मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है हड्डियों की कमजोरी। जैसे ही शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन का लेवल गिरता है, हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और टूटने या फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि मेनोपॉज के बाद हड्डियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। हड्डियों की कमजोरी सिर्फ उम्र बढ़ने की समस्या नहीं है। मॉडर्न लाइफस्टाइल, लंबे समय तक बैठने की आदत, कैल्शियम और विटामिन D की कमी और कम फिजिकल एक्टिविटी इसे और भी बढ़ा देते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई महिलाओं को रोजमर्रा के कामकाज में भी दिक्कत आने लगती है, जैसे सीढ़ियां चढ़ना, थोड़ी दूरी चलना या भारी सामान उठाना। इस लेख में न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज प्रोफेशनल, फिटनेस कोच वर्णित यादव से जानिए, मेनोपॉज के बाद हड्डियों को मजबूत रखने के लिए एक्सरसाइज कौन सी करें?
मेनोपॉज के बाद हड्डियों को मजबूत रखने के लिए एक्सरसाइज - What Exercises Increase Bone Density After Menopause
फिटनेस कोच वर्णित यादव बताते हैं कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं, खासकर एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है। एस्ट्रोजन हड्डियों की ताकत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है और जब यह कमी होने लगती है, तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का पतला होना जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मेनोपॉज के बाद हड्डियों को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है।
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1. वजन उठाने वाली एक्सरसाइज - Weight Bearing Exercise
इसमें शरीर का वजन खुद की हड्डियों पर पड़ता है। जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, डांसिंग या हल्की रनिंग। यह हड्डियों को मजबूती देता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करने की सलाह दी जाती है।
2. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग - Strength Training
हैंड वेट, डम्बल, रेसिस्टेंस बैंड या अपने बॉडी वेट के साथ की जाने वाली एक्सरसाइज हड्डियों और मसल्स दोनों को मजबूत बनाती हैं। स्क्वैट्स, लंजेस और आर्म प्रेस जैसे अभ्यास हड्डियों पर हल्का दबाव डालकर उन्हें मजबूत बनाते हैं।
3. बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज
योग और पिलाटे जैसी एक्सरसाइज हड्डियों को लचीला बनाती हैं और गिरने के खतरे को कम करती हैं। जैसे त्रिकोणासन और वज्रासन। ये खासकर रीढ़ और कूल्हे की हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं।
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4. कार्डियो एक्सरसाइज
साइक्लिंग, स्विमिंग और एरोबिक्स जैसी कार्डियो एक्सरसाइज हड्डियों पर हल्का दबाव डालती हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती हैं। इससे हड्डियों में पोषण पहुंचता है और उनकी ताकत बढ़ती है।
5. लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज
अगर हड्डियां बहुत कमजोर हैं, तो लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज जैसे वॉटर एरोबिक्स, आसान योग करना बेहतर होता है। यह ज्वाइंट्स और हड्डियों पर अत्यधिक दबाव डाले बिना उन्हें मजबूत बनाता है।
सावधानियां
- शुरुआत में हल्की एक्सरसाइज से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
- एक्सरसाइज के साथ बैलेंस डाइट और पर्याप्त कैल्शियम व विटामिन D लेना जरूरी है।
- किसी भी दर्द या चोट की स्थिति में तुरंत रोक दें और एक्सपर्ट से सलाह लें।
- हफ्ते में कम से कम 4–5 दिन नियमित अभ्यास करें।
- एक्सरसाइज के दौरान सही पॉश्चर का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
मेनोपॉज के बाद हड्डियों की कमजोरी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट और पर्याप्त पोषण के साथ, हड्डियों की ताकत और फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है। अगर आप नियमित रूप से सही एक्सरसाइज करें, तो ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित अभ्यास से हड्डियां मजबूत और शरीर लचीला रहता है, जिससे उम्र के साथ भी एक्टिव रहना आसान होता है।
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Oct 01, 2025 11:34 IST
Published By : Akanksha Tiwari