मेलोनोमा (कैंसर के मस्से) होने के क्या कारण होते हैं? जानें इसका इलाज

त्वचा पर होने वाले बदलावों को नजरअंदाज न करें। आगे जानते हैं मेलेनोमा कैंसर के कारण और इलाज का तरीका।   
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मेलोनोमा (कैंसर के मस्से) होने के क्या कारण होते हैं? जानें इसका इलाज


त्वचा पर कई बार कुछ ब्लैक स्पॉट्स या मस्से उभरने लगते हैं। स्किन पर मस्से होने के पीछे कई कारण हो सकते है। लेकिन, कुछ मस्सों का इलाज न किया जाए तो यह कैंसर का रूप धारण कर सकते हैं। शरीर के कुछ हिस्सों में मस्सों का होना घातक हो सकता है। कैंसरयुक्त मस्सों को मेलेनोमा कहा जाता है। इस समस्या में स्किन पिगमंट बनाने वाले सेल्स बनने लगते हैं। इन्हें मेलानोसाइट्स कहा जाता है। डॉक्टर की मानें तो मेलेनोमा के एक गंभीर स्थिति होती है। इसलिए अगर आपकी स्किन पर मस्से बन रहे हैं, तो उनके साइज और शेप को समय-समय पर ट्रैक करते रहें। मैक्स अस्पताल के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. दीपक चुग से जानते हैं कि मेलेनोमा के लक्षण, कारण और इलाज कैसे किया जाता है। 

मेलेनोमा का क्या कारण है? Causes Of Melanoma in Hindi 

डॉक्टर की मानें तो यूवी किरणों की वजह से स्किन पर मेलोनोमा हो सकता है। सूर्य की हानिकारक रोशनी में ज्यादा रहने के कारण त्वचा का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। यूवी एक्सपोजर की वजह से कोशिकाओं का डीएनए डैमेज होने लगता है, जिससे जीन में बदलाव हो सकता है। यह प्रक्रिया सेल्स के बढ़ने और विभाजित होने के तरीके को प्रभावित करता है। टैनिंग के बाद यूवी किरणे स्किन के कैंसर यानी मेलेनोमा का जोखिम बढ़ा देती हैं। 

किन लोगों को मेलेनोमा होने की संभावना अधिक होती है-

  • जिन लोगों के परिवार में पहले किसी व्यक्ति को मेलेनोमा की समस्या हुई हो। 
  • जिन लोगों का रंग साफ हो या झाइयां हो। 
  • जो लोग धूप में अधिक रहते हैं, उनको ये समस्या हो सकती है। 
  • जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। 
  • जिन लोगों की त्वचा पर असामान्य रूप के तिल होते हैं, आदि। 

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मेलेनोमा के लक्षण क्या होते हैं? Symptoms Of Melanoma In Hindi 

अक्सर मेलेनोमा में कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, पहला संकेत आम तौर पर मौजूदा तिल में बदलाव या किसी स्थान पर नया तिल होना। इन तिल और मस्सों में क्या बदलाव होता है। 

  • रंग में बदलाव - तिल के रंग बदलावा होना, वह धब्बेदार या अलग-अलग रंग के हो सकते हैं। 
  • आकार में बदलाव - तिल व मस्से बड़ा दिखाई देना,
  • एक ही जगह अधिक तिल होना - इस समस्या में स्किन पर एक ही जगह पर कई तिल व मस्से उभर सकते हैं।  
  • खुजली या रक्तस्राव - स्किन पर खुजली व ब्लीडिंग हो सकती है। 

छोटी उम्र में, युवावस्था में और प्रेग्नेंसी के दौरान तिल व धब्बे दिखाई देना एक आम बात है। हालांकि, जिन व्यस्कों में स्किन में यह समस्या दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। 

मेलेनोमा का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Melanoma In Hindi 

  • मेलेनोमा सर्जरी: प्राथमिक चरण में सर्जरी से आपके मेलेनोमा को ठीक करने की उच्च संभावना अधिक होती है। इसमें सर्जन स्किन को सुन्न कर मेलेनोमा को हटा देते हैं। 
  • लिम्फैडेनेक्टॉमी : ऐसे मामलों में जहां मेलेनोमा फैल गया हो, वहां पर लिम्फ नोड्स को हटाने की आवश्यकता हो सकती है। यह प्रक्रिया मेलेनोमा को आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोक सकता है।
  • मेटास्टेक्टोमी: मेटास्टेक्टोमी का उपयोग अंगों से छोटे मेलेनोमा बिट्स को हटाने के लिए किया जाता है।
  • कैंसर थेरेपी: इसमें कैंसर कोशिकाओं (सेल्स) को कम करने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है। इसमें केवल कैंसर कोशिकाओं को ही टारगेट किया जाता है, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं में हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं। 
  • रेडिएशन थेरेपी : रेडिएशन थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को कम करने और ट्यूमर को नष्ट करने के लिए हाई रेडिएशन किरणों का उपयोग किया जाता है।
  • इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी कैंसर से लड़ने में मदद करने के लिए आपकी अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करती है।

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त्वचा पर होने वाले किसी भी तरह के बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में यह आपके लिए अन्य समस्या का कारण बन सकते हैं। त्वचा पर मस्से या तिल का आकार बदलने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।  

 

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