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स्तनपान के दौरान महिलाओं को करना पड़ता है इन चुनौतियों का सामना, जानें इनका समाधान

स्तनपान करानो के दौरान कई महिलाओं को मुश्किलें आती हैं। लेकिन, डॉक्टर की मदद से इनका समाधान निकाला जा सकता है।
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स्तनपान के दौरान महिलाओं को करना पड़ता है इन चुनौतियों का सामना, जानें इनका समाधान


Breastfeeding Challenges And Solutions In Hindi: डिलीवरी के बाद कुछ दिनों तक हर महिला को स्तनपान कराने में दिक्कत आती है। इसके पीछे कई सारे कारण मौजूद हैं। तमाम परेशोनियों के बावजूद, महिलाओं को चाहिए कि वे अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं, क्योंकि मां का दूध बच्चे के विकास और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, मां का दूध पीने के कारण बच्चे और मां के बीच एक अच्छा बॉन्ड भी विकसित होता है, जो मां को कई तरह की संभावित बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है। यहां तक कि मां की बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए भी ब्रेस्टफीड अच्छा माना जाता है। यहां हम जानेंगे कि मां को शुरुआती दिनों में ब्रेस्टफीड कराते हुए कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और उनके समाधान क्या हैं। इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल में बाल रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रणेता स्वरूप से बात की।

Breastfeeding Challenges And Solutions

चुनौतीः यदि आपके निप्पल सपाट या इन्वर्टेड हैं, तो स्तनपान कराने में दिक्कत आ सकती है।

समाधानः कुछ लोगों के निप्पल चपटे या इन्वर्टेड शेप के होते हैं। ऐसे में भले बच्चे को शुरुआती दिनों में स्तनपान करने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। लेकिन, जैसे-जैसे बच्चा दूध पीता है, वैसे-वैसे निप्पल बाहर की ओर निकल जाते हैं, जिससे बच्चे के लिए दूध पीना आसान हो जाता है। वहीं, कुछ मामलों में महिला को अपने निप्पलों को दूध पिलाने से पहले उंगली की मदद से खड़ा करना या घुमाना होता है, ताकि बच्चा आसानी से दूध पी सके। इस सबके बावजूद, अगर बच्चा दूध न पी सके, तो मां को डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।

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चुनौतीः स्तनों का आकार छोटा होने के कारण लगता है कि बच्चे का पेट नहीं भर पाएगा।

समाधानः आपको बता दें कि स्तन चाहे किसी भी साइज के हां, उससे दूध की आपूर्ति हमेशा हो जाती है। स्तनों में दूध कितना बनेगा, यह इस बता पर निर्भर करता है कि आप बच्चे को कितना दूध पिलाती हैं। आप जितना अधिक उसे दूध पिलाएंगी, दूध का उत्पादन उतना ही ज्यादा होगा।

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चुनौतीः स्तनपान कराने के दौरान मसालेदार भोजन नहीं कर पाती हैं।

समाधानः ब्रेस्टफीड के दौरान हर मां को चाहिए कि वे अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखे। ब्रेस्टफीड करा रही मांओं को इन दिनों मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे के पेट में जलन हो सकती है या गैस बन सकती है। अगर आपको मसालेदार चीजें खाने का मन हो, तो कम मात्रा में उसका सेवन कर सकते हैं। इसके बाद, खुद को अच्छी तरह हाइड्रेटेड रखें और बैलेंस्ड डाइट जरूर लें।

चुनौतीः बच्चे के रोने का मतलब है कि उसका पेट आपके दूध से नहीं भर रहा है।

समाधानः शुरुआती दिनों में हर मां को यही गलतफहमी होती है कि बच्चा रो रहा है, यानी उसका अपनी मां के दूध से पेट नहीं भर रहा है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। बच्चा अपनी मां के साथ रोने के जरिए ही संपर्क कर सकता है। उसके रोने की वजह सिर्फ भूख लगना नहीं होता है। कभी-कभी गर्मी लगना, असहज होना, डायपर गंदा करना आदि कारणों से भी बच्चा रोता है। हर मां को अपने बच्चे के रोने के अंदाज को समझने में भले ही समय लगता है, लेकिन कुछ ही दिनों में वह इसमें एक्सपर्ट हो जाती है।

चुनौतीः वर्किंग मदर के लिए ब्रेस्टफीड करवाना चैलेंजिंग हो जाता है।

समाधानः यह सच है कि वर्किंग मदर्स के लिए अपने बच्चे को स्तनपान कराना काफी चैलेंजिंग हो जाता है। हालांकि, शुरुआती छह महीने तक हर मां को अपने बच्चे के साथ ही रहना चाहिए। इसके बाद, जब आप जॉब रिजॉइन करें, तो कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है। आप अपने बच्चे के ऐसे कंटेनर में दूध स्टोर करके जा सकती हैं, जिसे स्पेशल ब्रेस्ट मिल्क को स्टोर करने के लिए बनाया जाता है। याद रखें, बच्चे को जन्म के पहले एक साल तक दूध पिलाना बहुत जरूरी है। यह बच्चे को आजीवनकाल तक फायदा पहुंचाता है।

image credit: freepik

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