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क्या PCOS या PCOD से जूझने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है? डॉ. पूजा बब्बर से जानें

Are women with PCOS or PCOD at Higher Risk for Breast Cancer: PCOD और PCOS से जूझने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है या नहीं, यह जानना जरूरी है।
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क्या PCOS या PCOD से जूझने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है? डॉ. पूजा बब्बर से जानें

इन दिनों खानपान में पोषक तत्वों की कमी, अनियमित लाइफस्टाइल, जंक और प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा मात्रा में सेवन करने की वजह से महिलाओं को हार्मोन संबंधी समस्याएं हो रही हैं। PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovary Disease) महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी दो आम समस्याएं हैं। PCOD और PCOS जैसी हार्मोनल समस्याएं अनियमित पीरियड, ओवुलेशन की कमी और अन्य शारीरिक बदलावों का कारण बन सकती है। इन हार्मोनल संबंधी परेशानियों से जूझने वाली महिलाओं के मन में प्रेग्नेंसी कंसीव करने, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से जुड़े कई सवाल आते हैं।

कुछ वक्त पहले की ही बात है, महिलाओं के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान PCOS और PCOD से जूझने वाली महिलाओं ने डॉक्टर से एक ही सवाल बार-बार किया, कि क्या इसकी वजह से उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा है? इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे।

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क्या PCOS/PCOD से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है?

गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पूजा बब्बर के अनुसार, PCOS/PCOD से पीड़ित महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर अनियमित तौर पर बढ़ता है। जब महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, तो यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। PCOS/PCOD से जूझने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जब वह अत्यधिक वजन, मोटापे या अनियमित पीरियड्स से भी पीड़ित हों। ऑनकोलॉजिस्ट का कहना है कि हर पीसीओएस और पीसीओडी से पीड़ित महिला को ब्रेस्ट कैंसर हो यह जरूरी नहीं है। यह उम्र, लाइफस्टाइल और फैमिली हिस्ट्री पर भी निर्भर करता है। जो महिलाएं पीसीओएस और पीसीओडी की समस्या से जूझ रही हैं और उनके परिवार में ब्रेस्ट या किसी भी अन्य प्रकार के कैंसर का इतिहास रहा है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह पर कैंसर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।

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पीसीओएस के लक्षण- Symptoms of PCOS

पीसीओएस होने पर महिलाओं में नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं :

  • पीरियड्स का रेगुलर न होना या लंबे समय तक होना
  • चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल (हिर्सुटिज़्म) उगना
  • अल्ट्रासाउंड में ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट नजर आना
  • अचानक से वजन का तेजी से बढ़ना
  • शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से न बनना
  • अत्यधिक मूड स्विंग होना

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पीसीओडी के लक्षण- Symptoms of PCOD

पीसीओडी होने पर महिलाओं में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं :

  • पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना या देरी से आना
  • मोटापा या वजन का अचानक तेजी से बढ़ना
  • स्किन का ऑयली होना और चेहरे पर पिंपल्स निकलना
  • शारीरिक सुस्ती और थकान होना
  • प्रेग्नेंसी कंसीव करने में परेशानी आना

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PCOS/PCOD में ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?- What to do to prevent breast cancer in PCOS/PCOD?

- डॉ. पूजा बब्बर का कहना है कि PCOS/PCOD से ग्रस्त महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए। खाने में पर्याप्त मात्रा में ताजे फल, साबुत अनाज और हेल्दी प्रोटीन को शामिल करना चाहिए।

- वजन बढ़ने से हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए वजन को नियंत्रित करने की कोशिश करें।

- मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए प्रतिदिन मेडिटेशन और विभिन्न प्रकार के योगासन करें।

- हार्मोन को संतुलित करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें। आप चाहें, तो डाइट में हर्बल चाय और प्राकृतिक उत्पादों को भी शामिल कर सकते हैं।

- ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए नियमित रूप से ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन करें। डॉक्टर की सलाह पर साल में एक बार मैमोग्राफी और अन्य जरूरी जांचें कराएं।

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निष्कर्ष

PCOS/PCOD से जूझने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, आम महिलाओं के मुकाबले ज्यादा होता है। हालांकि सही जीवनशैली, खानपान और थोड़ी सी मेडिकल जांच के जरिए इसे मैनेज किया जा सकता है। अगर आपको पीसीओएस या पीसीओडी की समस्या है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।

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