
Hormone Balance Tea: हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे क्रॉनिक स्ट्रेस, खराब डाइट, एक्सरसाइज की कमी, मेनोपॉज आदि। कई बार मेडिकल कंडीशन जैसे डायबिटीज और पीसीओएस के कारण भी हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। हार्मोनल इंबैलेंस होने पर भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे एक्ने, इंफर्टिलिटी और मोटापा आदि। वैसे तो हार्मोनल इंबैलेंस होने और इसके लक्षण नजर आने पर जरूरी है कि आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप कुछ चीजों को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर भी हार्मोनल इंबैलेंस को संतुलित कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदि चाय के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप हार्मोनल इंबैलेंस कर सकते हैं। ये चाय न सिर्फ हार्मोन को संतुलित बनाए रखेंगे, बल्कि आपकी सेहत में भी सुधार होगा। इस बारे में जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की।
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हार्मोनल इंबैलेंस के लिए आयुर्वेदिक चाय- Ayurvedic Tea For Hormonal Balance
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पिएं शतावरी की चाय
शतावरी चाय बहुत ही लाभकारी हैए आयुर्वेद में भी इसका जिक्र किया गया है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की मानें, तो शतावरी चाय में एडाप्टोजेनिक प्रॉपर्टीज होती हैं और इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन भी पाया जाता है। ये ऐसे तत्व हैं, जो महिला रिप्रोडक्टिव हेल्थ में काफी कारगर साबित होते हैं। विशेषकर, जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं या मेनोपॉज से गुजर रही हैं। ये दोनों ही कंडीशन ऐसी हैं, जिसमें हार्मोनल असंतुलन का रिस्क काफी ज्यादा होता है। ऐसे में शतावरी चाय पीने से पीने से तनाव मैनेज करने में मदद मिलती है, लिबिडो में सुधार होता है, जिससे हार्मोनल इंबैलेंस को सुधारा जा सकता है।
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कैसे बनाएं चाय
- एक कप पानी अच्छी तरह उबाल लें।
- उबले पानी में आधा चम्मच शतावरी पाउडर मिक्स करें।
- स्वाद के शहद और नींबू का रस मिल सकते हैं।
- करीब 3 से 5 मिनट तक इस मिश्रण को उबालें।
- छलनी से छान कर गर्मागर्म चाय का सेवन करें।
पिएं अश्वगंधा की चाय
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हार्मोनल इंबैलेंस को सुधारने में अश्वगंधा की चाय भी काफी कारगर तरीके से काम करती है। आयुर्वेद के अनुसार, अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में अश्वगंधा की चाय पीना काफी फायदेमंद होता है। इससे शरीर गर्म रहता है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। अश्वगंधा वात और कफ को बैलेंस करता है, जबकि पित्त को बढ़ा सकता है। जहां तक सवाल है कि अश्वगंधा की चाय हार्मोनल इंबैलेंस को कैसे सुधारती है? इस बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि इसमें एडाप्टोजेनिक कंपाउंड होता है। यह स्ट्रेस को मैनेज कर कोर्टिसोल का स्तर बैलेंस करता है। इस तरह हार्मोन को बैलेंस करने में यह मदद करता है।
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कैसे बनाएं चाय
- एक कप पानी में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिक्स करें।
- अब इस 10 से 15 मिनट के उबाल आने तक छोड़ दें।
- अच्छी तरह पक जाने पर एक गिलास में छान लें और चाय की चुस्कियों का मजा लें।
पिएं अशोक छाल की चाय
हार्मोनल इंबैलेंस में सुधार के लिए अशोक छाल की चाय भी काफी फायदेमंद हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें, तो अशोक छाल का उपयोग गर्भाशय की मसल्स को मजबूती देने और मेंस्ट्रुअल हेल्थ में सुधार के लिए लंबे समय से उपयोग में लाया जा रहा है। इस तरह देखा जाए, तो अशोक की छाल की चाय ओवर ऑल हेल्थ में सुधार करती है, जो कि हार्मोनल इंबैलेंस में भी सुधार करता है।
आयुर्वेदिक चाय का सेवन कब करें
वैसे तो किसी भी तरह के आयुर्वेदिक चाय का सेवन करने का सही समय सुबह का होता है। आप चाहें, तो मील लेने के बाद भी इसका सेवन कर सकते हैं। इससे पाचन क्षमता बेहतर होती है। इसके अलावा, शाम के समय आयुर्वेदिक चाय का लुत्फ उठा सकते हैं।
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निष्कर्ष
वैसे तो आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो हार्मोनल इंबैलेंस के लिए जानी जाती हैं। इनमें से तीन आयुर्वेदिक हर्ब का जिक्र हमने किया है। हालांकि, किसी भी तरह के आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित करें कि आप कोई और अन्य बीमारी नहीं है। साथ ही, प्रेग्नेंट महिलाएं और स्तनपान करा रही महिलाओं को भी इस संबंध में अलर्ट रहना चाहिए। हां, अरगर किसी तरह की समस्या है, तो एक्सपर्ट की सलाह पर ही आयुर्वेदिक चाय का सेवन करें।
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FAQ
हार्मोनल असंतुलन के लिए कौन सी चाय सबसे अच्छी है?
हार्मोन्स को संतुलित करने के लिए पुदीना, कैमोमाइल या ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय पी सकते हैं। वैसे इस तरह की समस्या होने पर आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसकी अनदेखी करने पर डायबिटीज या थायराइड जैसी बीमारी हो सकती है।1 महीने चाय ना पिए तो क्या होगा?
अगर आप चीनी वाले चाय पीते रहे हैं, तो एक महीने तक इस तरह की चाय न पीना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है। इससे नींद में सुधार होगा, पाचन क्रिया बेहतर होगी, एसिडिटी में कमी आएगी। हालांकि चाय छोड़ने के शुरुआती कुछ दिनों में कैफीन विड्रॉल के कारण सिरदर्द या चिड़चिड़ापन हो सकता है।क्या अदरक की चाय हार्मोनल असंतुलन को ठीक कर सकती है?
आपको हार्मोनल अंसतुलन की दिक्कत क्यों हो रही है, यह बात मायने रखती है। अगर पीसीओएस, डायबिटीज या थायराइड के कारण हार्मोनल अंसतुलन हो रहा है, तो बेहतर है कि आप डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाएं। अदरक की चाय इसमें ज्यादा कारगर तरीके से काम नहीं करती है।
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Dec 04, 2025 19:08 IST
Published By : Meera Tagore