हमारे आसपास मौजूद पेड़-पौधे किसी न किसी रूप में हमारे स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। नेचर के बीच समय गुजारने से ही कई बार तनाव कम करने में मदद मिलती है। आयुर्वेद में इन्ही पेड़-पौधों को कई जड़ी-बूटियों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन जड़ी बूटियों में रोजमेरी यानी गुलमेंहदी भी शामिल है। रोजमेरी का उपयोग आयुर्वेद में कई समय से मानसिक तनाव दूर करने और दिमाग को शांत करने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रोजमेरी हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में बीमारियों को दूर करने और स्वस्थ रहने के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और विस्तार से इनकी जानकारी पहुंचाने के लिए ओन्लीमायहेल्थ 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) स्पेशल सीरीज चला रही है। इस सीरीज में हम अपने पाठकों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से जानकारी देगें और इसके साथ ही रियल लाइफ स्टोरीज भी शेयर करेंगे, ताकि लोग आयुर्वेदिक इलाज और जड़ी-बूटियों के बारे में जान सकें। रोजमेरी के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है, इस बारे में जानने के लिए हमने नई दिल्ली के चौ. ब्रम्ह प्रकाश चरक संस्थान के द्रव्यगुण विभाग की सहायक प्रोफेसर और आयुर्वेदिक डॉक्टर मोनिका शर्मा (Ayurvedic Dr. Monika Sharma, Asst. Professor, Dravyaguna Dept. Ch. Brahm prakash Charak Sansthan, New Delhi) से बात की।
रोजमेरी क्या होती है?
रोजमेरी एक एरोमेटिक मेडिसिनल प्लांट होता है। इस जड़ी बूटी को हिंदी में गुलमेंहदी के नाम से भी जाना जाता है, जिसे लेटिन भाषा में रोजमैरिनस ऑफिसिनैलिस (Rosmarinus officinalis) कहा जाता है। भारत में इस पौधे का कल्टीवेशन किया जाता है, जिस कारण आपको यह यहां के किसी भी बगीचे, या घरों में आसानी से मिल जाएगा। यह एक एवरग्रीन जड़ी बूटी है, जो लगभग 3 से 4 फिट लंबा होता है। रोजमेरी पौधे के सभी हिस्सों से खुशबू आती है। रोजमेरी के पत्ते पाइन के पत्तों की तरह दिखते हैं, जो चिकने, मोटे और नुकीले होते है। रोजमेरी पौधे पर अक्सर मार्च से मई महीनों के बीच नीले रंग के छोटे-छोटे फूल खिलते हैं। रोजमेरी स्किन, बालों और स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद जड़ी बूटी है।
रोजमेरी के फायदे क्या हैं?
- रोजमेरी का इस्तेमाल लिवर, ब्रेन और हार्ट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।
- यह दिमाग में मौजूद केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) को बढ़ावा देता है।
- रोजमेरी के तेल का इस्तेमाल डिप्रेशन, एंग्जाइटी और तनाव को कम करने में फायदेमंद है।
- एकाग्रता की कमी, मूड स्विंग, चक्कर आना, इमोशनल
- कॉन्शंट्रेशन में कमी, मूड स्विंग, चक्कर आना, इमोशनल आउटबर्स्ट जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करने में रोजमेरी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
- रोजमेरी में लिवर एक्सट्रैक्ट और डाइयूरेटिक गुण होते हैं, जो लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस, गॉलब्लैडर स्टोन, यूरिन इन्फेक्शन में बहुत अच्छे से काम करता है।
- रोजमेरी के पाउडर का सेवन हार्ट के लिए टॉनिक का काम करता है और आपके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
- डायबिटीज के पेशेंट ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए रोजमेरी का सेवन कर सकते हैं।
- शरीर में किसी तरह का दर्द, अस्थमा के मरीज या सर्दी-जुकाम जैसी समस्या में इस तेल से सीने और गले पर मालिश करने से आराम मिलता है।
स्किन पर रोजमेरी ऑयल लगाने से क्या होता है?
रोजमेरी हर्ब का उपयोग स्किन के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, अगर आप इसका उपयोग सही तरह से करें। रोजमेरी में एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने या कट लगने पर इसके तेल को लगाने से इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, इसके तेल का इस्तेमाल चोट पर करने से घाव को जल्दी भरने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, मुंह के छालों को ठीक करने में भी रोजमेरी काफी लाभकारी है। चेहरे के दाग-धब्बों को कम करने और स्किन की रंगत में सुधार करने के लिए भी आप रोजमेरी ऑयल का उपयोग कर सकते हैं।
बालों में रोजमेरी तेल लगाने से क्या होता है?
रोजमेरी औषधिय गुणों से भरपूर होता है, जो एक बेहतरीन हेयर टॉनिक के रूप में काम करती है। आज के समय में रोजमेरी के तेल का इस्तेमाल कई शैंपू या हेयर केयर प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है। रोजमेरी तेल का उपयोग करने से स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे बालों के टूटने और झड़ने की समस्या कम होती है और समय से पहले बालों को सफेद होने से भी रोका जा सकता है। इतना ही नहीं, सीमित मात्रा में रोजमेरी ऑयल का इस्तेमाल बालों पर करने से बाल काले, चमकदार और मुलायम बनते हैं।
रोजमेरी का उपयोग किसे नहीं करना चाहिए?
रोजमेरी का सेवन और उपयोग आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन कई बीमारियों या लोगों को इसके सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉ. मोनिक शर्मा के अनुसार रोजमेरी की तासीर गर्म होती है, इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान, हाइपरटेंशन के मरीज, पित्त प्रकृित के रोगी, मिर्गी के दौरे और उल्टी महसूस होने पर रोजमेरी के सेवन या उपयोग से बचना चाहिए। इसके आलाव, आंखों में या उसके आसपास रोजमेरी का तेल लगाने से बचें, इससे आपके आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
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रोजमेरी का उपयोग कैसे और कितनी मात्रा में करना चाहिए
रोजमेरी का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। आपके स्वास्थ्य से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं से राहत पाने के लिए रोजमेरी के ऑयल या पाउडर का उपयोग होता है। रोजमेरी का पाउडर खाने के लिए और ऑयल त्वचा पर लगाने या इसकी खुशबू से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। रोजमेरी का उपयोग खाली पेट किया जा सकता है, लेकिन इसके सेवन की मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादा मात्रा में रोजमेरी के तेल या पाउडर का इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आप रोजाना खाने के लिए इसका पाउडर 1 से 2 ग्राम ले सकते हैं, जबकि तेल का उपयोग 10 ड्रॉप शरीर, चेहरे या बालों पर लगाने के लिए और इंटरनल लेने के लिए 2 से 3 ड्रॉप्स ही इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
रोजमेरी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। इसके सेवन या इस्तेमाल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन किसी भी बीमारी या समस्या से राहत पाने के लिए रोजमेरी को अपनी डाइट में नियमित रूप से शामिल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर या एक्सपर्ट से सालह जरूर लें, क्योंकि इसका अत्याधिक या गलत तरह से उपयोग करने से आपके सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।