आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग मानी जाती हैं, इनकी मदद से हम न केवल दुनिया की खूबसूरती को देख पाते हैं बल्कि जीवन की हर छोटी-बड़ी एक्टिविटी भी आसानी से कर पाते हैं। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आंखों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन का उपयोग, नींद की कमी, प्रदूषण, धूल-मिट्टी और खराब डाइट के कारण आंखों में जलन, लालिमा, सूजन और थकान जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। कई लोग तो समय से पहले ही आंखों की रोशनी कमजोर होने की समस्या का सामना करने लगते हैं।
आयुर्वेद में आंखों की सेहत को बनाए रखने के लिए कई प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का वर्णन (Which herb is best for eyes) मिलता है। इन्हीं में से एक है भृंगराज (Eclipta alba)। आमतौर पर लोग भृंगराज को बालों के लिए लाभकारी औषधि मानते हैं और इसे केशवर्धक जड़ी-बूटी के रूप में जानते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका उल्लेख नेत्र रोगों के उपचार में भी मिलता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, आंखों के लिए भृंगराज के फायदे और उपयोग क्या हैं?
क्या भृंगराज आंखों के लिए अच्छा है? - What is the best herb for eyes
भृंगराज को केशराज भी कहा गया है, जिसका अर्थ है बालों का राजा। लेकिन अन्य आयुर्वेदिक शास्त्रों में इसके नेत्र संबंधी गुण भी विस्तार से बताए गए हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, भृंगराज का स्वरस यानी उसके पंचांग (जड़, तना, पत्ते, फूल और फल) को कूटकर निकाला गया रस आंखों की ऊष्णता और लालिमा को कम करने में सहायक माना जाता है।
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आंखों के लिए भृंगराज के फायदे - What are the benefits of Bhringraj for eyes
मॉडर्न लाइफस्टाइल में देर तक मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन देखने से आंखों में लालिमा और जलन आम समस्या बन गई है। भृंगराज का स्वरस इन लक्षणों को कम करने में सहायक माना जाता है। इसके शीतल गुण आंखों को ठंडक पहुंचाते हैं।
- डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, भृंगराज आंखों की तीक्ष्णता को सुधारने में मदद करता है। यह दृष्टि को साफ करने और आंखों की रोशनी को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
- एलर्जी, धूल-मिट्टी या धुएं के संपर्क में आने से आंखों में सूजन हो जाती है। भृंगराज का रस लगाने से यह सूजन धीरे-धीरे कम हो सकती है।
- नियमित और चिकित्सकीय परामर्श से इसका उपयोग आंखों की रोशनी बढ़ाने और लंबे समय तक आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
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भृंगराज का उपयोग कैसे करें?
भृंगराज के पंचांग को अच्छी तरह कूटकर उसका रस निकाला जाता है। चिकित्सकीय देखरेख में इस रस की 1-2 बूंदें आंखों में डाली जाती हैं। यह आंखों की जलन और लालिमा को कम करने में सहायक होता है।
सावधानियां
- भृंगराज का सीधा प्रयोग आंखों में करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद जरूरी है।
- हर व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) अलग होती है, इसलिए इसका असर भी भिन्न हो सकता है।
- भृंगराज का स्वरस तीक्ष्ण होता है, गलत मात्रा में या बिना मार्गदर्शन के उपयोग करने पर यह आंखों में जलन बढ़ा सकता है।
- गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और जिनकी आंखों में पहले से कोई गंभीर रोग है, वे इसका प्रयोग बिना विशेषज्ञ सलाह के न करें।
निष्कर्ष
भृंगराज केवल बालों के लिए ही नहीं, बल्कि आंखों की सेहत के लिए भी लाभकारी जड़ी-बूटी (What is the best natural eye treatment) है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, इसका स्वरस आंखों की जलन, लालिमा और तीक्ष्णता को सुधारने में मदद करता है। हालांकि, इसका उपयोग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए, क्योंकि यह तीक्ष्ण औषधि है। सही ढंग से प्रयोग करने पर भृंगराज आंखों के लिए प्राकृतिक वरदान साबित हो सकता है।
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FAQ
क्या भृंगराज आंखों की रोशनी बढ़ा सकता है?
आयुर्वेद के अनुसार भृंगराज का स्वरस आंखों की तीक्ष्णता और नेत्रज्योति को सुधारने में सहायक होता है। नियमित और सही मात्रा में इसका उपयोग आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद कर सकता है।क्या भृंगराज आंखों की लालिमा और जलन कम करता है?
जी हां, भृंगराज के शीतल और पित्तशामक गुण आंखों की लालिमा, जलन और थकान को कम करने में सहायक हैं।क्या भृंगराज का प्रयोग बच्चों की आंखों में किया जा सकता है?
छोटे बच्चों की आंखों में भृंगराज का रस सीधे नहीं डालना चाहिए। इस स्थिति में केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।