Menopause Weight Gain: आमतौर पर महिलाओं में 45 से 55 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज होने लगता है और इस दौरान उनमें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिलते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हार्मोन का बैलेंस बिगड़ना है। इस वजह से अनियिमत पीरियड्स, हॉट फ्लैश, रात को पसीना आना, नींद न आना, वजाइना का सूखापन, मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन (menopause symptoms) होने लगते हैं। कई हार्मोनल बदलावों की वजह से इसका असर महिला के वजन पर भी पड़ता है। इसलिए अक्सर देखा गया है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन अचानक तेजी से बढ़ने लग जाता है। हार्मोन के अलावा भी कई फैक्टर्स होते हैं, जिसके बारे में हमने नई दिल्ली के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की कंसल्टेंट डॉ. सीमा शर्मा (Dr. Seema Sharma, Consultant - Obstetrician & Gynecologist, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi, Vikas Puri) से बात की। उन्होंने कारणों के साथ-साथ वजन कंट्रोल करने के तरीके भी बताए।
मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने के कारण
डॉ. सीमा कहती हैं, “कई महिलाएं मेनोपॉज के दौरान या बाद में ज्यादा वजन की शिकायत लेकर आती हैं। उन्हें मैं इसके कारणों के साथ-साथ लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करने की सलाह देती हूं। इससे उन्हें काफी फायदा भी मिलता है। तो पहले जानते हैं कि मेनोपॉज के कारण वजन बढ़ने की वजह क्या है?”
हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने लगता है और यही हार्मोन मेटाबॉलिज्म और फैट डिस्ट्रीब्यूशन को कंट्रोल करता है। इस हार्मोन के कम होने से पेट और कमर के आसपास फैट जमना शुरू हो जाता है।
मेटाबॉलिज्म धीमा होना
उम्र बढ़ने के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसका मतलब यह है कि पहले जितनी कैलोरी आसानी से बर्न हो जाती थी, अब वही कैलोरी पूरी तरह से बर्न नहीं हो पाती और शरीर में चर्बी के रूप में जमा होने लगती है।
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मांसपेशियों की कमी
एजिंग के कारण मांसपेशियों में लॉस होने लगता है और इस वजह से फैट का स्टोरेज बढ़ जाता है। दरअसल, मांसपेशियां कैलोरी ज्यादा बर्न करती हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव
मेनोपॉज के दौरान या बाद में महिलाओं को थकान महसूस होती है और इस वजह से उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है और नींद की कमी के कारण वजन बढ़ने लगता है।
स्ट्रेस
मेनोपॉज के दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों के कारण महिलाएं अक्सर कई बार स्ट्रेस ले लेती हैं। स्ट्रेस के कारण कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। इस वजह से पेट की चर्बी और वजन तेजी से बढ़ने लगता है।
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मेनोपॉज के बाद वजन मैनेज करने के तरीके
डॉ. सीमा ने बताया कि हार्मोन का कम होना नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन इसके प्रभाव को कम लाइफस्टाइल में बदलाव करके किया जा सकता है। महिलाओं को अपने खानपान और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना जरूरी है।
- बैलेंस डाइट लेना - महिलाओं को ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और दालें डाइट में शामिल करनी चाहिए। इसके अलावा, प्रोटीन जैसेकि दही, पनीर, दाल, अंडा जरूर खाएं ताकि मसल लॉस रोका जा सके। जंक और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें - महिलाओं को रोजाना 30 मिनट वॉक या योग अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही मेटाबॉल्जिम को बढ़ाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए। अगर किसी महिला का स्ट्रेस है, तो वह मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी कर सकती है।
- नींद पूरी लें - महिलाओं को रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इससे मेंटल स्ट्रेस कम होता है।
- हाइड्रेशन का ध्यान रखें - महिलाओं को दिनभर प्रचुर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसमें नारियल पानी और हर्बल टी भी शामिल की जा सकती है। पानी से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जो वजन कंट्रोल करने में मदद करता है।
- डॉक्टर से सलाह जरूर लें - अगर किसी महिला का तेजी से वजन बढ़ रहा है या उसे थायरॉइड, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियां है, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। सही डाइट और सप्लीमेंट्स से वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
डॉ. सीमा कहती हैं कि वैसे तो मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना बहुत आम बात है, लेकिन इसे कंट्रोल करना भी मुश्किल नहीं है। बस जरूरत है, तो अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की। अगर किसी महिला को वजन के साथ कोई और भी परेशानी होती है, तो गायनोकॉलजिस्ट से मिलकर अपनी समस्या जरूर बताए।
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Sep 19, 2025 15:37 IST
Modified By : अनीश रावतSep 19, 2025 15:36 IST
Published By : अनीश रावत