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वर्किंग मदर्स के लिए ये है ब्रेस्ट पंपिंग का परफेक्ट रूटीन, जानें आसान तरीका

वर्किंग मदर्स को काम के साथ शिशु को पालने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां जानिए, सही मिल्क प्रोडक्शन के लिए ब्रेस्ट पंपिंग कब करनी चाहिए?
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वर्किंग मदर्स के लिए ये है ब्रेस्ट पंपिंग का परफेक्ट रूटीन, जानें आसान तरीका


आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में वर्किंग मदर्स के लिए शिशु को सही पोषण देना एक बड़ी चुनौती बन गया है। खासकर जब वे घर से बाहर काम करती हैं, तो बच्चे को स्तनपान कराना आसान नहीं होता। ऐसे में ब्रेस्ट पंपिंग बहुत जरूरी हो जाती है, जिससे कि घर में मां के न होने पर भी शिशु को सही समय पर मां का दूध मिल सके। ब्रेस्ट पंपिंग के जरिए मां अपने दूध को इकट्ठा कर सकती हैं, जिसे बाद में बच्चे को दिया जा सकता है, चाहे वह दिन हो या रात और खासकर तब जब मां अपने बच्चे के पास न हो। इसके साथ ही, ब्रेस्ट पंपिंग से दूध का प्रोडक्शन भी बेहतर बना रहता है जिससे शिशु को पर्याप्त दूध मिल सकता है। इस लेख में डॉक्टर गरिमा मेहता से जानिए, ब्रेस्ट पंपिंग का सही शेड्यूल क्या हो सकता है?

ब्रेस्ट पंपिंग का सही शेड्यूल - Best Breast Pumping Schedule for Moms

वर्किंग महिलाएं अक्सर ब्रेस्ट पंपिंग का सहारा लेती हैं ताकि उनके बच्चे को समय पर पर्याप्त दूध मिल सके। सही समय और तरीके से ब्रेस्ट पंपिंग करने से न केवल दूध की क्वालिटी बनी रहती है, बल्कि मां का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। यहां जानिए ब्रेस्ट पंपिंग का सही शेड्यूल और इससे जुड़ी जानकारियां।

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डॉक्टर गरिमा मेहता के अनुसार, ब्रेस्ट पंपिंग का सबसे सही समय सुबह का होता है। सुबह के समय दूध का प्रोडक्शन सबसे ज्यादा होता है और हार्मोनल स्तर भी बेहतर रहता है। इसलिए, जो महिलाएं दूध को लंबे समय तक स्टोर करना चाहती हैं, उन्हें सुबह ब्रेस्ट पंप करना चाहिए। सुबह के समय दूध निकालना न केवल आसान होता है, बल्कि यह थकान और तनाव से भी बचाता है।

Best Time To Pump breast

यदि आप वर्किंग हैं और अपने बच्चे से दूर रहती हैं, तो बच्चे के फीडिंग शेड्यूल के अनुसार ब्रेस्ट पंप करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा हर 3-4 घंटे पर दूध पीता है, तो आप हर 2 घंटे पर पंप कर सकती हैं। यह न केवल दूध के प्रोडक्शन को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि स्तनों में दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से भी बचाता है।

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दोपहर का समय ब्रेस्ट पंपिंग के लिए सही नहीं होता है। इस समय महिलाओं का शरीर थका हुआ होता है और मानसिक तनाव भी ज्यादा हो सकता है। ऐसे में दूध का प्रोडक्शन कम हो सकता है और पंपिंग प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है।

वर्किंग महिलाओं के लिए टिप्स

  • यदि आप ऑफिस में हैं, तो हर 2-3 घंटे पर ब्रेस्ट पंप करने के लिए ब्रेक लें।
  • इलेक्ट्रिक पंप या मैनुअल पंप का चुनाव अपनी सुविधा के अनुसार करें।
  • दूध को साफ और स्टरलाइज किए गए कंटेनर में ही स्टोर करें।
  • दूध को फ्रिज में सही तापमान पर रखें।

ब्रेस्ट पंपिंग के फायदे - Health benefits of breast pumping

  1. समय पर पंपिंग करने से दूध भरने के कारण होने वाले दर्द से बचा जा सकता है।
  2. यह कामकाजी महिलाओं के लिए बच्चे की देखभाल को आसान बनाता है।

निष्कर्ष

ब्रेस्ट पंपिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो वर्किंग और घरेलू दोनों ही प्रकार की महिलाओं के लिए फायदेमंद है। सही समय पर और सही तरीके से पंपिंग करना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। सुबह का समय पंपिंग के लिए सबसे बेहतर होता है और बच्चे के शेड्यूल के अनुसार पंप करना दूध प्रोडक्शन को बनाए रखने में मदद करता है।

 
 
 
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All Images Credit- Freepik

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