
आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल लोगों को काफी पसंद आती है लेकिन जब इसी लाइफस्टाइल के कारण बीमारियां होने लगती हैं तो लोग हॉस्पिटल के चक्कर लगाते हैं और लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां बताई गई हैं जो शरीर को अंदर से संतुलित रखती हैं। इन्हीं में से एक है लोध्र (Symplocos), यह एक ऐसी औषधि है जो पाचन, स्किन और स्त्री रोगों के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में लोध्र को वात, पित्त संतुलित करने वाला बताया गया है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे श्वेत प्रदर और हार्मोनल असंतुलन में भी बेहद असरदार मानी जाती है।
आपको बता दें, ओन्लीमायहेल्थ 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) नाम से एक स्पेशल सीरीज को चला रहा है। इस सीरीज में हम आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताते हैं, ताकि लोग इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलने वाले फायदों और नुकसानों के बारे में जान सकें और सही उपयोग कर सकें। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, लोध्र के फायदे, नुकसान और सेवन का सही तरीका क्या है।
लोध्र क्या है? - What is Lodhra
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं, ''लोध्र गुण से ठंडी होती है और यह वात-पित्त शामक और स्तंभक होती है। यही कारण है कि अतिसार (दस्त), ग्रहणी, और श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) जैसी समस्याओं में यह बहुत लाभकारी मानी जाती है। लोध्र मल को बांधती है और आंतों को ठंडक देती है।'' लोध्र की छाल का प्रयोग औषधीय रूप से किया जाता है। इसका स्वाद कसैला (कषाय) होता है और यह शरीर में शीत गुण रखता है। लोध्र का उपयोग आयुर्वेद में त्वचा, पेट की समस्या, स्त्री रोग और आंख की समस्याओं के लिए किया जाता है।
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लोध्र के क्या फायदे हैं? - Lodhra ke Fayde
1. पाचन को मजबूत बनाए
लोध्र में स्तंभक गुण होने के कारण यह अतिसार (डायरिया) और ग्रहणी जैसी समस्याओं में बहुत असरदार है। यह मल को बांधता है और आंतों को ठंडक देता है, जिससे दस्त और पेट की जलन कम होती है।
2. ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) में फायदेमंद
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, ''जिन महिलाओं को ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर की समस्या होती है, उनके लिए लोध्र बहुत उपयोगी है। यह योनि स्राव को नियंत्रित करता है और सूजन, खुजली जैसी समस्याओं को कम करता है।''
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3. त्वचा के लिए लाभकारी - Skin Benefits of Lodhra
लोध्र रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा की सूजन, मुंहासे, दाग-धब्बे जैसी समस्याओं में राहत दे सकता है।
4. वजन घटाने में सहायक
लोध्र कुछ हद कर मेटाबॉलिज्म बेहतर करने में सहायक हो सकता है।
5. आंखों के लिए लाभकारी
लोध्र का उपयोग की आंखों की दवाओं में किया जाता है। इसका उपयोग कई तरह की आंखों की समस्याओं में डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जा सकता है।
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लोध्र का सेवन कैसे करें? - How to Use Lodhra in Ayurveda)
आयुर्वेद में लोध्र को चूर्ण (पाउडर), काढ़ा (डेकोक्शन) या पेस्ट (लेप) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
1. लोध्र का काढ़ा कैसे बनाएं?
5 ग्राम लोध्र चूर्ण को आधा गिलास पानी में रातभर भिगो दें और सुबह उस पानी को गर्म करें, फिर ठंडा होने पर छानकर पिएं। यह पाचन को दुरुस्त करता है और आंतों की गर्मी कम करता है।
2. लोध्र के चूर्ण की सेवन विधि
वयस्क: 2 ग्राम सुबह और शाम गुनगुने पानी के साथ लें।
बच्चों के लिए: केवल ½ ग्राम दिन में एक बार देना पर्याप्त है।
3. त्वचा के लिए लोध्र लेप
लोध्र पाउडर को गुलाब जल या मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। यह पिंपल्स, ऑयल और सूजन को कम कर सकता है।
लोध्र के नुकसान - Side Effects of Lodhra
लोध्र का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं माना गया है, लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो यह कब्ज पैदा कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के लोध्र का सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
लोध्र एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो पेट की समस्या, स्त्री रोग और त्वचा के लिए बेहद उपयोगी है। यह शरीर को ठंडक देती है, सूजन कम करती है और आंतों को मजबूत बनाती है। अगर सही मात्रा में और चिकित्सक की सलाह से लिया जाए, तो यह प्राकृतिक रूप से शरीर को संतुलित और स्वस्थ रखने में मदद करती है।
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FAQ
लोध्र का सेवन कब करना चाहिए?
सुबह खाली पेट या भोजन के बाद शाम में लेना लाभकारी होता है।लोध्र को किसके साथ लेना चाहिए?
आमतौर पर इसे गुनगुने पानी या शहद के साथ लिया जाता है।क्या लोध्र को रोजाना लिया जा सकता है?
हां, लेकिन सीमित मात्रा (2 ग्राम) में। लंबे समय तक सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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Current Version
Oct 28, 2025 15:34 IST
Published By : Akanksha Tiwari