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क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से ऑटोइम्यून बीमारी ठीक हो सकती है? जानें डॉक्टर से

Can Lifestyle Changes Cure Autoimmune Disease: लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप ऑटोइम्यून बीमारी को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते हैं। हालांकि, इसकी मदद से लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।
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क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से ऑटोइम्यून बीमारी ठीक हो सकती है? जानें डॉक्टर से

Lifestyle Changes And Autoimmune Disease: यह बात तो आपने सुनी होगी कि लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को अपनाकर आप अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं और बीमार होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से ऑटोइम्यून बीमारी को ठीक किया जा सकता है? आपको बता दें कि ऑटोइम्यून डिजीज उस कंडीशन को कहते हैं, जिसमें हमारी अपनी इम्यूनिटी गलती से अपने ही सिस्टम को अटैक करने लगती है। आमतौर पर इम्यून सिस्टम का काम शरीर को हार्मफुल बैक्टीरिया और वायरस से बचाव करने का काम होता है। लेकिन, इन बीमारियों में इम्यूनिटी अपनी बॉडी को पहचान नहीं पाता है और खुद को ही अटैक करने लगता है। बहरहाल, ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या लाइफस्टाइल में बदलाव करने से ऑटोइम्यून बीमारी से ठीक हो सकती है? आइए, इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में Consultant Internal Medicine डॉ. अर्पित गुप्ता से जानते हैं इस बारे में विशेषज्ञ की क्या राय है।

क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से ऑटोइम्यून बीमारी ठीक हो सकती है?- Can Lifestyle Changes Reverse Autoimmune Disease

ऑटोइम्यून कंडीशन को लाइफस्टाइल में बदलाव करके पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, लाइफस्टाइल चेंजेस की मदद से इनके लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है। डॉ. अर्पित गुप्ता बताते हैं कि ऑटोइम्यून कंडीशन के लक्षणों को मैनेज करने के लिए आवश्यक है कि आप हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे शरीर में आई सूजन कम होती है, जिससे समस्या में कमी आती है। वैसे इस बात का ध्यान रखें कि ऑटोइम्यून डिजीज में जेनेटिक्स, एन्वायरमेंटल और लाइफस्टाइल फैक्टर्स के बीच कॉम्प्लेक्स इंटरेक्शन शामिल होते हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव, एन्वायरमेंटल फैक्टर्स ऑटोइम्यून कंडीशन को ट्रिगर कर सकते हैं।

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ऑटोइम्यून कंडीशन के लक्षणों को मैनेज कैसे करें?- Lifestyle Changes For Autoimmune Disease

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ऑटोइम्यून कंडीशन के लक्षणों को मैनेज करने के लिए आप लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए यहां दिए गए टिप्स को अपनाएं-

रेगुलर एक्सरसाइज करें

नियमित रूप से मॉडरेट एक्सरसाइज करें। इससे क्रॉनिक इंफ्लेमेशन यानी सूजन में कमी आती है। साथ ही, इसकी वजह से जोड़ अधिक फ्लेक्सिबल होते हैं, मसल्स को मजबूती मिलती है और मेंटल हेल्थ में भी सुधार होता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से कार्डियोवास्कुलर हेल्थ को सपोर्ट मिलता है। इस तरह ऑटोइम्यून कंडीशन के लक्षणों को मैनेज करने में भी मदद मिलती है।

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तनाव को मैनेज करें

ऑटोइम्यून कंडीशन होने पर कई लोग तनाव से घिर जाते हैं। वे अक्सर इस बात को लेकर गुस्से में रहते हैं कि आखिर उनके साथ ऐसा ही क्यों हो रहा है? इस तरह की स्थिति तनाव के स्तर को बढ़ा देती है। ध्यान रखें कि जितना ज्यादा तनाव बढ़ेगा, इसका नेगेटिव असर ऑटोइम्यून कंडीशन पर भी पड़ेगा। इसलिए, कोशिश करें कि हमेशा तनाव को मैनेज करें। जरूरी हो, तो इस संबंध में एक्सपर्ट से मिलें।

अच्छी नींद लें

अच्छी नींद लेना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। विशेषकर, जो लोग ऑटोइम्यून कंडीशन से पीड़ित हैं, उन्हें अपनी नींद से समझौता नहीं करना चाहिए। जब आप अच्छी नींद लेते हैं, तो इसकी वजह इम्यूनिटी बूस्ट होती है, बॉडी एनर्जेटिक रहती है और ऑटोइम्यून कंडीशन के कारण शरीर में नजर आ रहे लक्षणां में भी कमी आती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हर दिन कम से कम 7-9 घंटे की नींद जरूर लें।

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नशीले पदार्थों से दूर रहें

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नशीले पदार्थ जैसे स्मोकिंग या शराब का सेवन न करें। ये एन्वायरमेंटल फैक्टर्स हैं, जो कि ऑटोइम्यून कंडीशन को ट्रिगर करते हैं या इस कंडीशन को और बिगाड़ सकते हैं। वैसे भी स्मोकिंग और शराब का सेवन करने से कई तरह की बीमारियां जैसे कैंसर, हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसलिए, विशेषज्ञ यह सलाह जरूर देते हैं कि नशीले पदार्थों से दूर रहें।

निष्कर्ष

ऑटोइम्यून कंडीशन को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। इसमें कितना सुधार होगा, इस बारे में डॉक्टर सटीक जानकारी दे सकते हैं। हां, अगर लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को अपनाया जाए, तो ऑटोइम्यून कंडीशन के दौरान नजर आ रहे लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है।

All Image Credit: Freepik

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FAQ

  • क्या आप ऑटोइम्यून बीमारी के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं?

    ज्यादातर ऑटोइम्यून कंडीशंस घातक नहीं होते हैं। हालांकि, किस तरह की कंडीशन हुई है, इसका पता चलने पर ही कहा जा सकता है कि मरीज सामान्य जीवन जी सकता है या नहीं। वैसे सही ट्रीटमेंट और हेल्दी लाइफस्टाइल की मददे से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।
  • क्या मेरी ऑटोइम्यून बीमारी मेरी गलती है?

    कोई भी व्यक्ति यह सुनिश्चित तरीके से नहीं कह सकता है कि ऑटोइम्यून डिजी क्यों होते हैं और किस फैक्टर ने इसे ट्रिगर किया है। इसलिए, किसी भी तरह के ऑटोइम्यून कंडीशन के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है।
  • क्या ऑटोइम्यून बीमारियां अपने आप दूर हो सकती हैं?

    ऑटोइम्यून बीमारियों का कोई स्थाई इलाज नहीं होता है। इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है और डॉक्टर की मदद से सही ट्रीटमेंट मिल सकता है।

 

 

 

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  • Nov 10, 2025 16:53 IST

    Modified By : Meera Tagore
  • Nov 10, 2025 16:53 IST

    Published By : Meera Tagore

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