पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली हाल ही में अपनी खराब तबीयत को लेकर सुर्खियों में आए। उन्हें अचानक अस्पताल में भर्ती कराए जाने का कारण उनके दिमाग में ब्लड क्लॉट (क्लॉट) की समस्या थी, जो एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है। कांबली के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। कांबली, जो 1996 के विश्व कप टीम का हिस्सा थे, अपने क्रिकेट करियर के बाद स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक संघर्षों से जूझ रहे हैं। हाल ही में वे अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर की याद में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां वे भारत के पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर से मिले। कार्यक्रम के दौरान कांबली काफी कमजोर और भावुक नजर आए।
दिमाग में ब्लड क्लॉट का मामला मेडिकल इमरजेंसी है, जिसे 'स्ट्रोक' के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थिति तब होती है जब दिमाग में ब्लड फ्लो अचानक रुक जाता है, जिससे उस हिस्से की कोशिकाएं डैमेज हो सकती हैं। अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। एसजीपीजीआई, लखनऊ के अस्पताल प्रबंधन विभाग के प्रमुख डॉ राजेश हर्शवर्धन से इस बीमारी के बारे में और जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि दिमाग में ब्लड क्लॉट बनने के कारण दिमाग को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे स्थायी नुकसान हो सकता है। इस स्थिति का इलाज समय पर करना बेहद जरूरी है। कांबली के मामले ने इस गंभीर समस्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। चलिए जानते हैं दिमाग में ब्लड क्लॉट की समस्या आखिर क्या है, इसके लक्षण, जोखिम, कारण और इलाज के बारे में।
दिमाग में ब्लड क्लॉट क्या है?- What is Brain Blood Clot
दिमाग में ब्लड क्लॉट तब बनता है जब रक्त का थक्का, दिमाग के किसी हिस्से में जमा हो जाता है। इस थक्के के कारण ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है, जिससे दिमाग के उस हिस्से में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे दिमाग की कोशिकाओं को डैमेज भी पहुंच सकता है और अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है।
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जानलेवा क्यों है यह बीमारी?- Why Brain Blood Clot is a Deadly Disease
दिमाग में ब्लड क्लॉट जानलेवा हो सकता है क्योंकि यह दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जो शरीर के जरूरी काम को कंट्रोल करता है। अगर ब्लड क्लॉट का इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो दिमाग के प्रभावित हिस्से की कोशिकाएं मर सकती हैं, जिससे स्थायी शारीरिक और मानसिक रूप से डैमेज हो सकता है, जैसे कि बोलने, चलने या सोचने में परेशानी होना। स्ट्रोक के गंभीर मामलों में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
दिमाग में ब्लड क्लॉट के लक्षण- Brain Blood Clot Symptoms
दिमाग में ब्लड क्लॉट के कई मुख्य लक्षण हो सकते हैं-
- अगर किसी एक तरफ का चेहरा झुकता है या मुंह के एक हिस्से में लकवा मार जाता है, तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
- अगर व्यक्ति को बोलने में मुश्किल हो या उसकी बोली अस्पष्ट हो, तो यह भी एक संकेत हो सकता है।
- एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना, जो कभी-कभी पूरी तरह से अंधेपन में बदल सकता है।
- शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, सुन्न होना या लकवा जैसी स्थिति आ सकती है।
- तेज सिर दर्द और लगातार उल्टी आना भी दिमाग में ब्लड क्लॉट के लक्षण हो सकते हैं।
दिमाग में ब्लड क्लॉट के जोखिम- Risks of Brain Blood Clot
दिमाग में ब्लड क्लॉट के बनने के जोखिम को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं-
- उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, खासकर 55 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में।
- हाई ब्लड प्रेशर एक प्रमुख कारण हो सकता है, जो ब्लड वैसल्स को कमजोर कर देता है।
- धूम्रपान और ज्यादा शराब पीने से ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ब्लड क्लॉट्स बनने का जोखिम बढ़ता है।
- डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल भी दिमाग में ब्लड क्लॉट के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- अगर परिवार में किसी को स्ट्रोक या अन्य कार्डियोवस्कुलर समस्याएं रही हैं, तो ऐसे व्यक्ति को भी इस बीमारी का ज्यादा खतरा होता है।
दिमाग में ब्लड क्लॉट के कारण- Causes of Brain Blood Clot
दिमाग में ब्लड क्लॉट बनने के कई कारण हो सकते हैं-
- जब ब्लड फ्लो में रुकावट आती है, तो खून का थक्का बन सकता है।
- अगर शरीर में खून के थक्के बनने की प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती है, तो यह ब्लड क्लॉट का कारण बन सकता है।
- हृदय की धड़कन में अनियमितता (एट्रियल फिब्रिलेशन) जैसी समस्याएं ब्लड क्लॉट के कारण बन सकती हैं, जो दिमाग में जा सकती हैं।
दिमाग में ब्लड क्लॉट का इलाज- Brain Blood Clot Treatment
- अगर दिमाग में ब्लड क्लॉट के लक्षण दिखाई दें, तो तत्काल मेडिकल मदद लेनी चाहिए।
- डॉक्टर थक्के को हटाने के लिए खून को पतला करने वाली दवाइयां (ब्लड थिनर) दे सकते हैं।
- कुछ मामलों में, सर्जिकल तरीके से भी ब्लड क्लॉट हटाने की प्रक्रिया की जाती है।
- इसके अलावा, इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए डॉक्टर, जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार, एक्सरसाइज और स्ट्रेस कम करने की सलाह देते हैं।
विनोद कांबली जैसे स्टार्स के लिए भी यह बीमारी उतनी ही गंभीर हो सकती है, जितना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए। दिमाग में ब्लड क्लॉट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसके लक्षणों का समय पर पहचानना और इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
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