
आजकल बालों के झड़ने, सफेद होने और कमजोर लिवर जैसी समस्याओं में लोग सबसे पहले जिस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का नाम लेते हैं, वह है भृंगराज। इसे केशराज भी कहा जाता है, यानी बालों का राजा। दादी-नानी के नुस्खों से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं तक, भृंगराज को एक चमत्कारी औषधि की तरह पेश किया जाता रहा है। तेल हो, चूर्ण हो या काढ़ा, लोग बिना ज्यादा सोचे-समझे इसका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, क्योंकि आम धारणा है कि आयुर्वेदिक चीजें होती ही सुरक्षित हैं लेकिन क्या वाकई हर आयुर्वेदिक औषधि हर किसी के लिए समान रूप से फायदेमंद होती है? क्या भृंगराज का सेवन कभी नुकसान भी पहुंचा सकता है? यही सवाल आजकल कई लोगों के मन में है, खासकर तब जब वे पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हों या नियमित दवाइयां ले रहे हों। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, भृंगराज का सेवन कब नुकसान कर सकता है?
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भृंगराज का सेवन कब नुकसान कर सकता है?
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि भृंगराज शीतवीर्य और रसायन गुणों से युक्त होता है। यह शरीर को ठंडक देता है और दीर्घकालिक रूप से स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे केश्या यानी बालों के लिए लाभकारी, यकृत यानी लिवर को मजबूत करने वाला और रक्तशोधक माना गया है। सही मात्रा और सही विधि से सेवन करने पर भृंगराज आमतौर पर नुकसान नहीं करता।
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हालांकि भृंगराज एक सुरक्षित औषधि मानी जाती है, लेकिन आयुर्वेदाचार्य के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को किसी तरह की क्रॉनिक डिजीज जैसे लिवर रोग, किडनी समस्या, थायराइड या ऑटोइम्यून बीमारी है, तो बिना डॉक्टर की सलाह भृंगराज का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे मामलों में यह शरीर पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।
- आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार जो लोग पहले से किसी प्रकार की एलोपैथिक या आयुर्वेदिक मेडिसिन ले रहे हैं, उन्हें भृंगराज का सेवन खुद से शुरू नहीं करना चाहिए।
- भृंगराज कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे दवा का असर कम या ज्यादा हो सकता है। खासतौर पर लिवर, ब्लड प्रेशर और शुगर की दवाइयों के साथ इसका सेवन सोच-समझकर करना जरूरी है।
- किसी भी औषधि की तरह भृंगराज का अधिक मात्रा में सेवन भी हानिकारक हो सकता है।
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भृंगराज की सही डोज क्या है? - What is the correct dosage of bhringraj
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि भृंगराज का चूर्ण सामान्य तौर पर 2 से 5 ग्राम तक लिया जा सकता है। इसे गुनगुने पानी या शहद के साथ लेना बेहतर माना जाता है। वहीं भृंगराज का काढ़ा 20 से 30 ml तक लिया जा सकता है, जिसे दिन में 1 या 2 बार सेवन किया जा सकता है। सही डोज और समय का पालन करने से इसके फायदे बेहतर तरीके से मिलते हैं।
निष्कर्ष
भृंगराज एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो सही तरीके से सेवन करने पर बालों, लिवर और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है लेकिन इसे पूरी तरह सुरक्षित मानकर बिना परामर्श के लेना सही नहीं है। क्रॉनिक बीमारी, दवाइयों का सेवन या विशेष शारीरिक स्थिति में भृंगराज नुकसान कर सकता है। इसलिए आयुर्वेदाचार्य की सलाह, सही डोज और सही अवधि के साथ ही भृंगराज का सेवन करना सबसे सुरक्षित और लाभकारी तरीका है।
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FAQ
भृंगराज का सेवन किस रूप में किया जा सकता है?
भृंगराज का सेवन चूर्ण, काढ़ा, रस, टैबलेट के रूप में किया जा सकता है। सेवन का रूप व्यक्ति की समस्या पर निर्भर करता है।क्या भृंगराज का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है?
नहीं, क्रॉनिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और नियमित दवाइयां लेने वालों को इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह नहीं करना चाहिए।क्या भृंगराज बालों के लिए सच में फायदेमंद है?
आयुर्वेद के अनुसार भृंगराज बालों की जड़ों को मजबूत करता है, झड़ना कम करता है और समय से पहले सफेद होने की समस्या में मदद करता है।
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Dec 22, 2025 15:35 IST
Published By : Akanksha Tiwari