समय के साथ लोगों की आदतों में कई तरह के बदलाव देखने को मिलें हैं। यह बदलाव शरीर में कई तरह की समस्याओं का कारण ब सकते हैं। इसमें हार्मोनल बदलावों को भी शामिल किया जाता है। ऑफिस में जाने वाली ज्यादातर महिलाओं को स्ट्रेस और अनियमति लाइफस्टाइल के कारण हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है। हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को पीरियड्स और मूड से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। यह पीसीओडी और पीसीओएस आदि के प्रभावों को बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में वजन बढ़ना और फर्टिलिटी आदि के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। हार्मोनल बदलावों को दूर करने के लिए आप लाइफस्टाइल और आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। नेचुरल उपायों में आप किचन में रखी चीजें जैसे कि अजवाइन, जीरा, अदरक और घी से काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं। इस लेख में मुरैना के सरकारी अस्पताल की आयुर्वेदाचार्य डॉ सोनल गर्ग से जानते हैं कि हार्मोनल बदलाव में किस तरह के ड्रिंक फायदेमंद हो सकती हैं?
हार्मोनल बदलाव में को बैलेंस करने में मदद करती है यह ड्रिंक
हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इससे पीरियड्स साइकिल भी प्रभावित होती है। यह आपके स्वभाव को चिड़चिड़ा भी बना सकता है। इस लेख में जानते हैं कि अजवाइन, घी, अदरक और अजवाइन का काढ़ा किस तरह से फायदेमंद होता है और इसे कैसे तैयार किया जाता है।
अदरक (Ginger)
अदरक एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है। यह पीरियड्स के दर्द को कम करता है और हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
जीरा (Cumin Seeds)
भारतीयों की रसोई में जीरा भी बेहद ही आसानी से उपलब्ध होता है। जीरा पाचन क्रिया को बेहतर करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। ऐसे में शरीर में हार्मोनल बदलाव संतुलित होना शुरु हो जाते हैं।
घी (Ghee)
देसी घी को आयुर्वेद में "ओजस बढ़ाने वाला" कहा गया है। यह शरीर को पोषण देता है, हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और प्रजनन तंत्र को शक्ति प्रदान करता है। पीसीओडी में घी का सेवन शरीर में सूजन को कम करता है और मेटाबोलिज्म सुधारने में मदद करता है।
अजवाइन (Carom Seeds)
अजवाइन पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। जब आपके शरीर की पाचन क्रिया बेहतर होती है तो इससे पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरह से होता है। ऐसे में आपके हार्मोन बैलेंस होना शुरु हो जाते हैं।
हार्मोन को बैलेंस करने के लिए कैसे बनाएं यह ड्रिंक
आयुर्वेद में सदियों से काढ़ा का उपयोग करके कई बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। काढ़ा का सेवन करके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है। आगे जानते की यह काढ़ा किस तरह से बनाया जा सकता है।
- इस काढ़े को बनाने के लिए आप दो कप पानी को गैस पर चढ़ाएं।
- इसके बाद इसमें एक छोटा चम्मच जीरा और अजवाइन मिलाएं।
- इसके अलावा, इसमें कद्दूकस किया हुआ एक चौथाई चम्मच अदरक मिलाएं।
- इसके बाद पानी को आधा होने तक उबालें।
- गैस को बंद करके पानी को छानकर हल्का गुनगुना करें और इसमें छोड़ा शुद्ध देशी घी मिलाकर पिएं।
- सुबह के समय खाली पेट इसे पीने से शरीर तेजी से डिटॉक्स होता है।
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पीसीओडी और गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं आधुनिक महिलाओं के लिए एक चुनौती बन चुकी हैं। ऐसे में यह आयुर्वेदिक काढ़ा एक बेहतरीन उपाय साबित हो सकता है। यह न केवल शरीर को अंदर से साफ करता है, बल्कि हार्मोनल संतुलन और प्रजनन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इस पेय को अपनी दिनचर्या में शामिल करके महिलाएं अपनी सेहत में सकारात्मक बदलाव महसूस कर सकती हैं।
FAQ
पीसीओडी में कौन सा फल खाना फायदेमंद होता है?
पीसीओडी और हार्मोन से जुड़ी समस्याओं में आप जामुन, सेब, नाशपति और संतरे का सेवन कर सकते हैं। यह फल एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं और शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं।हार्मोन बदलाव में किस तरह की चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?
हार्मोनल बदलाव में आपको ज्यादा शुगर वाले और कोल्ड ड्रिंक्स नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा, अधिक तला भुना खाने से भी दूरी बनानी चाहिए।हार्मोन को बैलेंस कैसे करें?
हार्मोन को बैलेंस करने के लिए आप रेगूलर एक्सरसाइज करें। इसके साथ ही आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और संतुलित व सुपाच्य भोजन लें। इससे आपको हार्मोनल बदलाव से होने वाले जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।