Causes And Symptoms Of Pituitary Disorder: हमारे शरीर के अंगों के संचालन में ब्रेन मुख्य भूमिका निभाता है। लेकिन, उसका सिर्फ इतना ही कार्य नहीं होता है, ब्रेन में मौजूद पिट्यूरी ग्रंथि विभिन्न हार्मोन का उत्पादन करती है। यह एक महत्वपूर्ण ग्रंथि होती है, जो हमारे शरीर के कई कार्यों के लिए आवश्यक होती है। इसे मास्टर ग्रंथि के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन, कई कारणों से पिट्यूटरी ग्रंथि में विकार हो सकता है। इसे पिट्यूरी डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। इस समस्या में व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक समस्या होने लगती है, क्योंकि हार्मोन का स्तर प्रभावित होने से कई तरह के रोगों के लक्षण सामने आ सकते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से आगे जानते हैं कि पिट्यूटरी ग्रंथि के डिसऑर्डर के क्या कारण होता हैं और इसमें किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।
पिट्यूटरी विकारों के कारण होते हैं?
- ट्यूमर (अडेनोमा): पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर बनने से ग्रंथि की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। ये ट्यूमर आमतौर पर गैर-कैंसरयुक्त होते हैं लेकिन ये हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन कर सकते हैं या इसके उत्पादन को रोक सकते हैं।
- चोट लगना: सिर पर चोट लगने से पिट्यूटरी ग्रंथि को नुकसान हो सकता है, जिससे इसके कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- संक्रमण और सूजन: कुछ संक्रमण या सूजन पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इसका कार्य असामान्य हो सकता है।
- आनुवंशिक विकार: कुछ आनुवंशिक स्थितियाँ, जैसे कि मल्टीपल एंडोक्राइन नेओप्लासिया सिंड्रोम (Multiple Endocrine Neoplasia Syndrome), पिट्यूटरी विकारों के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- ऑटोइम्यून बीमारियां: जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से पिट्यूटरी ग्रंथि पर हमला करती है, तो इसे ऑटोइम्यून हाइपोफाइसिटिस कहा जाता है, जो पिट्यूटरी विकार का कारण बन सकता है।
पिट्यूटरी विकारों के लक्षण क्या होते हैं?
पिट्यूटरी विकारों के लक्षण उनके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। आगे जानते हैं इसके कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में-
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- सिरदर्द: पिट्यूटरी ट्यूमर के कारण सिरदर्द हो सकता है। यह सिरदर्द अक्सर लगातार और गंभीर हो सकता है।
- दृष्टि समस्याएं: पिट्यूटरी ट्यूमर बढ़ते हुए ऑप्टिक नसों पर दबाव पड़ सकता हैं, जिससे दृष्टि में धुंधलापन या पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो सकता है।
- हार्मोनल असंतुलन: पिट्यूटरी ग्रंथि का मुख्य कार्य हार्मोन का उत्पादन करना है। ऐसे में इसकी कार्यप्रणाली में गड़बड़ी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इससे हाइपोथायरायडिज्म, कुशिंग सिड्रोम, प्रोलेक्टिनोमा और मेंस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो सकती है।
- इनफर्टिलिटी: पुरुषों और महिलाओं दोनों में पिट्यूटरी डिसऑर्डर के कारण प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
- ग्रोथ से जुड़ी समस्याएं: बच्चों में पिट्यूटरी डिसऑर्डर के कारण शारीरिक विकास और वृद्धि रुक सकती है। इससे बौनापन या अत्यधिक लंबाई की समस्या देखने को मिल सकती है।
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Causes And Symptoms Of Pituitary Disorder: पिट्यूटरी डिसऑर्डर होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर आपके रोग के कारण को पहचानकर उसका बेस्ट इलाज शुरू करते हैं। इस दौरान डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं।