आज के आधुनिक जमाने में ब्रेस्ट पंप ने कई सारी महिलाओं की लाइफ को आसान कर दिया है। ब्रेस्ट पंप ने मां के दूध को स्टोर करने और बाद में बच्चे को पिलाने की सहूलियत दी है। ब्रेस्ट पंप वर्किंग महिलाओं के लिए एक वरदान है अगर ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ब्रेस्ट पंप की वजह से नवजात शिशु को तब भी मां का दूध मिल जाता है, जब वो आसपास नहीं हैं। हालांकि जब बात होती है ब्रेस्ट पंप की, तो सिर्फ इसके फायदों का ही जिक्र होता है। कई महिलाएं आज भी ब्रेस्ट पंप के साइड इफेक्ट से अनजान हैं, इसलिए आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
दूध की सप्लाई को कम करता है
बच्चे द्वारा निप्पल चूसने और ब्रेस्ट पंप द्वारा निप्पल को लैच करने की प्रक्रिया बहुत ज्यादा अलग होती है। बच्चे द्वारा निप्पल चूसने से मां के ब्रेस्ट में दूध की निर्माण ज्यादा होता है। वहीं, अगर ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है तो इससे दूध का प्रोडक्शन कम हो सकता है।
निप्पल और टिश्यू डैमेज हो सकते हैं
ब्रेस्ट पंप का ज्यादा इस्तेमाल करने से यह निप्पल और टिश्यू को डैमेज कर सकता है। कई बार ब्रेस्ट पंप की गलत सेटिंग काई बार तेज दर्द और गांठ का कारण बन सकता है। कई महिलाएं मैन्युअल रूप से प्रयोग किए जाने वाले ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करती हैं यह आपके स्तन और हाथों में दर्द का कारण बन सकते हैं। कई रिसर्च यह बात सामने आई है कि ब्रेस्ट पंप का ज्यादा इस्तेमाल करने से निप्पल और टिश्यू जल्दी डैमेज हो सकते हैं।
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ब्रेस्ट लटक सकते हैं
कई महिलाएं अपना वक्त और एनर्जी बचाने के लिए बाजार में मिलने वाले आसानी से यूज होने वाले इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करती हैं। इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप स्तन से दूध को ज्यादा निकलता है, लेकिन कई बार इसकी वजह से स्तन में तेज दर्द महसूस हो जाता है। लगातार इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने से स्तन लटकने की समस्या भी हो सकती है। कई बार ये सूजन और ब्रेस्ट पर लाल रैशेज का कारण भी बन सकता है।
बच्चा होता है कंफ्यूज
जो महिलाएं कभी बच्चे को स्तनपान करवाती हैं और कभी ब्रेस्ट पंप द्वारा निकाले गए दूध को पिलाती हैं, तो इससे बच्चा कंफ्यूज हो सकता है। दरअसल, बच्चे को बोतल की निप्पल से दूध पीने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। कई बार सीधा स्तनपान करवाने की वजह से वो कंफ्यूज हो सकता है और आपके निप्पल को जोर से खींचने की कोशिश कर सकता है।
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दूध के पोषक तत्व होते हैं कम
ब्रेस्ट पंप द्वारा मां अपना ही दूध शिशु को देती हैं, लेकिन इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं। ब्रेस्ट का इस्तेमाल करने के बाद आपको हर बार इसे धोना और स्टरलाइज करना पड़ता है, जो ज्यादातर महिलाओं को झंझट का काम लगता है। इतना ही नहीं कई बार बार-बार सफाई करने के बावजूद ब्रेस्ट पंप द्वारा स्टोर किए गए मिल्क को बैक्टीरिया और हवा में मौजूद कीटाणुओं से बचाने में मुश्किल हो सकती है। बैक्टीरिया और कीटाणु दूध के पोषक तत्व और गुणवत्ता को कम कर देते है। दूषित ब्रेस्ट मिल्क का सेवन करने की वजह से कई बार बच्चा बीमार भी पड़ सकता है।
ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने से पहले क्या करें?
अगर आप पहली बार ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर रही हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बातचीत करें। डॉक्टर आपको ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करने के दौरान दूध की सप्लाई को कैसे बनाएं रखा जा सकता है इसके बारे में सही तरीके से गाइड कर सकेंगे।