Normal Range of PUS Cells in Urine: पेशाब (Urine) से जुड़ी समस्याएं काफी गंभीर होती हैं। सही समय पर इनका इलाज न होने से परेशानियों के बढ़ने का खतरा रहता है। यूरिक से ब्लड, पस आदि आने की समस्या खतरनाक होती है। कई बार खानपान और जीवनशैली से जुड़ी गड़बड़ी और बीमारियों के कारण पेशाब में पस आने की समस्या होने लगती है। यह स्थिति काफी गंभीर होती है। आमतौर पर पेशाब में पस सेल्स (मवाद) की मौजूदगी होती है, लेकिन इनकी मात्रा बढ़ने पर किडनी समेत शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, पेशाब में पस सेल्स की नॉर्मल मात्रा कितनी होनी चाहिए और इसकी जांच कैसे होती है?
उम्र के हिसाब से यूरिन में पस सेल्स की नॉर्मल रेंज- Normal Range of PUS Cells in Urine in Hindi
बीमार पड़ने या किसी तरह के समस्या होने पर डॉक्टर आपको पेशाब की जांच (Urine Test) कराने की सलाह देते हैं। पेशाब की जांच के माध्यम से शरीर में पंप रही कई गंभीर समस्याओं का पता लगाने में मदद मिलती है। पेशाब की जांच के दौरान माइक्रोस्कोप के माध्यम से पस सेल्स की जांच की जाती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "पेशाब में पास सेल्स बढ़ने की समस्या को प्यूरिया कहा जाता है। प्यूरिया में मरीज के यूरिन में पस की मात्रा बढ़ जाती है। पेशाब में मौजूद पस सेल्स व्हाइट ब्लड सेल्स और प्रोटीन सीरम से मिलकर बने होते हैं। इनका रंग पीला होता है और इन्फेक्शन बढ़ने या किसी बीमारी के कारण इसकी मात्रा बढ़ती है।"
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उम्र के हिसाब से पेशाब में पस सेल्स की नॉर्मल मात्रा इस तरह से होनी चाहिए-
बच्चों में पस सेल्स की सामान्य मात्रा: नवजात शिशुओं और शिशुओं में यूरिन में मौजूद पस सेल्स की मात्रा थोड़ी ज्यादा हो सकती है। इस स्थिति में आमतौर पर, 10 सेल्स/एचपीएफ तक की संख्या को सामान्य माना जाता है। लेकिन बच्चों में डॉक्टर संक्रमण के लक्षण जैसे बार-बार पेशाब आना, बुखार और पेशाब करते समय जलन होने पर प्यूरिया का लक्षण मानते हैं। इस स्थिति में आपको बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
वयस्कों में पस सेल्स की नॉर्मल मात्रा: पुरुषों के पेशाब में पस सेल्स की सामान्य मात्रा आमतौर पर 0 से 4 सेल्स/एचपीएफ के बीच होती है। वहीं, महिलाओं में यह मात्रा थोड़ी अधिक हो सकती है, जो आमतौर पर 0 से 5-7 सेल्स/एचपीएफ के बीच होती है। महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में थोड़ा छोटा होता है। इसलिए महिलाओं में इसकी मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है।
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बुजुर्गों में पस सेल्स की मात्रा: बुजुर्गों में पेशाब में पस सेल्स की सामान्य मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। बढ़ती उम्र, कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र और यूरिनल इन्फेक्शन आदि के कारण इसकी मात्रा बढ़ जाती है। बुजुर्गों में पस सेल्स की सामान्य मात्रा 8-10 सेल्स/एचपीएफ होती है। इससे ज्यादा होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
पस सेल्स दरअसल व्हाइट ब्लड सेल्स का एक प्रकार होती हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होती हैं। ये कोशिकाएं शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। जब यूरिनल इन्फेक्शन होता है, तो इससे लड़ने के लिए व्हाइट ब्लड सेल्स को भेजा जाता है। इसकी वजह से ही पेशाब में पस सेल्स की मात्रा बढ़ जाती है।
यूरिन में पस सेल्स की उपस्थिति उनके स्तर के आधार पर सामान्य हो भी सकती हैं और नहीं भी। पस सेल्स एक स्वस्थ व्यक्ति के यूरिन के सैंपल में बहुत कम मात्रा में मौजूद हो सकते हैं। हालांकि यूरिन के सैंपल में अधिक पस सेल्स का होना यूटीआई यानी मूत्राशय संबंधी संक्रमण का संकेत हो सकता है।
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