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यूरिन की दिक्कतों में राहत देती है सौंफ, जानें फायदे और सेवन का तरीका

साफ-सफाई की कमी के कारण आजकल पेशाब से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। यहां जानिए, पेशाब में दिक्कत होने पर क्या करें?
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यूरिन की दिक्कतों में राहत देती है सौंफ, जानें फायदे और सेवन का तरीका

गर्मी के मौसम में पेशाब से जुड़ी समस्याएं जैसे पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब आना, पेशाब रुक-रुक कर आना या मूत्र मार्ग में इंफेक्शन होना, ये सब समस्याएं आजकल आम होती जा रही हैं। इन परेशानियों से व्यक्ति की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित होती है और समय पर इलाज न होने पर ये समस्याएं गंभीर रूप भी ले सकती हैं। बदलती लाइफस्टाइल, कम पानी पीना, ज्यादा मसालेदार भोजन, इंफेक्शन और शरीर में बढ़ते पित्त या वात दोष इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। ऐसे में आयुर्वेद में कुछ ऐसे घरेलू और प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के इन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं में एक है सौंफ का उपयोग। रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सौंफ न केवल खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करती है, बल्कि इसे आयुर्वेद में एक औषधीय जड़ी-बूटी भी माना गया है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, पेशाब में दिक्कत होने पर क्या करें?

पेशाब से जुड़ी समस्याओं में सौंफ के फायदे - Benefits of fennel in urine related problems

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में सौंफ को मधुर रस और शीतवीर्य औषधि के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि इसका स्वाद मीठा होता है और यह शरीर में ठंडक (Is fennel cooling or warming) लाने का कार्य करती है। चरक संहिता और भावप्रकाश निघंटु जैसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे दीपनीय (पाचन सुधारने वाली), मूत्रल (diuretic), तथा शीतल (cooling) औषधि बताया गया है। सौंफ का सेवन मूत्र मार्ग को साफ करता है, सूजन कम करता है और पित्त दोष को संतुलित करता है, जिससे मूत्र संबंधी रोगों में राहत मिलती है। इसके साथ ही यह शरीर में जल संतुलन को भी बनाए रखती है।

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1. मूत्र संक्रमण (UTI) में राहत

सौंफ में मौजूद गुण और एंटीबैक्टीरियल तत्व बैक्टीरिया के कारण होने वाले मूत्र संक्रमण यानी यूरिन इंफेक्शन से लड़ते हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में होने वाले बार-बार के UTI में उपयोगी साबित होती है।

2. जलन और दर्द से राहत

गर्मियों में या मसालेदार भोजन के कारण पेशाब में जलन और दर्द आम है। सौंफ का शीतल गुण इस जलन को शांत करता है और मूत्र मार्ग में ठंडक पहुंचाता है।

3. मूत्र की मात्रा बढ़ाना

आयुर्वेद के अनुसार, जब मूत्र कम बनता है या अधूरा त्याग होता है, तो शरीर में विषाक्त तत्व (आम) जमा होने लगते हैं। सौंफ एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करती है और मूत्र की मात्रा (Is fennel good for urine) को बढ़ाकर शरीर को डिटॉक्स करती है।

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4. सूजन और जल प्रतिधारण में फायदेमंद

कई बार शरीर में सूजन या पैरों में जल जमाव (fluid retention) मूत्र प्रणाली के कमजोर होने का संकेत होता है। सौंफ में मौजूद मूत्रल गुण इस सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

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सौंफ का सेवन कैसे करना चाहिए - How To Consume Fennel

1. सौंफ का पानी

रात में एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह इसे छानकर खाली पेट पी लें। यह मूत्र मार्ग की सफाई करता है और इंफेक्शन को दूर रखने में मदद कर सकता है।

2. सौंफ-धनिया का काढ़ा

बराबर मात्रा में सौंफ और सूखा धनिया लें, इसे पानी में उबालकर छान लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं। यह मिश्रण पित्त को शांत करता है और पेशाब में जलन को कम करता है।

3. सौंफ का चूर्ण

सूखी सौंफ को पीसकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लेने से पाचन सुधरता है और मूत्र मार्ग भी हेल्दी रहता है।

4. नींबू-सौंफ का पानी

गर्मियों में सौंफ का पानी बनाकर उसमें थोड़ा नींबू और शहद मिलाएं। यह शरीर को ठंडक देता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है, जो मूत्र समस्याओं का एक बड़ा कारण होता है।

निष्कर्ष

सौंफ के बीज केवल स्वाद ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होते हैं। खासकर मूत्र विकारों में सौंफ का नियमित और सही उपयोग शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलन में लाने में सहायक है। यह न केवल मूत्र मार्ग को साफ रखता है, बल्कि पाचन और हार्मोन संतुलन में भी मदद करता है।

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FAQ

  • पेशाब खुल के ना आए तो क्या करें?

    अगर पेशाब खुलकर ना आए तो यह शरीर में वात या पित्त दोष के असंतुलन का संकेत हो सकता है। ऐसे में सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। आयुर्वेद में सौंफ, धनिया और गुड़ का सेवन फायदेमंद माना गया है। 1 चम्मच सौंफ और धनिया रातभर पानी में भिगोकर सुबह छानकर पीने से मूत्र मार्ग साफ होता है। गुनगुना पानी, नारियल पानी और बेल का शरबत भी मूत्र को खोलने में सहायक है। यदि समस्या बनी रहे या जलन हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • जल्दी-जल्दी पेशाब लगने का कारण क्या है?

    जल्दी-जल्दी पेशाब लगने का कारण शरीर में पानी की अधिक मात्रा, बार-बार चाय-कॉफी या मूत्रवर्धक पेय पीना, ठंड लगना, डायबिटीज, UTI या ओवरएक्टिव ब्लैडर हो सकता है। आयुर्वेद में इसे वात और पित्त दोष की वृद्धि से जोड़ा जाता है, जिससे मूत्राशय की क्रिया असंतुलित हो जाती है। अधिक तनाव, चिंता या नींद की कमी भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। अगर इसके साथ जलन, दर्द या थकान भी महसूस हो, तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
  • पेशाब खुलकर नहीं आने के क्या कारण हैं?

    पेशाब खुलकर न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मूत्र मार्ग में रुकावट, पथरी, UTI, प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि (पुरुषों में), या मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी। पानी कम पीना, बार-बार पेशाब रोकना, ज्यादा मसालेदार भोजन या अत्यधिक तनाव भी इसके कारण हो सकते हैं। 

 

 

 

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