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ब्लड में सीरम बिलीरुबिन का नॉर्मल लेवल कितना होना चाहिए? जानें बढ़ने के नुकसान

Normal Range of Serum Bilirubin: सीरम बिलीरुबिन शरीर में बनने वाला एक तरह का केमिकल है, जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने के बाद से बनता है।
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ब्लड में सीरम बिलीरुबिन का नॉर्मल लेवल कितना होना चाहिए? जानें बढ़ने के नुकसान


Normal Range of Serum Bilirubin: सीरम बिलीरुबिन शरीर में बनने वाला एक विषाक्त पदार्थ है। इसके बढ़ने से पीलिया जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण शरीर में बिलीरुबिन बढ़ने का खतरा रहता है। सही समय पर शरीर में बिलीरुबिन बढ़ने के लक्षणों को पहचान कर जांच कराने से आप इसके खतरे को कम कर सकते हैं। लिवर के माध्यम से फिल्टर होने वाला बिलीरुबिन पीलिया ही नहीं, बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, शरीर में बिलीरुबिन बढ़ने से क्या होता है और इसकी नॉर्मल रेंज क्या होती है?

सीरम बिलीरुबिन क्या है?- What is Serum Bilirubin in Hindi

सीरम बिलीरुबिन शरीर में बनने वाला एक तरह का केमिकल है, जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने के बाद से बनता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "सीरम बिलीरुबिन दो तरह का होता है- एक असंयोजित बिलीरुबिन जो ब्लड में पाया जाता है और दूसरा संयोजित बिलीरुबिन जो लिवर से प्रोसेस होकर पित्त के रूप में पाया जाता है। इसके बढ़ने पर पीलिया जैसी गंभीर समस्या का खतरा भी बढ़ जाता है।"

What is The Normal Range of Serum Bilirubin in Hindi

सीरम बिलीरुबिन टेस्ट की जरूरत कब होती है?- Importance of Serum Bilirubin Test in Hindi

सीरम बिलीरुबिन टेस्ट की जरूरत इन स्थितियों में पड़ती है-

  • जॉन्डिस (पीलिया): त्वचा और आंखों का पीला होना, लिवर से जुड़ी समस्या का संकेत होता है।
  • एनीमिया: ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी।
  • लिवर की बीमारी: हेपेटाइटिस, सिरोसिस या अन्य यकृत विकार।
  • नवजात शिशुओं में पीलिया: नवजातों में पीलिया की स्थिति होने पर।
  • गिल्बर्ट सिंड्रोम: एक आनुवंशिक विकार जो बिलीरुबिन के स्तर को प्रभावित करता है।

सीरम बिलीरुबिन का नॉर्मल लेवल कितना होना चाहिए?- What is The Normal Range of Serum Bilirubin in Hindi

सीरम बिलीरुबिन का नॉर्मल लेवल आमतौर पर हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। खानपान और स्वास्थ्य से जुड़े कारणों से इसकी रेंज कम या ज्यादा हो सकती है। सीरम बिलीरुबिन का सामान्य रेंज आमतौर पर 0.1 से 1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) होता है। यह लेवल उम्र, लिंग और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण अलग भी हो सकता है।

सीरम बिलीरुबिन बढ़ने के नुकसान- Side Effects of High Serum Bilirubin Level in Hindi

जब सीरम बिलीरुबिन का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है, तो इस स्थिति को हाइपरबिलीरुबिनेमिया कहते हैं। इसकी वजह से इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है-

1. जॉन्डिस (पीलिया): हाई बिलीरुबिन के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है। त्वचा और आंखों का पीला होना इसका प्रमुख संकेत है।

2. हेपेटाइटिस: यकृत की सूजन, जो वायरल संक्रमण के कारण हो सकती है।

3. लिवर सिरोसिस: यकृत के ऊतकों का क्षय होना, जो अक्सर शराब या हेपेटाइटिस के कारण होता है।

4. पित्त नली में ब्लॉकेज: पित्ताशय की पथरी या ट्यूमर के कारण पित्त नली में रुकावट हो सकती है।

5. हैमोलिटिक एनीमिया: रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से टूटना।

हाई सीरम बिलीरुबिन के लक्षण- High Serum Bilirubin Symptoms in Hindi

  • स्किन और आंखों का पीला होना
  • पेशाब का रंग पीला होना
  • हल्के रंग का मल
  • शरीर में थकान और कमजोरी
  • पेट में दर्द
  • भूख न लगना
  • चक्कर आना

शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने की वजह से पीलिया, लिवर से जुड़ी बीमारियां और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट और जीवनशैली से जुड़े जरूर बदलाव करने चाहिए। इसके अलावा बिलीरुबिन बढ़ने के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

(Image Courtesy: freepik.com)

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