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बुखार होने पर इन 5 जड़ी-बूटियों का करें सेवन, शरीर का तापमान होगा कम और दर्द से मिलेगी राहत

Ayurvedic Herbs for Fever in Hindi: आयुर्वेद में सभी बीमारियों का जड़ से इलाज होता है। इसमें प्राकृतिक तरीके से इलाज किया जाता है। बुखार को ठीक करने के लिए भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन किया जा सकता है।  
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बुखार होने पर इन 5 जड़ी-बूटियों का करें सेवन, शरीर का तापमान होगा कम और दर्द से मिलेगी राहत


Ayurvedic Herbs to Get Relief From Fever in Hindi: बुखार एक आम समस्या है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में कभी-न-कभी बुखार जरूर होता है। बुखार कई कारणों से हो सकता है। डेंगू, मलेरिया, फ्लू और इंफेक्शन के अलावा, बुखार के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। बुखार का इलाज, इसके कारण पर ही निर्भर करता है। हालांकि, आयुर्वेद में बुखार का इलाज प्राकृतिक तरीके से किया जाता है। अक्सर लोग बुखार होने पर पेरासिटामोल दवा खा लेते हैं। लेकिन, आप चाहें तो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं। आइए, रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि आयुर्वेद में बुखार के लिए कौन-सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां बेस्ट हैं?

बुखार के लिए जड़ी-बूटियां- Bukhar ke Liye Jadi Buti

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1. गिलोय

अगर आप बुखार से परेशान हैं, तो गिलोय का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में गिलोय का उपयोग सर्दी-जुकाम, खांसी, फ्लू और बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। बुखार होने पर आप गिलोय का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इसके अलावा, गिलोय के पत्तों का जूस पीना भी लाभकारी होता है। गिलोय का काढ़ा पीने से शरीर का तापमान कम होता है। गिलोय शरीर के दर्द और थकान को भी कम करता है।

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2. चिरायता

बुखार होने पर आप चिरायता जड़ी-बूटी का सेवन भी कर सकते हैं। चिरायता त्वचा की खुजली और जलन को शांत करने में मदद करता है। चिरायता स्वाद में कड़वा होता है। बुखार से राहत पाने के लिए आप चिरायता का सेवन कर सकते हैं। चिरायता का काढ़ा पीने से बुखार से काफी राहत मिल सकती है। चिरायता का काढ़ा शरीर के दर्द से भी राहत दिलाता है।

3. सप्तपर्णी

आयुर्वेद में सप्तपर्णी जड़ी-बूटी का उपयोग कई रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है। बुखार ठीक करने के लिए आप सप्तपर्णी छाल का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। आप चाहें तो सप्तपर्णी छाल के पाउडर को भी गुनगुने पानी में पी सकते हैं। सप्तपर्णी, सभी तरह के बुखार में उपयोगी होता है। इस जड़ी-बूटी को खाने ने बुखार और फ्लू जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

4. कुटकी

कुटकी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। कुटकी में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो शरीर के तापमान को कम करने में मदद करते हैं। अगर आपको बुखार है तो आप कुटकी के काढ़े का सेवन कर सकते हैं। यह जड़ी-बूटी इंफेक्शन आदि से भी बचाता है।

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5. भृंगराज

भृंगराज जड़ी-बूटी बुखार को ठीक करने में मदद करता है। बुखार होने पर आप भृंगराज का सेवन कर सकते हैं। आप भृंगराज का रस पी सकते हैं। कुछ दिनों तक रोजाना भृंगराज का जूस पीने से बुखार से राहत मिल सकती है। आप चाहें तो भृंगराज के चूर्ण को त्रिफला और मिश्री के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं।

बुखार होने पर आप गिलोय, भृंगराज, चिरायता, कुटकी और सप्तपर्णी जैसी जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं।

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