Testosterone Hormone Normal Level: टेस्टोस्टेरोन एक आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाता है, हालांकि दोनों के शरीर में इसकी मात्रा में काफी अंतर होता है। पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोनको प्राथमिक सेक्स हार्मोन माना जाता है, जबकि महिलाओं में एस्ट्रोजन प्राथमिक सेक्स हार्मोन होता है। लेकिन महिला और पुरुष दोनों के ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का अहम रोल होता है। इसकी कमी और इसकी मात्रा बढ़ने पर शरीर में कई समस्याओं का खतरा रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का महत्व और इसकी नॉर्मल रेंज के बारे में।
टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए?
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, “शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का स्तर उम्र, वजन, आनुवंशिकी और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। शरीर में इसकी जांच ब्लड टेस्ट के माध्यम से की जाती है। आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की जांच का रिजल्ट नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर (ng/dL) में दिखाया जाता है।
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का नॉर्मल लेवल
300 - 1,100 ng/dL
महिलाओं में सामान्य टेस्टोस्टेरोन का स्तर
15 - 70 ng/dL
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पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का काम
शारीरिक विकास: टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के विकास और हड्डियों के मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह किशोरावस्था के दौरान पुरुषों में चेहरे के बालों, गहरी आवाज और शरीर के बालों के विकास को भी बढ़ावा देता है।
यौन क्रिया: टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में यौन इच्छा, शुक्राणु उत्पादन और निर्माण को बनाए रखने में मदद करता है।
लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन: टेस्टोस्टेरोन शरीर को लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में भी मदद करता है, जो ऑक्सीजन के परिवहन के लिए आवश्यक होते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य: टेस्टोस्टेरोन का स्तर ऊर्जा के स्तर, मनोदशा और संज्ञानात्मक कार्यों को भी प्रभावित कर सकता है।
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टेस्टोस्टेरोन का महिलाओं में क्या काम है?
टेस्टोस्टेरोन का स्तर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में काफी कम होता है, लेकिन यह हॉर्मोन महिलाओं के लिए भी जरूरी होता है। महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन इन चीजों को ठीक रखने में मदद करता है-
यौन क्रिया: टेस्टोस्टेरोन महिलाओं में यौन इच्छा और यौन उत्तेजना को बनाए रखने में भूमिका निभाता है।
हड्डियों का स्वास्थ्य: टेस्टोस्टेरोन हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करता है।
मांसपेशियों के लिए: टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के निर्माण और बनाए रखने में भी भूमिका निभाता है।
ऊर्जा का स्तर: टेस्टोस्टेरोन का स्तर महिलाओं में ऊर्जा के स्तर को भी प्रभावित कर सकता है।
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण
- कम सेक्स ड्राइव
- इरेक्शन संबंधी समस्याएं
- थकान
- मांसपेशियों का कम होना
- शरीर के बालों का कम होना
- मेल बूब्स या गाइनेकोमास्टिया
- चिड़चिड़ापन या अवसाद
- नींद की समस्या
- महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण
- कम सेक्स ड्राइव
- अनियमित मासिक चक्र
खानपान से जुड़ी गड़बड़ी, खराब जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़े कारणों की वजह से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी हो सकती है। इसकी कमी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लेकर जांच के बाद उचित कदम उठाने चाहिए।
(Image Courtesy: freepik.com)
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