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World Breastfeeding Week: शिशु को दूध पिलाने से मां की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है गहरा असर, जानें कैसे

Impact Of Breastfeeding On Mother's Mental Health In Hindi: ब्रेस्टफीड कराने से मां और शिशु के मेंटल हेल्थ पर पोजिटिव असर पड़ता है।
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World Breastfeeding Week: शिशु को दूध पिलाने से मां की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है गहरा असर, जानें कैसे


Impact Of Breastfeeding On Mother's Mental Health In Hindi: बच्चे के जन्म के पहले दिन से ही उसे मां का दूध पिलाना चाहिए। यह न सिर्फ बच्चे के स्वास्थ्य और अच्छे विकास के लिए जरूरी है, बल्कि मां के लिए भी यह आवश्यक होता है। शिशु को दूध पिलाने से मां कई तरह बीमारियों से भी बची रह सकती है। इतना ही नहीं, ब्रेस्टफीड कराने से मां और बच्चे का मेंटल हेल्थ पर काफी गहरा असर पड़ता है। हालांकि, सबके लिए ब्रेस्टफीड कराना एक जैसा अनुभव नहीं होता है। कुद महिलाओं के लिए यह कष्टकर हो सकता है। इसके बावजूद, मानसिक स्वास्थ्य को इससे मिलने वाले फायदों की अनदेखी नहीं की जा सकती है। इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल में बाल रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रणेता स्वरूप से बात की। पेश है, बातचीत के महत्वपूर्ण अंश। 

एंग्जाइटी कम होती है - Reduce Anxiety

Reduce Anxiety

एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, "ब्रेस्टफीड कराने से महिलाओं में एंग्जाइटी कम होता है। दरअसल, बेस्टफीड कराने के कारण महिला के मन में आ रहे नेगेटिव थॉट्स कम हो जाते हैं, बुरे विचार नहीं आते हैं और स्ट्रेस में भी कमी आती है।’’ वास्तव में, डिलीवरी के बाद, महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियं झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में जब बच्चे की जिम्मेदारी भी मां पर आ जाती है, तो उसे एंग्जाइटी होने लगती है। लेकिन, जब वह प्रॉपर तरीके से बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती है, तो एंग्जाइटी के स्तर में कमी दिखने लगती है।"

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डिप्रेशन के लक्षणों में कमी आती है - Reduce Depression Symptoms

एंग्जाइटी की ही तरह, डिप्रेशन के लक्षणों में भी ब्रेस्टफीड कराने से कमी देखने को मिलती है। दरअसल, कई महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकारा हो जाती हैं। हालांकि, यह बहुत खतरनाक स्थिति है, जिससे रिकवरी के लिए नई मां को न सिर्फ डॉक्टर के सपोर्ट की जरूरत होती है, बल्कि परिवार का साथ भी चाहिए होता है। वहीं, कुछ महिलाओं को बेबी ब्लूज हो जाता है। इस स्थिति में, महिलाएं अगर रेगुलरली और नियमित रूप से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराए, तो बेबी ब्लूज दूर हो सकते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों में कमी आ सकती है

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बॉन्डिंग बेहतर होती है - Improves Bonding

विशेषज्ञों की मानें, तो ब्रेस्टफीड कराने से बच्चे और मां की बॉन्डिंग भी बेहतर होती है। दरअसल, ब्रेस्टफीड कराने की वजह से बच्चा हर समय अपनी मां के इर्द-गिर्द रहता है और मां की छुअन को महसूस करता है। मां के संपर्क में आने के कारण, बच्चा हमेशा खुद को सुरक्षित महसूस करता है। इसके अलावा, मां के अंदर भी अपने बच्चे के लिए दिनों-दिन प्यार बढ़ता जाता है।

स्लीप साइकिल बेहतर होता है - Improve Sleep Cycle

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि बच्चे के जन्म के बाद मां को अच्छी और गहरी नींद चाहिए होती है। लेकिन, बच्चे को हर दो घंटे में भूख लग जाती है और वह जब-तब रोने लगता है। ऐसे में, मां के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना एक चुनौती बन जाता है। शायद आपको यह पता न हो कि अगर मां बच्चे को दूध पिलाती है, तो इससे उनका स्लीप साइकिल भी बेहतर होता है। दरअसल, दूध पिलाने की वजह से मां के ब्रेस्ट में हो रहा टेंडरनेस कम होता है और मां रिलैक्स फील करती है, जो कि उन्हें सोने में मदद करता है।

image credit: freepik

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