Gokhru Benefits For Urine Infection: किड़नी शरीर के टॉक्सिन्स को फिल्टर करने में मदद करती है। लेकिन, कई कारणों से व्यक्ति को किडनी और यूरिन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यूरिन इंफेक्शन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। लेकिन, यह इंफेक्शन पुरुषों को भी हो सकता है। इस रोग को दूर करने के लिए आप दवाओं की अपेक्षा नेचुरल उपाय का सहारा ले सकते हैं। आयुर्वेद में यूरिन से जुड़ी पेरशानियों को दूर करने के लिए गोखरू का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक औषधिय पौधा है, जिसके फल को सुखाकर आप उसका काढ़ा पी सकते हैं। गोखरू में सूजन को कम करने वाले और ड्यूरेटिक गुण (यूरिन लाने के गुण) होते हैं। इसके आलावा, यह अन्य कई समस्याओं में भी उपयोग किया जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल अस्पताल के आयुर्वेदाचार्य डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि यूरिन इंफेक्शन में गोखरू के क्या फायदे हो सकते हैं?
यूरिन इंफेक्शन में गोखरू के क्या फायदे होते हैं? - Gokshura Benefits To Reduce Urine Infection In Hindi
गोखरू का पौधा भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। इसकी खासियत होती है कि यह पौधा कमी पानी वाले क्षेत्रों में भी हो सकता है। यह वात, कफ और पित्त तीनों तरह के दोष को संतुलित करने में मदद करता है। इसे गोक्षुरा (Gokshura) और ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) के नाम से भी जाना जाता है। गोखरू का उपयोग विशेष रूप से यूरिन से जुड़े रोगों में किया जाता है। इसका फल कांटेदार होता है। पुरुषों को स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद माना जाता है। शरीर में पानी की कमी, आहार संबंधी कारक, डायबिटीज और इंफेक्शन की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट प्रभावित हो सकता है। ऐसे में यूरिन में जलन, रुकावट, बार-बार यूरिन आना, यूरिनरी इंफेक्शन, ज्यादा या कम पेशाब आना या किडनी स्टोन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल आगे जानते हैं कि यूरिन इंफेक्शन में गोखरू के क्या फायदे होते हैं?
सूजन को कम करना
गोक्षुर या गोखरू में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट में आने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके साथ ही, गोखरू के सेवन से यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन होने का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
ड्यूरेटिक गुण
गोखरू में ड्यूरेटिक गुण होते हैं यानी गोखरू का सेवन करने से शरीर के टॉक्सिन्स तेजी से बाहर निकलते हैं। ऐसे में व्यक्ति को बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है। इससे व्यक्ति की किडनी साफ होती है और उसके कार्य में सुधार होता है।
पेशाब की रूकावट को दूर करना
जब व्यक्ति गोखरू का काढ़ा या दवा का सेवन करता है तो इससे पेशाब बार-बार आती है। ऐसे में पेशाब की जलन और रुकावट की समस्या में आराम मिलता है। यह यूरिनरी ट्रैक्ट को अंदर से रोग मुक्त बनाने में सहायक होता है।
प्रोस्टेट से बचाव करें
बढ़ती उम्र के पुरुषो में प्रोस्टेट ग्रंथि से बढ़े होने से प्रोस्टेट रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यूरिन सही मात्रा में बाहर नहीं आ पाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार यूरिन के लिए जाना पड़ता है। यह समस्या अंडकोष में सूजन की वजह बन सकती है। ऐसे में गोखरू का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
यूटीआई का जोखिम कम करें
महिलाओं में अक्सर यूटीआई होने का जोखिम अधिक होता है। लेकिन, जब महिलाएं गोखरू का सेवन करती हैं तो इससे उनका इम्यून सिस्टम बढ़ता है, ऐसे में यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना कम होती है।
आयुर्वेद में गोखरू का उपयोग किडनी की पथरी के इलाज में भी किया जाता है। इसके ड्यूरेटिक गुण यूरिन आना बढ़ाते हैं। ऐसे में किडनी की पथरी पेशाब के रास्ते बाहर आने की संभावना बढ़ जाती है।
गोखरू का सेवन कैसे करें?
- गोखरू एक कांटेदार टॉफी के आकार का फल होता है। जो गोखरू के पेड़ से मिलता है।
- इस फल को सूखाकर या ताजा भी आप गर्म पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। इसे छानकर पी सकते हैं।
- बाजार में गोक्षुर का चूर्ण भी उपलब्ध है। आप इसे पानी के साथ ले सकते हैं।
- इसके अलावा कई कंपनी गोखरू की दवाएं भी देती हैं। आपकी इसकी कैप्सूल या टैबलेट ले सकते हैं।
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गोखरू में कई औषधिय गुण होंते हैं। लेकिन, किडनी और हृदय रोग के मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए। यह पेशाब की रुकावट को दूर करने और इंफेक्शन से बचाव के लिए सहायक होता है। लाइफस्टाइल में कुछ आवश्यक बदलाव करने से यूरिन से संबंधित रोगों की संभावना कम होती है।
FAQ
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के क्या कारण हैं?
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) का मुख्य कारण बैक्टीरिया का मूत्र मार्ग में प्रवेश करना है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर मल से आता है और मूत्रमार्ग के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।यूरिन इन्फेक्शन के क्या लक्षण होते हैं?
यूरिन इन्फेक्शन में, पेशाब करते समय दर्द या जलन, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना, पेट के निचले हिस्से या पीठ में दर्द, और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं।इंफेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए?
कैफीन, शराब, मसालेदार भोजन, सिट्रस फल, शक्कर और प्रोसेस्ड फूड जैसे आहार से बचना चाहिए।