प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लॉट (खून का थक्का जमने) के लक्षण और कारण

गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द, सूजन, सीने में दर्द और सांस फूलने जैसी समस्याएं शरीर में ब्लड क्लॉट (खून जमने) का संकेत हो सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लॉट (खून का थक्का जमने) के लक्षण और कारण


कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआती चरणों पैरों के निचले भाग में दर्द होने लगता है, जो असहनीय होता है। इस कारण कई बार उन्हें अस्पताल तक में भर्ती होने की नौबत आ जाती है। इस समस्या का एक बड़ा कारण पैरों की रक्तवाहिकाओं में खून जमना हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड क्लॉटिंग की समस्या का खतरा कुछ महिलाओं में देखने को मिलता है। वैसे यह स्थिति आम नहीं है क्योंकि लगभग हजार में से एक केवल एक ही महिला को इसका सामना करना पड़ता है। लेकिन कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद इस स्थिति के केस में उछाल आया है। कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद बहुत सी महिलाओं में ब्लड क्लॉट देखने को मिल रहा है। जो महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स का प्रयोग कर रही हैं या बेबी प्लान कर रही हैं उनमें भी यह समस्या देखने को मिल रही है।

प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लॉट का कारण (Causes For Blood Clots during pregnancy)

मदरहुड हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन का कहना है कि अगर महिला गर्भवती है या उसकी अभी-अभी डिलीवरी हुई है इन दोनों केस में ही ब्लड क्लॉट (Blood Clot) के चांसेस बढ़ जाते हैं क्योंकि ब्लड क्लॉट (Blood Clot) पेल्विक एरिया या पैरों में अधिक होता है। इसे डीवीटी(DVT) या डीप वेन थ्रांबोसिस भी कहा जाता है। कई बार ये स्थिति और गंभीर हो जाती है, जिसे पलमोनरी एंबॉलिज्म(PE) कहा जाता है। इस स्थिति में फेफड़ों की ब्लड वेसल्स तक खून का थक्का पहुंच जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है।

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ब्लड फ्लो कम होने के कारण

हालांकि गर्भवती महिलाओं के ब्लड क्लॉट होने के कारण बहुत अलग हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का ब्लड फ्लो कम हो जाता है क्योंकि बढ़ता हुआ बच्चा मां की नसों पर प्रेशर डालता है। इसके कारण ब्लड फ्लो सीमित हो जाता है। तब अधिकतर ब्लड क्लॉट प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में ही देखने को मिलते हैं।

बढ़ जाता है खून के जमने का खतरा

कई बार पेल्विस और फेफड़ों में भी ब्लड क्लॉट (Blood Clot) देखने को मिल जाता है। ऐसा तब होता है जब यह ट्रैवल करके इन भागों तक पहुंचता है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर का क्लोटिंग सिस्टम भी एक्टिवेट हो जाता है जिस कारण खून का एक साथ जमा होने का चांस बढ़ जाता है।

ब्लीडिंग बंद होने के कारण

एक वजह ब्लीडिंग का बंद होना भी होता है। बहुत सी महिलाओं में डिलीवरी होने के बाद भी ब्लड क्लॉट (Blood Clot) देखने को मिलते हैं जिसका सही कारण पता नहीं चल पाया है। यह शरीर का रिस्पॉन्स भी हो सकता है।

किन महिलाओं को होता है ज्यादा खतरा (Who is at Risk of Blood Clots during pregnancy)

जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं या जो अधिक उम्र में प्रेगनेंट होती हैं या फिर जो महिलाएं मोटापे की शिकार होती हैं, वह ब्लड क्लॉट (Blood Clot) की अधिक शिकार बनती हैं। इसलिए इन रिस्क फैक्टर्स से बचने की कोशिश करें।

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कुछ लक्षण जो प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड क्लॉट्स की चेतावनी देते हैं (Blood Clots during pregnancy Warning Symptoms)

  • आपके पैरों का सूजना,
  • उनका रंग में थोड़ा सा बैंगनी हो जाना
  • रेस्ट करने के बाद भी ठीक न होना।
  • छाती का टाइट होना  
  • सांस लेने में दिक्कत आना।

अगर आपको यह सब लक्षण देखने को मिलते हैं और यह समय के साथ ठीक नहीं होते है तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए।

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