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बढ़ती उम्र में फिटनेस का राज है स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग, जानें कैसे बढ़ती है शक्ति और लंबी उम्र?

बढ़ती उम्र में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मांसपेशियों को मजबूती म‍िलती है, हड्डियों की कमजोरी दूर होती है, मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है और लंबी एवं एक्‍ट‍िव उम्र पाने में मदद म‍िलती है। 
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बढ़ती उम्र में फिटनेस का राज है स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग, जानें कैसे बढ़ती है शक्ति और लंबी उम्र?

उम्र बढ़ने के साथ हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को खोने लगता है, जिसे सार्कोपेनिया (Sarcopenia) कहा जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 30 की उम्र के बाद शुरू हो जाती है। अगर इसे रोका न जाए, तो सीढ़ियां चढ़ना, किराने का सामान उठाना या सही पॉश्चर बनाए रखना भी मुश्किल लगने लगता है। इन समस्‍याओं से बचने के ल‍िए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना चाह‍िए। यह सिर्फ जिम एक्टिविटी नहीं है, बल्कि शरीर के ल‍िए एक सेल्फ-केयर का तरीका है। यह कंट्रोल्ड और लगातार की जाने वाली रेजि‍स्टेंस ट्रेनिंग है जैसे रेजि‍स्टेंस बैंड, बॉडीवेट एक्सरसाइज, मशीनें और उतना वजन जिसे आप सुरक्षित रूप से संभाल सकें। इस लेख में जानेंगे क‍ि बढ़ती उम्र में स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग क्‍यों जरूरी है? इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Director Ozefit Fitness Club, Australia & Certified Fitness Coach Payal Asthana से बात की।


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बढ़ती उम्र में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के फायदे- Benefits Of Doing Strength Training As You Age

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  • स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जोड़ों को सपोर्ट देती है और हड्डियों को हेल्दी रखती है। यह मेटाबॉलिज्‍म बढ़ाती है, यानी शरीर आराम करते समय भी ज्यादा कैलोरी बर्न करता है जो वजन या हार्मोन्‍स को बैलेंस करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • कई लोग भारी वजन उठाने से डरते हैं, लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सिर्फ हेवी वेट नहीं होती।
  • शारीरिक फायदों से आगे बढ़कर, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मानसिक मजबूती भी देती है। यह धैर्य सिखाती है, आत्मविश्वास बढ़ाती है और क्रॉनिक दर्द, चोट और उम्र से संबंधित समस्याओं के जोखिम को कम करती है।

यह भी पढ़ें- क्या वाकई वेट लिफ्टिंग करके वजन घटाया जा सकता है? जानें एक्सपर्ट की राय

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कैसे बढ़ाती है शक्ति और लंबी उम्र?

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग उम्र बढ़ने के साथ सिर्फ मांसपेशियां मजबूत करने का तरीका नहीं है, बल्कि यह पूरी हेल्थ को अंदर से सपोर्ट करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर की एनर्जी भी घट जाती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग इन सभी समस्याओं को धीमा करके शरीर को लंबे समय तक एक्‍ट‍िव, मजबूत और हेल्दी रखती है।

स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग कि‍तनी बार करें?- How Often Should You Do Strength Training

  • स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग को सिर्फ 20-30 मिनट, हफ्ते में तीन दिन करें।
  • स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग को धीरे-धीरे शुरू करें और नियमित रहें।

न‍िष्‍कर्ष:

बढ़ती उम्र में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, मांसपेशियों की कमी से बचाकर शरीर को मजबूत और एक्‍ट‍िव बनाए रखती है। हड्डियों को मजबूती देकर गिरने, फ्रैक्चर और जोड़ों के दर्द का खतरा कम करती है।

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FAQ

  • स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग क्‍या होता है?

    स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक एक्‍सरसाइज है जिसमें वजन, रेजि‍स्टेंस बैंड, बॉडीवेट या मशीनों की मदद से मांसपेशियों पर दबाव डालकर उन्हें मजबूत और टोन किया जाता है। 
  • स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग के क्‍या फायदे हैं?

    स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मांसपेशियों एवं हड्डियों को मजबूत करती है, मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाती है, वजन कंट्रोल करती है, जॉइंट पेन कम करती है और उम्र बढ़ने पर फंक्शनल फिटनेस बनाए रखती है।
  • स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेन‍िंग कब नहीं करना चाह‍िए?

    तेज बुखार, गंभीर चोट, तीव्र दर्द, हाई बीपी, हार्ट कंडीशन या थकान में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग नहीं करनी चाहिए। 

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 09, 2025 20:14 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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