेटाबॉलिज्म पर असरः हार्मोनल इंबैलेंस के कारण मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है। खासकर, थायराइड हार्मोन में आ रहे बदलाव की वजह से मेटाबॉलिक रेट धीमा हो जाता है। ऐसे में शरीर पर्याप्त कैलोरी बर्न नहीं कर पाता यानी वजन कम होने की मुश्किलें आने लगती हैं।
भूख बढ़नाः वैसे तो हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से भूख बढ़ या घट सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो अगर इंसुलिन, घ्रेलिन और लेप्टिन जैसे हार्मोन, जो कि पेट को भूख लगी है या पेट भर चुका है, का सिग्नल देते हैं। इनमें असंतुलन आ जाए, तो संभवतः व्यक्ति को हर समय भूख लगती रहती है। ऐसे में वह जाने-अनजाने ओवर ईटिंग कर बैठते हैं, जिससे वजन बढ़ जाता है।
फैट का जमा होनाः कुछ हार्मोन ऐसे भी हैं, जो बॉडी में फैट स्टोरेज को प्रभावित करते हैं, जैसे क्रॉनिक स्ट्रेस या असंतुलित इंसुलिन के कारण कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में पेट के आसपास काफी फैट जमा होने लगता है, जिसे कम करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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हार्मोनल इंबैलेंस में कैसे करें वजन कम
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- डॉक्टर से मिलें और हार्मोनल इंबैलेंस होने का कारण जानें।
- आपको जिस भी तरह की बीमारी है, उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाएं।
- रेगुलर एक्सरसाइज करने से हार्मोनल इंबैलेंस को संतुलित किया जा सकता है।
- अपनी डाइट में पोषक तत्वों के अच्छे विकल्पों को चुनें।
- रोजाना पर्याप्त नींद अवश्य लें और तनाव कम से कम लें।
निष्कर्ष
हार्मोनल असंतुलन में वजन कम होना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हार्मोन बॉडी को रेगुलेट करते हैं। अगर कोई भी हार्मोन प्रभावित होता है, तो शरीर में कैलोरी बर्न होना मुश्किल हो सकता है, बेली फैट सकता है, खाने की क्रेविंग बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, समझने वाली बात ये है कि हार्मोनल इंबैलेंस से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से मिलें और अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाएं।
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- Oct 31, 2025 16:56 IST Modified By : Anurag Gupta
- Oct 31, 2025 16:56 IST Modified By : Anurag Gupta
- Oct 31, 2025 16:56 IST Published By : Meera Tagore