What Are The Challenges Of Cancer Survivors in Hindi: कैंसर एक जानलेवन गंभीर बीमारी है। लेकिन, अगर शुरुआती चरणों में इसके बारे में पता चल जाए, तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। आज के समय में कैंसर का इलाज संभव हो गया है। ऐसे में सर्वाइकल कैंसर से लेकर ब्रेस्ट कैंसर, या अन्य किसी भी तरह के कैंसर का इलाज संभव है। लेकिन, एक कैंसर के मरीज का जीवन ट्रीटमेंट के दौरान जितनी चुनौतियों से भरा है, उतना ही मुश्किल उनके लिए ट्रीटमेंट के बाद का समय हो सकता है। कैंसर का सफल इलाज होने का बाद पीड़िक व्यक्ति को जीवनभर कैंसर सर्वाइवर के रूप में जाना जाता है। ऐसे में कैंसर से लड़ाई जितने के बाद भी उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए साउथ दिल्ली के नीति बाग में स्थित राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड डॉ. शुभम जैन ( Dr. Shubham Jain, Senior Consultant & Unit Head-Surgical Oncology, Rajiv Gandhi Cancer Institute & Research Centre (RGCIRC), Niti Bagh, South Delhi) से जानते हैं कि कैंसर सर्वाइवर किन समस्याओं का सामना करते हैं? (What are the challenges of cancer survivors)
कैंसर सर्वाइवर को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है - What Are The Problems With Cancer Survivors in Hindi?
1. शरीर से जुड़ी आम समस्याएं
कैंसर का इलाज, जैसे कि सर्जरी, कीमोथेरपी, और रेडिएशन का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन इलाजों के बाद, कैंसर सर्वाइवर को शारीरिक रूप से ठीक होने में समय लगता है। ऐसे में उन्हें थकान, दर्द, या शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके अलावा, इलाज के बाद शरीर के कुछ हिस्सों में बदलाव भी हो सकते हैं, जो उन्हें जीवन को सामान्य रूप से जीने में मुश्किल बना सकते हैं। ऐसे में शरीर को पहली वाली स्थिति में लाने के लिए सही डाइट और एक्सरसाइज की जरूरत होती है, ताकि व्यक्ति पहले जैसा महसूस कर सके।
इसे भी पढ़ें: कोल्ड ड्रिंक पीने से 5 गुना बढ़ सकता है मुंह के कैंसर का खतरा, स्टडी में सामने आई बात, डॉक्टर ने भी कहा सही
2. मानसिक तनाव और चिंता
कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के बाद इससे उबरने में समय लग सकता है। कैंसर के कारण सर्वाइवर को मानसिक रूप से भी कई समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि अक्सर उनके दिमाग में ये परेशानी चलती रहती है कि कहीं, उन्हें दोबारा कैंसर न हो जाएं। इस तरह की सोच के कारण वे अक्सर, तनाव, डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, कैंसर के कारण शरीर में हुए बदलाव, जैसे कि बालों का झड़ना या वजन में बदलाव, उनके आत्मविश्वास पर भी असर डालते हैं। इसलिए, सर्वाइवर्स के लिए मेंटल हेल्थ का खास ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।
3. समाज में फिर से खुद को ढालना
कैंसर से ठीक होने के बाद, समाज में फिर से पूरी तरह से घुल-मिल पाना अक्सर कैंसर सर्वाइवर्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है। कैंसर के बारे में कई बार लोग गलत धारणा रखते हैं, और इससे सर्वाइवर को अकेलापन महसूस हो सकता है। कभी-कभी लोग उनके साथ पहले जैसा व्यवहार नहीं करते, या बार-बार उन्हें बीमार की नजर से देखते हैं, जो उन्हें और ज्यादा परेशान कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: मेनोपॉज के दौरान बढ़ जाता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा, जानें दोनों के बीच में कनेक्शन
4. उपचार के बाद समर्थन
कैंसर का इलाज खत्म होने के बाद भी, सर्वाइवर को मदद और सपॉर्ट की जरूरत होती है। इस दौरान, परिवार, दोस्त, और सपोर्ट ग्रुप्स कैंसर सर्वाइवर्स को सपोर्ट देने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर उनके आसपास के लिए मानसिक, शारीरिक और इमोशनल तरीके से उन्हें सपोर्ट करें, तो उनको अच्छा महसूस होता है। क्योंकि, कैंसर सर्वाइवर्स को न सिर्फ शारीरिक बल्कि, मानसिक और भावनात्मक देखभाल की भी जरूरत होती है।
निष्कर्ष
कैंसर सर्वाइवर को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सही इलाज, सपोर्ट और समाज की समझ से इन समस्याओं को आसान बनाया जा सकता है। ऐसे में समाज को चाहिए कि वह न केवल कैंसर से पीड़ित व्यक्ति या सर्वाइवर्स को मेडिकल सहायता दे, बल्कि इमोशनल और सोशल सपोर्ट भी जरूरी है, ताकि सर्वाइवर अपना जीवन एक बार फिर से आसानी से और खुशी से जी सकें।
Image Credit: Freepik