टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो पुरुषों के शारीरिक और यौन विकास में सहायक होता है। इसके अलावा, यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में भी कुछ मात्रा में मौजूद होता है। टेस्टोस्टेरोन न केवल पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि यह मांसपेशियों के विकास, हड्डियों की मजबूती और शारीरिक शक्ति के लिए भी जरूरी होता है। इसके साथ ही टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल शरीर में मानसिक स्वास्थ्य और एनर्जी लेवल को भी प्रभावित करता है। बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ, टेस्टोस्टेरोन का लेवल शरीर में घटने लगता है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी, थकान और यौन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर पुरुषों के शरीर के लिए बेहद जरूरी होने वाला हार्मोन शरीर में बनता कैसे हैं? इस बारे में जानकारी देने के लिए हाल ही में आयुर्वेदिक डॉक्टर अरुण कुमार ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे बनता है?
शरीर में टेस्टोस्टेरोन कैसे बनता है?
आयुर्वेदिक डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बनने का सबसे पहला सिग्नल माइंड को मिलता है, जहां हाइपोथैलमस और पिट्यूटरी ग्रंथि पाई जाती हैं जो शरीर के फंक्शन को बैलेंस करने में मदद करती हैं, जैसे कि हार्मोंस को रिलीज करना, शरीर के तापमान को रेगुलेट करना, भूख-प्यास और इमोशन का बैलेंस करना आदि।
1. हाइपोथैलमस - Hypothalamus
टेस्टोस्टेरोन उत्पादन की प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण हाइपोथैलमस से होता है। यह मस्तिष्क का एक हिस्सा है जो GnRH को स्रावित करता है। यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland) को संकेत देता है, जिससे वह ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन (FSH) को छोड़ता है।
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2. पिट्यूटरी ग्रंथि - Pituitary Gland
पिट्यूटरी ग्रंथि, जो मस्तिष्क के नीचे स्थित होती है, LH और FSH हार्मोन को स्रावित करती है। ये हार्मोन सीधे अंडकोष पर प्रभाव डालते हैं और टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को प्रेरित करते हैं। LH अंडकोष में Leydig Cells को एक्टिव करता है, जो टेस्टोस्टेरोन का रिलीज करते हैं।
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3. अंडकोष और लेडिग कोशिकाएं - Testes and Leydig Cells
अंडकोषों में स्थित लेडिग कोशिकाएं टेस्टोस्टेरोन उत्पादन का प्रमुख सोर्स होती हैं। LH के प्रभाव से ये कोशिकाएं कोलेस्ट्रॉल को टेस्टोस्टेरोन में परिवर्तित करती हैं। यह प्रक्रिया कई तरह के एंजाइम्स की मदद से होती है और टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है।
4. रक्तप्रवाह में टेस्टोस्टेरोन - Testosterone in Bloodstream
टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होने के बाद यह रक्तप्रवाह में आता है। यहां से यह हार्मोन विभिन्न अंगों और ऊतकों यानी टिश्यू तक पहुंचता है, जहां यह पुरुषों में मांसपेशियों का विकास, हड्डियों की मजबूती, शारीरिक शक्ति और यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
टेस्टोस्टेरोन कैसे बढ़ाएं?
- शरीर में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बनाए रखने के लिए बैलेंस डाइट बेहद जरूरी है। इसमें प्रोटीन, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स को शामिल करें।
- रोजाना एक्सरसाइज और योग करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है। खासकर, भार उठाने वाली एक्सरसाइद और हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग HIIT प्रभावी साबित होते हैं।
- ज्यादा तनाव से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है। इसलिए, तनाव को कंट्रोल में रखने के लिए ध्यान, प्राणायाम और अच्छी नींद जरूरी है।
- अच्छी और पर्याप्त नींद टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बनाए रखने में सहायक होती है। नींद के दौरान शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
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