इम्यून सिस्टम खराब होना कई शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है। दरअसल, जब हमारा इम्यून सिस्टम शरीर को रोगों से बचाने के बजाय शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगता है तो ऐसे में ऑटो इम्यून डिजीज हो जाती है। ऑटो इम्यून डिजीज एक गंभीर स्थिति है, जो कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनती है। हाल ही में ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने ऑटोइम्यून रोगों से बचने के लिए कुछ टिप्स शेयर की है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
कई बीमारियों का बनता है कारण
डॉ. मनन इम्यून सिस्टम हमारी शरीर की रक्षा के लिए होता है, लेकिन कई बार यह हमारी बॉडी पर ही अटैक करने लगता है, जिससे आप ऑटोइम्यून डिजीज के शिकार हो सकते हैं। यह बीमारियां पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती हैं, लेकिन अच्छा लाइफस्टाइल मेनटेन करके इसे मैनेज किया जा सकता है। यह रोग कई प्रकार के होते हैं जैसे रेमुटॉइड अर्थराइटिस, एंकेलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस, सोयायटिक अर्थराइटिस और सोरायसिस आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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ऑटोइम्यून डिजीज से बचने के तरीके
- ऑटोइम्यून डिजीज से बचने या इसे मैनेज करने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज और योग करें।
- इसके लिए आप मेडिटेशन या फिर कुछ रेलेैक्सेशन तकनीक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- स्ट्रेस भी ऑटोइम्यून डिजीज का एक बड़ा कारण है, इसलिए इससे बचने के लिए स्ट्रेस को मैनेज करें।
- इसके लिए संतुलित और एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट फॉलो करें। ऐसे में आप ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट ले सकते हैं।
- इस बीमारी के लक्षण नजर आने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय रूमेटोलॉजिस्ट या ऑर्थोपैडिक डॉक्टर से मिलें।
- इसे मैनेज रखने के लिए आपको चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं को नियमित तौर पर खाना चाहिए।
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ऑटोइम्यून डिजीज के लक्षण
- ऑटोइम्यून डिजीज होने पर आपको त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं।
- यह बीमारी होने पर पाचन तंत्र प्रभावित होने के अलावां पेट में दर्द भी हो सकता है।
- ऐसे में जोड़ों में दर्द और सूजन भी आ सकती है।
- इस स्थिति में कमर में दर्द या फिर जकड़न जैसी समस्या भी महसूस हो सकती है।
- ऑटोइम्यून डिजीज होने पर आपको बार-बार बुखार आने के साथ ही थकान भी महसूस हो सकती है।
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