आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी बताई गई हैं, जो न सिर्फ बीमारियों को दूर करती हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी साबित होती हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत प्रभावी औषधि है शंखपुष्पी। इसका उपयोग भारत में सदियों से किया जाता रहा है, विशेषकर मस्तिष्क, पाचन, अनिद्रा और मानसिक विकारों के इलाज में। हालांकि मॉडर्न लाइफस्टाइल और दवाओं के चलते लोग पारंपरिक औषधियों से दूर होते जा रहे हैं और इनके फायदों से अनजान रह जाते हैं। शंखपुष्पी एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे मेध्य रसायन कहा जाता है, यानी यह स्मृति, बुद्धि और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में सहायक है। यह न सिर्फ मानसिक तनाव और अनिद्रा को दूर करती है, बल्कि पाचन को सुधारती है, लिवर को डिटॉक्स करती है, यूरिन संबंधी समस्याओं में राहत देती है और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में भी उपयोगी मानी जाती है।
लेकिन आज के समय में सही जानकारी के अभाव में लोग शंखपुष्पी का उचित तरीके से प्रयोग नहीं कर पाते या फिर इसके नुकसान से अनजान रहते हैं। यही वजह है कि "आरोग्य विद आयुर्वेद" सीरीज के अंतर्गत हम शंखपुष्पी जैसे पारंपरिक औषधीय पौधों के बारे में बताएंगे, ताकि लोग फिर से प्राकृतिक औषधियों की ओर लौट सकें और बिना साइड इफेक्ट के हेल्दी जीवन जी सकें। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा, शंखपुष्पी के फायदे (shankhpushpi ke fayde), नुकसान, सेवन विधि और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जो आपको और आपके परिवार को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती है।
शंखपुष्पी क्या है? - What Is Shankhpushpi Used As
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में शंखपुष्पी (Convolvulus pluricaulis) को एक अत्यंत प्रभावशाली मेध्य रसायन माना गया है। इसका उपयोग प्राचीन काल से मानसिक रोगों, अनिद्रा, चिंता, मस्तिष्क की कमजोरी, पाचन तंत्र के विकार और यहां तक कि प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी (What is Shankhpushpi good for) किया जाता रहा है। यह एक ऐसी औषधि है जो शरीर और मन दोनों पर कार्य करती है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, शंखपुष्पी की प्रकृति कषाय (कसैली), कटु (तीखी) और तिक्त (कड़वी) मानी गई है और यह रस में दीपनीय, बल्य (बल प्रदान करने वाली) और मेध्य (मस्तिष्क बल बढ़ाने वाली) (shankhpushpi benefits for brain) औषधि है।
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शंखपुष्पी के फायदे क्या हैं? - Shankhpushpi Benefits
1. अनिद्रा में राहत
ज्वर या तनाव के कारण होने वाली नींद की समस्या (अनिद्रा) में शंखपुष्पी विशेष रूप से उपयोगी (shankhpushpi benefits for brain) मानी जाती है। इसका फांट या स्वरस दूध और जीरे के साथ लेने से गहरी नींद आती है।
2. पाचन तंत्र को साफ करे
कब्ज, गुल्म (आंतों का फुलना या मरोड़), गैस आदि में शंखपुष्पी की जड़ का प्रयोग दस्त लाकर पेट साफ करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
3. पुरानी खांसी और श्वास रोगों में फायदेमंद
इसके पत्तों का धूम्रपान पुराने श्वास और खांसी में राहत (Shankhpushpi uses in Hindi) देता है।
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4. यूरिन समस्याओं में कारगर
पेशाब में जलन, खुलकर पेशाब न आना या यूरिन में पस आने जैसी समस्याओं में शंखपुष्पी का स्वरस लाभ देता है।
5. महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सहायक
गर्भधारण में समस्या हो या शुक्रधातु की कमजोरी, शंखपुष्पी का नियमित सेवन लाभ पहुंचाता है।
6. त्वचा, बाल और स्मृति शक्ति को बढ़ाए
आयुर्वेद में इसे स्मृति वर्धक (Does shankhpushpi increase brain power), कांति वर्धक और बलकारक माना गया है।
7. लिवर के लिए उपयोगी
शंखपुष्पी का फांट खाली पेट लेने से लिवर डिटॉक्स (Is Shankhpushpi good for the liver) होता है, जिससे पाचन सुधरता है और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
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शंखपुष्पी के नुकसान क्या हैं? - What Is The Side Effects of Shankhpushpi
- अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह दस्तावर हो सकती है यानी शरीर से अत्यधिक जल बाहर निकाल सकती है।
- इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मी के मौसम में सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
- अगर किसी को पहले से दस्त, उल्टी या पाचन दुर्बलता (Who should not consume Shankhpushpi) की समस्या है, तो इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
- लंबे समय तक बिना रोक-टोक लेने से शरीर की प्राकृतिक पाचन क्रिया पर असर पड़ सकता है।
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किन लोगों को शंखपुष्पी नहीं लेनी चाहिए? - Who Should Not Consume Shankhpushpi
- जिन्हें बार-बार दस्त या IBS (Irritable Bowel Syndrome) की समस्या रहती है।
- गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसका सेवन करें।
- जिन लोगों को अत्यधिक गर्म तासीर वाले पदार्थ से एलर्जी होती है, वे इसे सीमित मात्रा में लें।
- छोटे बच्चों को केवल आयुर्वेद विशेषज्ञ की निगरानी में ही दें।
शंखपुष्पी का सेवन कैसे करना चाहिए? - How To Consume Shankhpushpi
- स्वरस20 से 40 मिलीलीटर तक
- चूर्ण यानी पाउडर 3 से 6 ग्राम
- फांट (काढ़ा/उबला पानी): 40 से 80 मिलीलीटर
आप इसे दूध, शहद, या जीरे के साथ मिला कर भी ले सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए इसे खाली पेट सुबह सेवन करना लाभकारी होता है।
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शंखपुष्पी कब लेनी चाहिए? - When To Take Shankhpushpi
- मानसिक तनाव या पढ़ाई के तनाव के समय
- पाचन संबंधी समस्याओं में सुबह खाली (What is the right time to take Shankhpushpi) पेट
- अनिद्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ
- डिटॉक्स या लिवर सुधार के लिए सुबह खाली पेट
- यूरिन समस्याओं में दिन में एक बार सेवन करना उपयोगी होता है।
क्या शंखपुष्पी रोज ली जा सकती है? - Can Shankhpushpi Be Taken Daily
हां, सीमित मात्रा में और किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह से शंखपुष्पी का सेवन कुछ समय तक रोज किया जा सकता है। लेकिन लंबी अवधि तक लगातार सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। शंखपुष्पी की दैनिक खुराक का पालन करना जरूरी है ताकि इसके दस्तावर प्रभाव से बचा जा सके।
क्या शंखपुष्पी लिवर के लिए अच्छी है? - Is Shankhpushpi Good For The Liver
जी हां, आयुर्वेद के अनुसार शंखपुष्पी लिवर की सफाई और पाचन अग्नि को बेहतर करने में सहायक है। यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है और लिवर से जुड़ी थकावट, भारीपन और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
क्या शंखपुष्पी को खाली पेट लिया जा सकता है? - Can We Take Shankhpushpi Empty Stomach
हां, विशेषकर शंखपुष्पी का फांट (उबाला गया पानी) सुबह खाली पेट लेने से पाचन और लिवर पर पॉजिटिव असर पड़ता है। यह शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने, कब्ज दूर करने और मन को शांत करने में सहायक होता है।
निष्कर्ष
शंखपुष्पी आयुर्वेद की एक बहुप्रभावी औषधि है जो मानसिक, शारीरिक और पाचन स्वास्थ्य को संतुलित करने में सहायक है। यह एक ओर जहां चिंता, डिप्रेशन और अनिद्रा में राहत देती है, वहीं दूसरी ओर पाचन, लिवर और यूरिन समस्याओं को भी दूर करती है। हालांकि, इसका सेवन करते समय मात्रा, समय और शारीरिक स्थिति का ध्यान रखना जरूरी है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की तरह इसे भी संयम और जागरूकता के साथ लेना चाहिए।
FAQ
क्या अपराजिता और शंखपुष्पी एक ही हैं?
नहीं, अपराजिता और शंखपुष्पी एक जैसी दिखने वाली लेकिन अलग-अलग औषधीय (is shankhpushpi and aparajita same) पौधे हैं। दोनों ही मानसिक शांति, स्मरण शक्ति बढ़ाने और तनाव कम करने में उपयोगी हैं, लेकिन इनका गुणधर्म और उपयोग विधि अलग हैं। इसलिए इनका प्रयोग करते समय सही जानकारी के अनुसार इनका चयन करें। बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह ली जाए।क्या शंखपुष्पी दिमाग की शक्ति बढ़ाती है?
जी हां, शंखपुष्पी को आयुर्वेद में मेध्य रसायन कहा (Does Shankhpushpi increase brain power) गया है, जिसका अर्थ है मस्तिष्क को बल और ऊर्जा देने वाली औषधि। यह तनाव, चिंता, अनिद्रा, और स्मृति कमजोरी जैसी समस्याओं में लाभकारी मानी जाती है। शंखपुष्पी का नियमित सेवन मानसिक एकाग्रता बढ़ाता है, स्मरण शक्ति को तेज करता है और दिमाग को शांत रखता है।शंखपुष्पी पीने से क्या फायदा होता है?
शंखपुष्पी का सेवन करने से मस्तिष्क और शरीर दोनों को कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। शंखपुष्पी का फांट पीने से याददाश्त मजबूत होती है और दिमाग को शांति मिलती है। इसके अलावा यह पाचन सुधारती है, कब्ज को दूर करती है और लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। यूरिन खुलकर न आने या पेशाब में जलन जैसी समस्याओं में भी यह लाभकारी है।